वैक्युम क्लीनर

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घर पर उपयोग के लिए कनस्तर वैक्युम क्लीनर.

एक वैक्युम क्लीनर, जो हूवर (एक प्रजातिगत ट्रेडमार्क) या स्वीपर के भी नाम से जाना जाता है और आमतौर पर यह वैक्युम क्लीनर कहलाता है, एक ऐसा उपकरण है जो आमतौर पर फर्श से धूल और गंदगी खींचने के लिए आंशिक वैक्युम का निर्माण करता है और इसके लिए वायु पंप का इस्तेमाल होता है। बाद में निपटान के लिए गंदगी को या तो डस्टबैग द्वारा इकट्ठा किया जाता है या चक्रवात द्वारा.

इतिहास

वायुचालित वैक्युम क्लीनर, लगभग 1910
इसे उन्होंने वैक्युम स्वीपर कहने के बजाए कारपेट क्लीनर कहा, दरअसल, उनकी मशीन में एक घूमनेवाला ब्रश था जैसा कि पारंपरिक वैक्युम क्लीनर में होता है, धूल और गंदगी को खींचने के लिए इसके यंत्र के ऊपरी सिरे पर बड़ी-सी धौंकनी लगी है। 10 जून 1860 को हेस ने अपने आविष्कृत वैक्युम क्लीनर के लिए पेंटेंट प्राप्त किया।[१]|पहली तकनीक जिसने वैक्यूम क्लीनर का विकास 1868 में शिकागो में इव्स डब्ल्यू मैकगैफी द्वारा किया गया था|[२]

इवेस डब्ल्यू. मैकगैफे

हाथों से चलाये जानेवाले पहले क्लीनर में "बवंडर" (ह्वर्ल्विन्ड) के सिद्धांत का उपयोग किया गया था, जिसका आविष्कार 1868 में यूएसए (USA) के शिकागो के इवेस डब्ल्यू. मैकगैफे ने किया था। व्हर्लविन्ड मशीन हल्की और छोटे आकार की थी, लेकिन परिचालन में कठिन थी, क्योंकि इसे घुमाने के साथ ही साथ एक ही हाथ से इसे पूरे फर्श पर भी चलाना पड़ता था। 8 जून 1869 को मैकगैफे ने इस उपकरण के लिए पेटेंट हासिल किया और सार्वजनिक तौर पर बेचे जाने के लिए बोस्टन के द अमेरिकन कारपेट क्लीनिंग कंपनी की मदद से इसे सूचीबद्ध किया। 25 डॉलर में इसे बेच दिया गया। यह तय करना कठिन है कि बवंडर (ह्वर्ल्विन्ड) कितना सफल रहा, क्योंकि इनमें से ज्यादातर शिकागो और बोस्टन में बिका और समझा जाता है कि 1871 में इनमें से अधिकांश ग्रेट शिकागो फायर में नष्ट हो गए। ज्ञात रूप से केवल दो ही बच पाए, इनमें से एक को हूवर हिस्टोरिकल सेंटर (Hoover Historical Center) में देखा जा सकता है।

19वीं शताब्दी में संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप में जितने आविष्कारक हुए मैकगैफे उनमें से एक थे, जिन्होंने मैन्युअल वैक्युम क्लीनर का आविष्कार किया। विद्युतचालित "कारपेट स्वीपर एंड डस्ट गैदरर" के रूप में पहले-पहल इसे पेटेंट कराया गया और दिसंबर 1900 में जॅर्जिया के सवाना के कोरिने डूफोर ने इसे मंजूरी दी। साँचा:category handler[<span title="स्क्रिप्ट त्रुटि: "string" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।">citation needed]

मेलविले बिसेल

1876 में, यूएसए (USA) में मिशिगन के ग्रांड रैपिड्स के मेलविले बिसेल ने कालीन से लकड़ी के बुरादे को साफ करने के लिए अपनी पत्नी एना के लिए एक वैक्युम क्लीनर बनाया। इसके तुरंत बाद, बिसेल कारपेट स्वीपर आया। 1889 में मेलविल की अचानक मृत्यु के बाद एन ने कंपनी का नियंत्रण संभाला और वे दुनिया की बहुत ही ताकतवर कारोबारी महिलाओं में से एक बन गयी।[३]

एच. सेसिल बूथ

1901 में पहले मोटरचालित वैक्युम क्लीनर के आविष्कार का श्रेय आमतौर पर हुबर्ट सेसिल बूथ को जाता है, हालांकि इससे दो साल पहले 1899 में अमेरिका के मिसौरी स्थित सेंट लुईस के जॉन थर्मैन ने दरअसल, मोटरचालित वैक्युम क्लीनर का आविष्कार कर लिया था।[४] बूथ ने ट्रेनों में कुर्सियों की धूल उड़ाने वाले एक उपकरण के प्रदर्शन को देखा और सोचा कि धूल को खींच लेने के लिए यह कहीं अधिक उपयोगी होगा। उन्होंने एक रेस्तरां की कुर्सी पर एक रूमाल डालकर इसका परीक्षण किया, उन्होंने रूमाल में अपना मुंह रखा और फिर जितना अधिक हो सके धूल खींचने की उन्होंने कोशिश की। रूमाल के नीचे की ओर धूल और गंदगी जमा देख उन्होंने समझ लिया कि उनका विचार काम कर सकता है। बूथ ने पफिंग बिली नामक एक बड़ा उपकरण बनाया; पहले एक तेल इंजन वाला और बाद में एक विद्युत मोटर चालित. इसे घोड़ों द्वारा खींचा जाता था और साफ करने के लिए इमारत के बाहर खड़ा किया जाता था।

