विलायक

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शुक्ताम्ल (एसिटिक अम्ल) से भरी हुई एक बोतल

विलायक एक ऐसे पदार्थ को कहते है, जिसका उपयोग विलयन बनाने में अत्यधिक मात्रा में किया जाता है। उदाहरण के लिए यदि नमक को पानी में डाला जाये तो पानी अधिक होने के कारण पानी एक विलायक कहलायेगा लेकिन उन दोनों के घुलने के कारण वह एक विलयन बन जाता है। अतः विलायक वे पदार्थ होते हैं जिनमें किसी भी विलेय को घोला जाता है।

सामान्यतः एक विलायक तरल अवस्था में होता है किंतु यह ठोस अवस्था गैस भी हो सकता है। जैविक विलायकों के सामान्य उपयोग रंग तरलक (तारपीन), नाखूनी हटाने वाला तरल और गोंद विलायक (एसीटोन, मिथाइल एसिटेट, इथाइल एसिटेट) के प्रमुख उपयोग दाग धब्बे हटाने के लिए (पेट्रोल ईथर) अपमार्जक (साइट्रस टेरपेन्स) और इत्र (इथेनॉल) आदि हैं।

परिभाषा

दो या दो से अधिक पदार्थो का समांगी मिश्रण विलयन कहलाता है। विलयन बनाने में जिस पदार्थ का अत्यधिक प्रयोग होता है उस पदार्थ को विलायक कहते है।

अथवा विलयन में जो पदार्थ आधिक मात्रा में उपस्थित रहता है उसे विलायक कहते हैं।

बाहरी कड़ियाँ