शर्मा बन्धु

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
(शर्मा बंधु से अनुप्रेषित)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
शर्मा बन्धु
जन्मसाँचा:br separated entries
मूलमुज़फ्फरनगर, उत्तर प्रदेश, भारत
मृत्युसाँचा:br separated entries
शैलियांहिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत
लेबलएचएमवी, टी-सीरीज़, वीनस म्यूज़िक, टिप्स
जालस्थलwww.sharmabandhu.com
सदस्य
  • गोपाल शर्मा
  • कौशलेन्द्र शर्मा
  • राघवेन्द्र शर्मा
  • सुखदेव शर्मा

साँचा:template otherसाँचा:ns0

उज्जैन निवासी गोपाल शर्मा, सुखदेव शर्मा, कौशलेन्द्र शर्मा और राघवेन्द्र शर्मा ये चारों भाई शर्मा बन्धु के नाम से जाने जाते हैं।[१][२][३] भजन गायकी में एक नया ट्रेंड स्थापित करने का श्रेय इन्हीं भाईयों को जाता है। चारों मिलकर जब कोई भजन गाते हैं तो भक्ति भाव का बेहद अदभुत वातावरण बन जाता है। शर्मा बंधुओं की निर्झर कल-कल बहती अमृत वाणी से भगवान महादेव की स्‍तुति सुनना अविस्मर्णीय अनुभव है।

'सूरज की गर्मी से तपते हुए तन को मिल जाए तरुवर की छाया' ...... कभी किसी समय फ़िल्म- परिणय (1974) के इस भजन के माध्यम से गायक शर्मा बंधुओं ने हिन्दुस्तानी संगीत प्रेमियों को अत्यंत आनंदित और आह्लादित किया था।[४]

शर्मा बंधुओं के गाये अन्य भजन- 'तेरा मेरा मेरा तेरा...', 'मेरे घनश्याम...', 'जिनके ह्रदय श्री राम बसे। ..', 'सुमिरन करले मेरे मन...' इत्यादि आम जनमानस में बहुत लोकप्रिय हैं! भक्तिपूर्ण भाव से ओत-प्रोत भजनों को सुनने के लिए शर्मा बंधुओ के अनेक एल्बम उपलब्ध हैं, जिनमें 'श्री राम दरबार', 'संतों के अनुभव', 'भजन सुमन', एवं 'श्री राम शरणम् नमः' इत्यादि एल्बम के नाम प्रमुख हैं।[५]

सम्मान

1989 में शर्मा बंधुओं को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। शर्मा बंधु आकाशवाणी तथा दूरदर्शन के साथ 1975 से जुड़े रहे हैं तथा सर्वकालीन प्रसिद्धतम कलाकारों में इनकी गिनती होती है।[६]

बाहरी कड़ियाँ

सन्दर्भ