बूथ ने ब्रिटिश वैक्युम क्लीनर कंपनी शुरू की और अगले कई दशकों में अपने आविष्कार को परिष्कृत किया। हालांकि उनका "गोब्लिन" मॉडल हूवर के साथ घरेलू वैक्युम बाजार की प्रतिस्पर्धा में हार गया, लेकिन उनकी कंपनी ने सफलतापूर्वक औद्योगिक बाजार पर अपना ध्यान मोड़ा और कारखानों और गोदामों के लिए बहुत बड़े मॉडल बनाये। न्युमेटिक ट्यूब सिस्टम मेकर क्वायरपेस लि. की एक ईकाई के रूप में आज बूथ की कंपनी चल रही है।साँचा:category handler[<span title="स्क्रिप्ट त्रुटि: "string" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।">citation needed]

निलफिस्क

1910 में पी. ए. फिस्कर ने एक वैक्युम क्लीनर का पेटेंट अपनी कंपनी के टेलीग्राम पते—निफिस्क के नाम पर कराया. यूरोप में यह पहला बिजली से चलनेवाला वैक्युम क्लीनर था। इसे महज 17.5 किलोग्राम वजन की डिजाइन में बनाया गया, जिसे एक व्यक्ति द्वारा भी संचालित किया जा सकता था। कुछ साल पहले ही फिस्कर एंड नीलसन कंपनी का गठन हुआ था। इन दिनों निफिस्क वैक्युम का वितरण निलफिस्क-एडवांस द्वारा किया जाता है।

वाल्टर ग्रिफिथ्स

1905 में "कालीन से धूल हटाने के लिए ग्रिफिथ का उन्नत वैक्युम उपकरण" मैन्युअल तरीके से चलाया जानेवाला एक अन्य क्लीनर था, जिसे वाल्टर ग्रिफिथ मैनुफैक्चरर, बर्मिंघम, इंग्लैंड द्वारा पेटेंट कराया गया था। यह पोर्टेबल था, इसे रखना आसान था और इसे "किसी भी व्यक्ति (जैसे कि एक साधारण घरेलू नौकर)" द्वारा चलाया जा सकता था। इसमें लगे एक धौंकनी जैसे यंत्र का काम दबाव डालने का था। इसमें लगे एक निकाल लिये जाने योग्य एक लचीले पाइप के जरिए धूल को निकाला जाता था, जिसमें विभिन्न आकार की टोंटी लगायी जा सकती थी। यकीनन यह पहला घरेलू वैक्युम क्लीनर उपकरण था, जो आधुनिक वैक्युम क्लीनर से काफी मिलता-जुलता था।

डेविड टी. कैनेडी

अमेरिकी वैक्युम क्लीनर उद्योग की स्थापना के लिए 1903 और 1913 के बीच यूएसए (USA) आविष्कारक डेविड टी. कैनेडी को नौ पेटेंट दिया गया। 1919 में गठित वैक्युम क्लीनर मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन की सदस्यता केवल उन्हीं तक सीमित थी, जो उनके पेटेंटों के तहत लाइसेंसधारी थे।

जेम्स मूर्रे स्पैंग्लर

1907 में, यूएसए (USA) के ओहियो, कैनटोन में एक चौकीदार जेम्स मूर्रे स्पैंग्लर ने पहला व्यावहारिक पोर्टेबल वैक्युम क्लीनर का आविष्कार किया।[४] यह महत्वपूर्ण बात है, इलेक्ट्रिक पंखे, एक बॉक्स और अपनी पत्नी के तकिए के खोल में इस्तेमाल होनेवाले सक्शन को स्पैंग्लर द्वारा डिजाइन की गयी कचरा खाली करने के लिए एक घूमनेवाले ब्रश से जोड़ा गया। धन की कमी के कारण उस डिजाइन का उत्पादन करने में वे असमर्थ थे तो उन्होंने 1908 में विलियम हैनरी हूवर को़ इसे बेच दिया, जिन्होंने स्पैंग्लर की मशीन को इस्पात के आवरण, ढ़लाई और संलग्नकों के साथ फिर से इसे डिजाइन किया। बाद में आने वाले नवोत्पाद में 1920 के दशक का पहला डिस्पोजेबल फिल्टर बैग और 1926 का पहला सीधा खड़ा होनेवाला वैक्युम क्लीनर शामिल हैं।

हूवर

2 जून 1908 को स्पैंग्लर ने अपने घूमनेवाले ब्रश का पेंटेंट कराया और अंतत: इस आइडिया को अपनी भतीजी के पति हूवर को बेच दिया। वे एक नए उत्पाद को बेचने की जुगाड़ में थे, क्योंकि ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में आविष्कार के कारण उनकी 'हूवर हर्नेस एंड लेदर गुड्स' कंपनी विलुप्ति के कगार पर जा रही थी। संयुक्त राज्य अमेरिका में, वैक्युम क्लीनर समेत घरेलू सामानों के अग्रणी निर्माताओं में एक रहा है हूवर; और इस आविष्कार के कारण हूवर बहुत ही अमीर बन गए थे। वास्तव में, ब्रिटेन में हूवर का नाम वैक्युम क्लीनर का इतना बड़ा पर्याय बन गया कि "हरेक की कालीन हूवर की" जैसी स्थिति बन गयी। शुरूआत में यह 'द इलेक्ट्रिक सक्शन स्वीपर कंपनी' कहलाया, उनका पहला वैक्युम ओ (O) मॉडल 1908 में आया, जिसे 60 डॉलर में बेचा गया।

