विन्ध्याचल, उत्तर प्रदेश

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Vindhyachal
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विन्ध्यवासिनी मंदिर
विन्ध्यवासिनी मंदिर
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राज्यउत्तर प्रदेश
ज़िलामिर्ज़ापुर ज़िला
जनसंख्या (2011)
 • कुल२,३४,८७१
 • घनत्वसाँचा:infobox settlement/densdisp
भाषाएँ
 • प्रचलितहिन्दी
समय मण्डलभारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30)

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विन्ध्याचल (Vindhyachal) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के मिर्ज़ापुर ज़िले में स्थित एक नगर है। यह मिर्ज़ापुर-विन्ध्याचल संयुक्त महानगर क्षेत्र का भाग है और जनसंख्या की दृष्टि से इन्हें एक ही गिना जाता है।[१][२]

विवरण

विन्ध्याचल धार्मिक दृष्टिकोण से प्रसिद्ध शहर है। यहाँ माँ विन्ध्यवासिनी देवी का मंदिर है। मार्कण्डेय पुराण के अनुसार, माँ विन्ध्यवासिनी ने महिषासुर का वध करने के लिए अवतार लिया था। यह नगर गंगा के किनारे स्थित है। मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि जो मनुष्य इस स्थान पर तप करता है, उसे अवश्य सिद्दि प्राप्त होती है। भारतीय मानक समय (IST) की रेखा विन्ध्याचल के रेलवे स्टेशन से होकर जाती है।

माँ विंध्यवासिनी मंदिर

माता विन्ध्यवासिनी मंदिर का प्रवेशद्वार

विंध्याचल वाराणसी से 70 किमी की दूरी पर और प्रयागराज से 85 किमी दूर स्थित है, एक प्रसिद्ध धार्मिक शहर है जो देवी विंध्यवासिनी को समर्पित है। माना जाता है कि देवी विंध्यवासिनी बृद्धावस्था की तात्कालिक सर्वश्रेष्ठ शक्ति हैं। विंध्यवासिनी देवी मंदिर मिर्जापुर से 8 किमी की दूरी पर पवित्र गंगा नदी के तट पर स्थित है। यह विंध्यवासिनी देवी के सबसे प्रतिष्ठित सिद्धपीठों में से एक है। मंदिर में रोजाना बड़ी संख्या में लोग आते हैं। चैत्र (अप्रैल) और अश्विन (अक्टूबर) महीनों में नवरात्रों के दौरान बड़ी मंडलियां आयोजित की जाती हैं। कई प्रतियोगिताएँ ज्येष्ठ (जून) के महीने में आयोजित की जाती हैं। मंदिर काली खोह से सिर्फ 2 किमी दूर स्थित है।[३]

त्रिकोना परिक्रमा

यहाँ सबसे प्रसिद्ध विंध्यवासिनी देवी मंदिर, अष्टभुजा देवी मंदिर और कालीखोह मंदिर हैं। यहाँ आकर इन तीनों मंदिर के दर्शन से एक त्रिकोण परिक्रमा पूरी होती है:

  • माँ दुर्गा को समर्पित माँ विंध्यवासिनी देवी मंदिर।[४]
  • काली खोह मंदिर, देवी महाकाली (विंध्यवासिनी मंदिर से 6 किमी) को समर्पित प्राचीन गुफा के रूप में स्थित है। यहां देवता हिंदू देवी दुर्गा के अवतार का प्रतिनिधित्व करते हैं।[५]
  • अष्टभुजा मंदिर, देवी महा सरस्वती को समर्पित (एक पहाड़ी पर, विंध्यवासिनी मंदिर से 8 किमी दूर) है। ऐसा माना जाता है कि अष्टभुजा कृष्ण की बहन थीं, जो राक्षस कंस की पकड़ से खुद को छुड़ाने के बाद यहां आई थीं।[६]

यहाँ दुर्गासप्तशती (मार्कंडेय पुराण) के 11 वें अध्याय में वर्णित कंकाल देवी मंदिर, कंकाल के रूप में मां काली को समर्पित है।

जनसंख्या

2011 की जनगणना के अंतिम आंकड़ों के अनुसार, मिर्जापुर-सह-विंध्याचल शहरी समूह की आबादी 245,817 थी, जिनमें से पुरुषों की संख्या 131,534 और महिलाओं की संख्या 114,283 थी। 0-6 वर्ष की आयु सीमा में जनसंख्या 29,619 थी। 7 वर्ष और उससे अधिक की जनसंख्या की प्रभावी साक्षरता दर 77.85 प्रतिशत थी।[७]

2001 की भारत की जनगणना के अनुसार जब विंध्याचल और मिर्जापुर को एक साथ एक जनगणना इकाई माना जाता था। इसकी आबादी 205,264 थी, जिनमें पुरुष 109,872 और महिलाएं 95,392 थीं। 0 से 6 वर्ष की बालक-बालिकाओं की आबादी 28,666 थी। साक्षरता दर 62.9% और प्रभावी साक्षरता दर 72.1% थी।[८]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. "Uttar Pradesh in Statistics," Kripa Shankar, APH Publishing, 1987, ISBN 9788170240716
  2. "Political Process in Uttar Pradesh: Identity, Economic Reforms, and Governance स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।," Sudha Pai (editor), Centre for Political Studies, Jawaharlal Nehru University, Pearson Education India, 2007, ISBN 9788131707975
  3. विंध्यवासिनी मंदिर
  4. विंध्यवासिनी मंदिर
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