वेम्बनाड झील

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साँचा:infoboxसाँचा:main otherसाँचा:main otherसाँचा:main other कोट्टायम में नहरों और नदियों की विस्तृत श्रृंखला है जो वेम्बानद झील में आकर मिलती हैं और उसके जल का विस्तार करती हैं। वेम्बानद झील एक आकर्षक पिकनिक स्थल भी है। यह झील बेकवाटर पर्यटन के रूप में तेजी से विकसित हो रहा है। यहां बोटिंग, फिशिंग और साइटसीइंग के अनुभवों का आनंद लिया जा सकता है। वेम्बनाड झील को केरल के कई जिलो में अलग अलग नाम से जाना जाता है। इस झील की लम्बाई ९६ किलो मीटर है और इसकी चोड़ाई १४ किलो मीटर है। इस झील की गहराई १२ मीटर है। यह झील कुट्टनाड में पुन्नमड झील बुला के लोग पहचानते हैं। ऑर कोच्चि में यह झील कोच्चि झील के नाम से जाना जाता है। पोर्ट ऑफ़ कोच्चि दो द्वीप के आस पास में है-विल्लिंडण द्वीप ऑर वल्लारपाडं द्वीप। सबसे बडा ऑर प्रसिद्ध नेह्रु ट्रोफि नॉका दॉड इस झील पर प्रबन्द होती है। बहुत ऊँचाई प्रदूषण हमें वेंबनाड

झील के कुछ जगह पर दिखाई देता है। इसलिए भारत सरकार ने इस झील को 'राष्ट्रीय जलभूमि संरक्षण योजनामें शामिल कर लिया है ।ै।

केरल में स्थिति

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भूमिशास्त्र ऑर जल विज्ञान

वेम्बनाड जलभूमी का क्षेत्रफल २०३३.०२ किलो मीटर है इसकी वजह से भारत का सबसे बडा जलभूमी है। इस जलभूमि को घेरे हुए है आलापुज़ा, एर्नाकुलम, कोट्टयम जिल्ले। यह समुद्र की स्थर पर है ऑर अरब सागर से एक सैकडों से जलद्वीप से बडा हुआ है। विभिन्न नहरे इस झील को उत्तर एवं दक्षीण जोडती है। यह झील पातिरामणल, पेरुंबलं ऑर पल्लिपुरम जल द्वीपों को घेरे हुए है। पिछले कुछ वर्षों में अपने सॉदंर्य के कारण वश सलानियों को आकर्षित करती है। सबसे प्रसिद्ध स्थान कुमरकं पर्याटक गाँव है, जो की झील के उत्तरी तड पर स्थित है।'कुमरकं पक्षी अभयारण्य' कुमरकं गाँव के उत्तर दिशा में स्थित है। रामसार समिती के अनुसार इस जमभूमी को अंदाराष्ट्रीय महत्व का प्रमाण दिया गया है। यह प्रमाण झील की संरक्षण केलिए प्रदान किया गया है। पिछले कुछ सालों में झील को जलस्थर निरंतर कम होता जा रहा है। यह १९१७ में २९०.८५ चतुरस्त्र किलो मीटर था। पर १९९० तक घडकर २२७ चतुरस्त्र किलो मीटर ही रह गया है। जल स्थर में कभी विभिन्न परियोजनाऑं के चलते आई है। इन में से प्रमुख है कोच्चिन बंदर गाह पर स्थित विल्लिंडण जलद्वीप का विस्तार करने केलिए। विकास की इन परियोजनावों के कारण जलभूमी का क्षेत्रफल बहुत कम हो गया है। इस जलभूमी में १२५२ मीटर लंबा नमकीन पानी का तणीर बाँध है। यह बाँध कुट्टनाड परियोजना कार्य के अंतरंकत बनाया गया था। इस्का प्रयोग धराओं को रोकने ऑर नमक के पानी को कुट्टनाड के नीचले भागों में घुसने से रोकने केलिए किया जाता है। यह अपनी तरह का भारत में सबसे बडा कीचड को नियंत्रण करनेवाला परियोजना कार्य है। इसकी मदद से कुट्टनाड के किसानों को खेती में सहायता हुई है। यह परियोजना कार्य झील को दो भागों में विभजित करता है। एक भाग में ताज़ा पानी रहता है ऑर भाग में नमकीन पानी रहता है। इस विभाजन के कारण कैई जलजीव साल भर ताज़ें पानी को रख करते हैं। जिसके कारण मछुआरों को सहायता मिलती है। इस तरह यह वेम्बनाड झील केलिए एक आशीर्वाद का समान है। वेम्बनड् जलभूमि उत्तर से दक्षिण दिशा में 196 किमी से अधिक और पूरब पश्चिम दिशाओं में 29 किलोमीटर तक फैला है जो ज्वारनदमुख, लैगून और नहरों की एक जटिल नेटवर्क का गठन किया है। इन क्षेत्रों में लगभग सभी गांवों में जल परिवहन के माध्यम से पहुँचा जा सकता है। संरक्षण और झीलों के सतत उपयोग के लिए रामसर कन्वेंशन द्वारा परिभाषित वेम्बनड जल्भूमि, अंतरराष्ट्रीय महत्व के झीलों की सूची में शामिल किया गया था। झील बिस्तर से गोले के अनियंत्रित खनन वेम्बनड् के पारिस्थितिकी तंत्र के लिए खतरा है।

दीर्घा