कॉन्स्टलेशन

1960 का हूवर कॉन्स्टलेशन

एक अनोखे वैक्युम क्लीनर के लिए हूवर भी उल्लेखनीय है, कॉन्स्टलेशन हूवर एक कनस्तर वाला वैक्युम क्लीनर है, लेकिन इसमें पहिया नहीं होता है। इसके बजाय, वैक्युम क्लीनर अपने निकासी पर प्रवाहमान होता है और होवरक्राफ्ट की तरह प्रचालित होता है, हालांकि पुराने मॉडल में ऐसा नहीं है। इसमें ऊपर के सिरे में एक घूमनेवाली नली इस अभिप्राय से लगी होती थी कि उपयोगकर्ता कमरे के केंद्र में ईकाई को रखकर प्रचालित करेगा और क्लीनर के आसपास काम करेगा।

1952 में लाया गया कनस्तर वैक्युम क्लीनर संग्रहणीय है और गोलाकार आकृति के कारण आसानी से पहचाने जाते हैं। ये बहुत शोर करते थे, सफाई की क्षमता कम थी और कालीन के ऊपर यह नहीं चल सकता था। लेकिन ये एक दिलचस्प मशीन बन कर रह गए; इनसे काम लिया जाता, सख्त लकड़ी के फर्शवाले घरों में अच्छी तरह काम करते हैं।

कॉन्स्टलेशन को बदल दिए गए थे और 1975 में बंद हो जाने से पहले पिछले कुछ वर्षों तक अद्यतन किए गए। वैक्युम के अंतर्गत इन सभी निकासियों के कॉन्स्टलेशन मार्ग भिन्न एयरफोइल का उपयोग करते हैं। अद्यतन डिजाइन आधुनिक मानकों से काफी मिलते-जुलते हैं, क्योंकि विशेष कर कालीन पर होनेवाली आवाज को ये दबा देते हैं। ये मॉडलों कालीन पर या नंगे फर्श पर - बल्कि सख्त फर्श पर तैरते हुए चलते है, इससे निष्कासित वायु किसी भी तरह के सतह पर या कचरे के आसपास बिखर जाती हैं।

अब हूवर को यूएस (US) में बाद के कॉन्स्टलेशन मॉडल (पर्ल ह्वाइट रंग में # S3341 और इस्पात के रंग # S3345) मॉडल में एक अद्यतन संस्करण के साथ फिर से रिलीज किया गया है। एक हेपा (HEPA) फिल्टरेशन बैग, जो कि एक 12 एम्पीयर का मोटर, एक सक्शन टर्बाइन जो बिजली से ब्रश को फर्श पर घूमाता है, बदलाव को शामिल किया गया और इसके हत्थे को फिर से डिजाइन किया गया, जो टूट जाने वाला था।

इसी मॉडल को मेटैग ब्रांड के तहत यूके (UK) में सैटेलाइट के नाम से विपणन किया गया, क्योंकि इसका लाइसेंस प्रतिबंधित था।

यूएस (US) की पुरानी ईकाई में सक्शन योग्य 5.2 एम्पीयर मोटर डाला गया, लेकिन इन सभी में मोटरचालित ब्रश नहीं था। इसलिए वे आम तौर पर सख्त फर्श पर या छोटे कालीनों पर बेहतर काम करते हैं। पुरानी इकाइयां हूवर की तरह के जे (J) पेपर बैग होते हैं, लेकिन ये छोटे किस्म के एस (S) ऐलर्जन फिल्टरेशन बैग को पुराने वैक्युम के खाने में आसानी से काट-छांट कर फिट किया जा सकता है। यूएस (US) हूवर से प्रतिस्थापन मोटर्स अभी भी कुछ मॉडलों के लिए उपलब्ध हैं।

1973 में सेलिब्रेटी नाम से हूवर ने हवा में चक्कर लगाने वाला वैक्युम क्लीनर का एक और मॉडल तैयार किया। इसका चपटा आकार "उड़न तश्तरी" जैसा है। पारंपरिक कनस्तर मॉडल को कुछ देर चलने के बाद हवा में चक्कर लगानेवाले वैक्युम की तरह बनाने के लिए हूवर में पहिए जोड़े गए हैं। यह एच (H) किस्म के बैग का उपयोग करता है।

इलेक्ट्रोलक्स मॉडल वी

शुरूआती वैक्युम क्लीनर भारी खड़ी रहनेवाली इकाइयां हुआ करती थी और आसानी से कहीं नहीं ले जाना जा सकता था। लेकिन 1921 में इलेक्ट्रोलक्स मॉडल वी लेकर आया, जिसे दो पतले धातु के चलाया जानेवाले के लिए डिजाइन किया गया था। इस नवाचार की कल्पना इलेक्ट्रोलक्स के संस्थापक एक्सल वेनेर-ग्रेन द्वारा की गयी थी, भावी पीढ़ी के वैक्युम क्लीनर के लिए यह एक मानक विशेषता बन गयी।

70 सालों तक 1930 के दशक के इलेक्ट्रोलक्स वैक्युम क्लीनर के इस्तेमाल होने का रिकॉर्ड था और अंतत: 2008 में यह टूट गया।[५]

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद

डायसन DC07 खड़ा होनेवाला वैक्युम क्लीनर धूल और हवा में उड़ते कणों को अलग करने का काम बेलनाकार संग्रह पात्र के जरिए करने के लिए अपकेंद्रीय बल का इस्तेमाल करता है।

इसके आने के बाद बहुत सालों के बाद तक वैक्युम क्लीनर एक विलासी वस्तु के रूप में ही रह गया था; लेकिन द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद मध्यवर्गों के बीच में ये आम हो गए।साँचा:category handler[<span title="स्क्रिप्ट त्रुटि: "string" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।">citation needed] पश्चिमी देशों में ये कहीं अधिक चलन में आ गए, क्योंकि दुनिया के ज्यादतर हिस्सों में, दीवार से दीवार तक कालीन बिछाया जाना और घरों में टाइल या सख्त लकड़ी के फर्श असामान्य हैंसाँचा:category handler[<span title="स्क्रिप्ट त्रुटि: "string" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।">citation needed], जिसमें आसानी से बुहारा, झाड़ू या पोंछा लगाया जाता है।साँचा:category handler[<span title="स्क्रिप्ट त्रुटि: "string" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।">citation needed]

वैक्युम क्लीनर चक्रवात के सिद्धांत पर काम करनेवाला वैक्युम क्लीनर 1990 के दशक में लोकप्रिय हो गया, हालांकि कुछ कंपनियों (विशेष रूप से फ़िल्टर क्वीन और रेजिना) ने 1928 से चक्रवाती सक्रियता वाले वैक्युम क्लीनर बनाती रही है। 1985 में ब्रिटिश डिजाइनर जेम्स डायसन द्वारा आधुनिक चक्रवाती क्लीनर को औद्योगिक आधुनिक चक्रवाती विभाजक से रूपांतरित किया गया। 1980 के दशक में उन्होंने चक्रवाती क्लीनर को 1,800 यूएस (US) डॉलर में पहली बार जापान में लॉन्च किया और बाद में 1993 में सीधे यूके (UK) में 200 पाउंड में डायसन डीसी01 (Dyson DC01) लॉन्च किया। उम्मीद यह थी कि लोग एक आम वैक्युम क्लीनर की तुलना में दुगुनी कीमत देकर कोई वैक्युम क्लीनर नहीं खरीदेंगे, लेकिन बाद में यह यूके (UK) में सबसे अधिक लोकप्रिय वैक्युम क्लीनर बन गया।

चक्रवाती क्लीनर में बैग का उपयोग होता है, इसके बजाय धूल एक ऐसे गोल पात्र में इकट्ठा होता, जो कि अलग किया जाने लायक होता है। भंवर का निर्माण करते हुए पात्र की दीवार की तरफ स्पर्शरेखा की दिशा में हवा और धूल तेज गति से उड़कर पात्र में इकट्ठा होती है। धूल के कणों और अन्य कचरों को अपकेंद्री बल के द्वारा जहां वे गिरती है उसका कारण गुरुत्वाकर्षण हैं और पात्र के ऊपरी हिस्से में एक के बाद एक कई संख्या में महीन फिल्टर के से होकर साफ हवा भंवर के केंद्र से मशीन से बाहर निकल कर आती है। पहला फिल्टर उन कणों को रोक लेता है जो इसके पीछे लगे फिल्टर को, जो और भी अधिक महीन धूल को हटाता है, नुकसान पहुंचा सकता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि मशीन प्रभावी तरीके से काम करता रहे, फिल्टरों को नियमित रूप से साफ किया या बदला जाना चाहिए। डायसन के बाद हॉवर समेत कई अन्य कंपनियां चक्रवाती मॉडल लेकर आयीं और तब एक पारंपरिक क्लीनर की तुलना में सबसे सस्ता मॉडल भी महंगा नहीं रहा।

2000 के शुरूआत में कई कंपनियों ने रोबोट "वैक्युम" क्लीनर विकसित किया। इसके कुछ उदाहरण हैं रूंबा (Roomba), रोबोमैक्स (Robomaxx), इंटेलीबोट (Intellibot), ट्रिलोबाइट (Trilobite) और फ्लोरबोट (FloorBot). ये मशीने पूरे फर्श पर एक पैटर्न में अपने आप में आगे बढ़ती है, सतह की धूल को साफ करती और कचरे को अपने कचरे के डब्बे में डालती है। ये आमतौर पर फर्नीचरों के आसपास घूम सकती है और दोबारा अपने काम पर लग जाती है। ज्यादातर रोबोट वाले "वैक्युम" क्लीनर का डिजाइन घर पर उपयोग के लिए किया जाता है, हालांकि दफ्तरों, होटलों, अस्पतालों आदि में परिचलान के लिए और अधिक सक्षम मॉडल हैं। जैसे कि कुछ रूंबा में असली वैक्युम का निर्माण करने के लिए उसे इंपेलर मोटर से लैस किया गया है।[६][७] 2003 के अंत तक दुनिया भर में लगभग 570,000 इकाइयां बिकीं थीं।साँचा:category handler[<span title="स्क्रिप्ट त्रुटि: "string" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।">citation needed]

2004 में एक ब्रिटिश कंपनी एयराइडर रिलीज किया, जो कि आगे-पीछे होने वाला एक ऐसा वैक्युम क्लीनर था जो कुशन के ऊपरी सतह पर तैरता है। दावा किया जाता है कि वजन में यह हल्का और कौशल में आसान होता है (ह्वील के उपयोग की तुलना में), हालांकि ऐसा करनेवाला यह पहला वैक्युम क्लीनर नहीं है - कम से कम 35 सालों पुराना है हॉवर कान्स्टलेशन.

तकनीक

एक वैक्युम का खींचना हवा के दबाव में अंतर आने के कारण होता है। एक बिजली का पंखा मशीन के अंदर दबाव कम कर देता है। तब वायुमंडलीय दबाव हवा को टोंटी (नोजल) के जरिए कालीन पर धक्का देता है, जिससे धूल पूरी तरह से बैग में पहुंच जाता है।

परीक्षणों से पता चला है कि वैक्युम पंप की सफाई से छोटे पिस्सूओं का 100% और वयस्क पिस्सूओं का 96% सफाया हो सकता है।[८]

एक ब्रिटिश आविष्कारक ने सफाई की एक नई तकनीक विकसित की है जो एयर रिसाइक्लिंग तकनीक के रूप में जाना जाता है, जो कालीन से घूल को इकट्ठा करने के लिए वैक्युम के बजाय हवा के प्रवाह का उपयोग करता है।[९] इस तकनीक की जांच मार्केट ट्रैन्स्फर्मेशन प्रोग्राम (Market Transformation Programme) (एमटीपी (MTP)) द्वारा की गयी और दिखाया गया कि यह वैक्युम पद्धति की तुलना में कहीं अधिक ऊर्जा कुशल है।[१०] हालांकि प्रोटोटाइप के रूप में काम करनेवाले किसी भी क्लीनर के निर्माण में एयर रिसाइक्लिंग तकनीक का उपयोग मौजूदा समय में नहीं हो रहा है।

विन्यास

रोबोटिक वैक्युम क्लीनर आईरोबोट रूंबा डिस्कवरी (iRobot Roomba Discovery) अपने आप ही काम करता है।
आवासीय उपयोग के लिए एक आम सेंट्रल वैक्युम ईकाई

वैक्युम क्लीनर में इस तरह का विन्यास होता हैं:

  • सीधा खड़ा होनेवाले वैक्युम क्लीनर में सफाई के लिए एक सिरा होता है, इसमें एक हत्था और थैला लगा होता है। खड़ा रखनेवाला डिजाइन में आमतौर पर घूमनेवाला एक ब्रशरोल या बीटर बार होता है, जो धूल को बुहार कर और थरथरी पैदा करके हटाता है। दो तरह के खड़ा रहने वाले वैक्युम क्लीनर होते हैं; डर्टी फैन (dirty-fan)/डायरेक्ट एयर (direct air) (ज्यादातर वाणिज्यिक वैक्युम में पाए जाते हैं), या क्लीन-एयर (clean-air)/फैन बाईपास (fan-bypass) (ज्यादातर आजकल के वैक्युम में पाया जाता है).
    पुराने दो डिजाइनों में से डिरेक्ट-फैन क्लीनर में एक बड़ा-सा इंपेलर (पंखा) लगा होता है, जो कि धूल खींचनेवाले हिस्से के करीब लगा होता है, धूल थैला में डाले जाने से पहले सीधे इससे होकर गुजरती है। एक अलग शीतलन पंखे द्वारा मोटर हमेशा ठंडा रहता है। बड़े ब्लेड वाले पंखों और हवा निकलने के लिए अपेक्षाकृत छोटी जगह की वजह से, डिरेक्ट-फैन क्लीनर बहुत ही कम बिजली की खपत से बहुत सक्षम एयरफ्लो का निर्माण करता है और इससे यह बहुत ही बढि़या कालीन क्लीनर बन जाता है। जब यह लंबी नली के माध्यम से गुजरता है तो इनमें हवा का प्रवाह खत्म हो जाता है, इसलिए 'ऊपरी फर्श' के लिए इनकी सफाई क्षमता कम प्रभावीशाली होती है।
    फैन-बाईपास खड़ा रहने वाले में इनका मोटर थैले के बाद लगा होता है। हवा की धार से धूल को बैग, सामान्य तौर पर फिल्टर द्वारा पंखे से होकर गुजरने से पहले निकाल दिया जाता है। पंखे छोटे होते हैं और बिजली की क्षमता को बढ़ाने के लिए ये आमतौर पर कई घूमती हुई और अनुक्रम में काम करनेवाली अपरिवर्तित टर्बाइनों से जुड़ी होती है। मोटर को इससे गुजरती हुई हवा की धार से ठंडा रखा जाता है। फैन-बाईपास वैक्युम कालीन और ऊपरी फर्श की सफाई दोनों के लिए अच्छे होते हैं, क्योंकि इनके सक्शन नली की दूरी उल्लेखनीय रूप से कम नहीं होती है, जैसा कि डिरेक्ट-फैन क्लीनर में होता है। हालांकि, इनमें हवा के लिए जगह बहुत कम होती है और एक जैसे परिणाम प्राप्त करने के लिए इसमें डिरेक्ट-फैन क्लीनर की तुलना में दुगनी जगह की जरूरत होती है।
    ब्रश-रोल को घूमाने के लिए कम सामान्य खड़ा होनेवाला वैक्युम क्लीनर बिजली सक्शन मोटर के द्वारा ड्राइव-बेल्ट का उपयोग करता है। हालांकि, दोहरे मोटर के कहीं अधिक आम डिजाइन के खड़ा होने वाले क्लीनर भी उपलब्ध हैं। ऐसे क्लीनर में, एक बड़े मोटर के माध्यम से सक्शन प्रदान की जाती हैं, जबकि एक अलग छोटे मोटर द्वारा ब्रश-रोल को बिजली आपूर्ति की जाती है, जो कि किसी तरह का सक्शन पैदा नहीं करता है। ब्रश-रोल मोटर का स्विच बंद किया जा सकता है, इसीलिए सख्त फर्श में बिखरी हुई धूल को बगैर ब्रश-रोल के साफ किया जा सकता है। इसमें स्वचालित कट-ऑफ की भी सुविधा हो सकती है, अगर ब्रश-रोल जाम हो जाए तो नुकसान से बचाने के लिए यह मोटर को बंद कर देता है।
  • एक लचीली नली के द्वारा वैक्युम के सिरे में कनस्तर (या सिलेंडर या टैंक) डिजाइन वाला मोटर और थैला एक अलग टीन का डिब्बा का यूनिट (आमतौर पर ह्वील में लगा हुआ) जुड़ा होता है। हालांकि सीधी खड़ी इकाइयों को और अधिक प्रभावी (मुख्यत: विस्पंदन के कारण) की तरह जांचा गया है, कनस्तर मॉहल के हलके और कहीं अधिक युक्तियुक्त सिरे लोकप्रिय हैं। कुछ महंगे कनस्तर मॉडलों पावर सिरे होते हैं, जिसमें इसी तरह का यांत्रिक विस्पंदन लगा होता है, हालांकि ऐसे विस्पंदन को एक अलग विद्युतीय मोटर या हवा से संचालित टर्बाइन द्वारा चालित होता है। एक ड्राइव बेल्ट के जरिए ब्रश-रोल को घुमाने के लिए टर्बाइन सक्शन की क्षमता का उपयोग करते हैं, न कि प्रभावशाली ढंग से काम करने के लिए उच्च क्षमतावाले सक्शन की जरूरत होती है।
  • वेट वैक्सेज या गीले/शुष्क वैक्युम—एक विशिष्ट प्रकार का एक कनस्तर वैक्युम, जिसका उपयोग गीली या पानी को फैला कर सफाई करने में किया जा सकता है। आमतौर पर ये दोनों गीली और सूखी गंदगियों को समायोजित कर सकते हैं, कुछ में स्विच लगा होता है या फिर हवा के प्रवाह को पलटने के लिए खाली जगह होती है, नली के अवरुद्ध हो जाने पर इससे घूल को कोने में आसानी से उठा लेने के लिए निकाल दिया जाना इसका सबसे उपयोगी काम है।
  • नूमैटिक वैक्सेज या वायुचालित गीले/शुष्क वैक्युम क्लीनर—एक खास प्रकार का वैक्युम—जिसका इस्तेमाल सू्खा या पानी फैला कर सफाई के लिए किया जा सकता है, जो कि हवा के संपीडि़न के लिए जोड़ा गया है। आमतौर पर ये दोनों गीले और सूखे कचरों को समायोजित कर सकता है, यह विशेषता औद्योगिक संयंत्रों और विनिर्माण सुविधाओं में एक उपयोगी हैं।
  • बैग-पैक वैक्युम का उपयोग आमतौर पर वाणिज्यिक सफाई के लिए होता हैं: यह उपयोगकर्ता को तेजी से एक बहुत ही बड़े क्षेत्र में काम करने देता है। मूलत: ये कनस्तर वैक्युम क्लीनर होते हैं, बशर्ते इसकी पट्टियों का इस्तेमाल कनस्तर यूनिट को उठाने के लिए उपयोगकर्ता की पीठ हो।
  • बिल्ट-इन या सेंट्रल वैक्युम क्लीनर, जो डक्ट क्लीनर के रूप में भी जाना जाता है, इमसें सक्शन मोटर और थैले को इमारत के केंद्रीय स्थल पर ले जाता है, यह पूरी इमारत की वैक्युम नाकाबंदी कर देता है: इसकी नली और कचरे को उठाने वाले सिरे को केवल सभी कमरों में ले जाने की जरूरत होती है, चंकि यह नली आमतौर पर 8 एम (25 फुट) लंबी होती है, इसीलिए वैक्युम नाकाबंदी में परिवर्तन किए बगैर बहुत बड़े क्षेत्र तक इसे लेकर जाया जा सकता है। एक प्लास्टिक पाइप केंद्रीय इकाई को नाके से जोड़ता है। वैक्युम का सिरा बिजली का उपयोग नहीं भी कर सकता है और तब एक विद्युत मोटर से या वायु चालित मोटर से विस्पंदन को चलाया जा सकता है।
    सेंट्रल वैक्युम प्रणाली में कचरे का बैग आमतौर पर इतना बड़ा होता है कि इसे खाली करने या बलदने की जरूरत कम ही होती है, बहुत हुआ तो साल में एक बार. केंद्रीय इकाई आमतौर पर स्टैंड-बाई होता है और नली के हत्थे पर लगे स्विच से चालू किया जाता है या जब इंटेल की दीवार में नली को लगाया जाता है तो विद्युत ऊर्जा की ईकाई चालू हो जाती है और बिजली मुख्य ईकाई में कम वोल्टेज तार के जरिए संचारित होती है। इस तरह की एक ईकाई वैक्युम क्लीनर की तुलना में एक बहुत अच्छा सक्शन तैयार करती है, क्योंकि इसे कहीं उठा कर ले जाने की जरूरत नहीं होती है तो इसके बड़े पंखे और कहीं अधिक शक्तिशाली मोटर का इस्तेमाल किया जा सकता है। एक सेंट्रल वैक्युम प्रणाली का एक अन्य लाभ यह है कि जहां मानक वैक्युम क्लीनर, जो साफ हो चुके कमरे में इकट्ठा की गई गंदगी को थोड़ा वापस छोड़ देती है (इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि उसका फिल्टर कितना प्रभावशाली है), वहीं सेंट्रल वैक्युम क्लीनर अपनी केंद्रीय ईकाई में तमाम गंदगी को इकट्ठा कर लेती है। चूंकि यह केंद्रीय इकाई आमतौर पर लिविंग एरिया से बाहर होता है, साफ हो चुके कमरे में धूल वापस नहीं पहुंचती है। इसके अलावा, मोटर इकाई के दूर स्थित होने की वजह से, एक सामान्य वैक्युम क्लीनर की तुलना में साफ हो रहे कमरे में शोर कम होता है। साथ में नवीनतम मॉडल में आवासीय क्षेत्र के भीतर रहनेवाली ईकाई के साथ से कचरे को पूरी तरह से बाहर निकाल देना भी संभव है।
  • रोबोट वैक्युम क्लीनर खुद-ब-खुद काम करता हैं, आमतौर पर ज्यादातर अराजक तरीके से ("बेतरतीबी से लपक कर"). कुछ अपने बैटरी चार्ज करने के लिए डॉकिंग स्टेशन पर वापस लौट आता है और कुछ अपने धूल के पात्र को गोदी में खाली करने में सक्षम होता है।
  • छोटे हैंड-हेल्ड वैक्युम क्लीनर, या तो बैटरी चालित या बिजली से संचालित होता है, बिखरे कचरे की सफाई के लिए लोकप्रिय होते हैं। जैसे कि तूफान से उठा धूल-पत्तियों का कचरा या छिटपुट कचरा.
  • ड्रम वैक्युम का इस्तेमाल औद्योगिक अनुप्रयोगों में होता है। इस तरह के एक विन्यास के साथ एक औद्योगिक ड्रम के ऊपर एक वैक्युम "हेड" लगा होता है, इसका इस्तेमाल कचरे या रिकवरी कंटेनर के रूप में होता हैं। बिजली और संपीड़ित हवा संचालित मॉडल आम हैं। संपीडित वायु वैक्युम वेंचुरी प्रभाव का उपयोग करता है।

विभिन्न तरह के विशेष संलग्नक, उपकरण, ब्रश और विस्तार के लिए अतिरिक्त डंडा के साथ ज्यादातर वैक्युम क्लीनरों की आपूर्ति की जाती है, ताकि वे दुर्गम स्थानों तक पहुंच सके या विभिन्न तरह के सतहों की सफाई के लिए इसका उपयोग किया जा सके। ऐसे सबसे अधिक आम उपकरणों निम्न हैं:

  • धूल बुहारने वाली ब्रश
  • क्रेविस उपकरण
  • साजो-सामान उपकरण

कचरे को छानना

ऊपर हुआ डस्टबैग

वैक्युम अपने स्वभाव के कारण हवा की निकासी द्वारा हवा को वहन करती हैजो कि पूरी तरह से छनी हुई नहीं होती है। इसके कारण सेहत में समस्या पेश आ सकती है, क्योंकि प्रचालक अंतत: धूल फांस ही लेता हैं। इस समस्या का हल करने के लिए निर्माता बहुत सारी पद्धतियों का प्रयोग करते हैं। एक ही वैक्युम में कई तरीके एक साथ सम्मिलित किए जा सकते हैं। आमतौर पर फिल्टर को इस तरह लगाया जाता है कि मोटर तक पहुंचने से पहले भीतर आनेवाली हवा इससे होकर गुजरे. साधारण वैक्युम क्लीनर, को एस्बेस्टोस फाइबर को साफ करने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए, अगर 'हेपा' (HEPA) फिल्टर लगा हुआ हो तो भी.[११]

  • बैग: थैला वैक्युम करते हुए कचरों को इकट्ठा करने की एक सामान्य पद्धति है। इमसें एक कागज या कपड़े का बैग होता है जो कि हवा को इससे होकर गुजरने देता है, लेकिन यह पूरे धूल और कचरे को बैग में डाल लेने का प्रयास करता है।
  • बैगलेस: गैर-चक्रवाती थैला रहित मॉडल में, बैग की भूमिका बैग कंटेनर द्वारा पूरी की जाती है और फिर से उपयोग में आनेवाला फिल्टर फिर से उपयोग किए जानेवाले कड़े के बैग के जैसा ही होता है।
  • साइक्लोनिक सेपरेशन: इस पद्धति वाला वैक्युम क्लीनर भी थैला रहित होता है। इसमें ली जानेवाली हवा इतनी तेजी से घूमती या चक्कर काटती है कि धूल हवा से बाहर निकल कर भंडारण थैल में गिर जाने को बाध्य हो जाती है। यह काम अपकेंद्रित्र के ही जैसा है।
  • वाटर फिल्टरेशन: 1920 में वाणिज्यिक तौर पर इसे पहली बार न्यूकोम्बे सेपरेटर के रूप में (बाद में यह रेक्सएयर रेनबो हो गया), बाटर फिल्टरेशन वैक्युम क्लीनर फिल्टर के लिए पानी का इस्तेमाल करता है। निकासी से पहले अंतर्ग्रहित हवा को यह पानी से होकर गुजरने के लिए बाध्य करता है। इसके पीछे विचार सोच यह है कि गीली धूल हवावाहित नहीं हो सकती है। फेंकने के लिए इन्हें पानी की जरूरत होती है और हर बार उपयोग के बाद मशीन इसे खंगाल लेता है।
  • अल्ट्रा फाइन एयर फिल्टर: इस पद्धति का इस्तेमाल हवा के पूरे मशीन से होकर गुजरने के बाद एक दूसरे दर्जे के फिल्टर के रूप में होता है। बचे-खुचे धूल को निकाल देन के लिए ही यह होता है, ताकि प्रचालक को वह नुकसान न पहुंचा सके। बदबू को हटाने के लिए कुछ वैक्युम क्लीनर चारकोल फिल्टर का प्रयोग करते हैं।

विशेष ब्यौरा

एक वैक्युम क्लीनर का प्रदर्शन कई मापदंडों से मापा जा सकता है:

  • हवा का प्रवाह प्रति मिनट घन फुट में (CFM or ft³/min) या / लीटर प्रति सेकंड(l/s)
  • हवा की गति प्रति घंटे मील में (mph) या प्रति सेकंड मीटर में (m/s)
  • सक्शन, वैक्युम, या पानी उठाने की क्षमता पानी के इंज या पास्कल में (Pa)

एक वैक्युम क्लीनर का अन्य ब्यौरा इस प्रकार हैं:

  • पाउंड (पौंड) में वजन, या किलोग्राम (किलो) में
  • डेसिबल (dB) में आवाज की तीव्रता
  • बिजली के तार की लंबाई और नली की लंबाई (जो भी लागू हो)

प्रदर्शन का मीटर

खींचने की क्षमता

सक्शन अधिकतम दबाव का अंतर है कि जिसकी रचना एक पंप कर सकता है। उदाहरण के लिए, एक आम घरेलू मॉडल में सक्शन लगभग 20 किलो पास्कल ऋणात्मक होता है। इसका अर्थ यह हुआ कि 20 किलो पास्कल द्वारा यह सामान्य वायुमंडलीय दबाव (लगभग 100 किलो पास्कल) से नली के अंदर के दबाव को कम कर सकता है। खींचने की उच्च दर क्लीनर को और अधिक मजबूत बनाती है। पानी का एक इंज 249 पास्कल के बराबर होता है; इसलिए, यह पानी का एक आम सक्शन साँचा:convert होता है।

बिजली की लागत

क्लीनर में बिजली की खपत, वाट में, प्रायः एकमात्र नियत आंकडा है। कई उत्तर अमेरिकी के वैक्युम क्लीनर निर्माता विद्युत केवल वर्तमान एम्पीयर (उदा. के लिए "12 एम्पीयर") में देते हैं[१२] और उपभोक्ता को वाट में बिजली की दर प्राप्त करने लिए लाइन के 120 वोल्ट के वोल्टेज से गुणा करने के लिए छोड़ देते हैं। उपभोक्ता को बिजली क्लीनर की प्रभावशीलता का संकेत नहीं, केवल बिजली की खपत कितनी हुई इसका संकेत देती है।

काम करने की क्षमता

बिजली को हवा की धार में परिवर्तित किए माने की मात्रा कभी-कभी सफाई करनेवाली नली के अंतिम छोर पर दिखाया जाता है और इसे एयरवाट से मापा जाता है: इसकी ईकाई महज वाट होती है; "हवा" इसके काम करने की क्षमता के बारे में बताता है, न कि बिजली की खपत के बारे में.

एयरवाट की उत्पत्ति अंग्रेजी यूनिट से हुई है। एएसटीएम इंटरनेशनल (ASTM International) एयरवाट को 0.117354 *एफ* एस (* F * S) के रूप में परिभाषित करता है, जहां एफ (F) ft3/m में हवा के प्रवाह की दर है और पानी के इंज में एस (S) दबाव है। यह एक एयरवाट को 0.9983 वाट के समान बनता है।[१३]

विविधताएं

कुछ छोटे वैक्युम क्लीनर एसी बिजली (AC power) का उपयोग करने के बजाए कम-वजनी, पोर्टेबल और रिचार्ज योग्य होते हैं।

कुछ वैक्युम क्लीनर में एक ही मशीन में सूखी और बाद में गीली सफाई के लिए बिजली वाला पोछा भी लगा होता है।

इन्हें भी देखें

  • घरेलू उपकरण
  • हाइपो ऐलेर्जेनिक वैक्युम क्लीनर
  • झाड़ू
  • स्ट्रीट स्वीपर
  • चूषण उत्खनक

फूटनोट्स

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  6. रूम्बा नैदानिक परीक्षणों की प्रक्रिया.. स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। 17-01-2008 को पुनःप्राप्त.
  7. जैक परड्यू. अपने रूम्बा को फिर से जोड़ना. स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। 21 मार्च 2006. 24-06-2007 को पुनःप्राप्त.
  8. साँचा:cite web
  9. एड्गिंटन, बी. (2008) "एयर रिसाइक्लिंग क्लीनर" http://www.g0cwt.co.uk/arc/ स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। Accessed:20 अगस्त 2009.
  10. मार्केट ट्रांस्फौर्मेशन प्रोग्रैम (2006), "BNXS30: वैक्युम क्लीनर - ब्रिटेन के बाजार, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा का उपयोग, परीक्षण तरीकों और बेकार" http://www.mtprog.com/spm/download/document/id/613 स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। Accessed: 20 अगस्त 2009.
  11. साँचा:cite web
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सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ

साँचा:commons

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