विज्ञापन और दृश्य प्रचार निदेशालय

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.

विज्ञापन और दृश्य प्रचार निदेशालय (डीएवीपी) भारत सरकार की एक नोडल एजेंसी है जिसका कार्य भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और स्वायत्तशासी निकायों के लिए विज्ञापन करना है। विज्ञापन एवं दृश्य प्रचार निदेशालय, केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों तथा इसके स्वायत्तशासी उपक्रमों के लिए विज्ञापन व दृश्य प्रचार का काम देखता है| इसके कार्यों में रेलवे को छोड़ कर शेष समस्त केंद्रीय मंत्रालयों विभागों व कार्यालयों तथा सार्वजनिक उपक्रमों के लिए विज्ञापन जारी करना मुद्रित प्रचार सामग्री जैसे पुस्तिकाएं पोस्टर फोल्डर आदि तैयार करना है|

                             इसके कार्य में प्रमुख रूप से शामिल है-{A} डिस्पले विज्ञापनों का प्रारूप तैयार करना, उनका उत्पादन तथा जारी करना व वर्गीकृत विज्ञापन को जारी करना|(B) पुस्तिका, ब्राउज़र, फोल्डर, कैलेंडर व पोस्टर जैसी मुद्रित सामग्रियों का उत्पादन एवं वितरण|(C)  वाह्य दृश्य प्रचार सामग्रियों, जैसे - दीवार लेखन, होल्डिंग, साइनबोर्ड, सिनेमा स्लाइड्स का निर्माण| (D) प्रदर्शनों का आयोजन दीवार समाचार पत्रों का उत्पादन देश कि विज्ञापन एजेंसियों वह समाचार पत्रों को सरकारी विज्ञापन हेतु मान्यता प्रदान करना निदेशालय का मुखिया भारतीय सूचना सेवा का वरिष्ठ अधिकारी होता है जिसे निदेशक कहा जाता है समाचार पत्रों के लिए विज्ञापन देने हेतु मान्यता का कार्य दिल्ली स्थित मुख्यालय करता है निदेशालय के दो क्षेत्रीय कार्यालय बेंगलुरु और गुवाहाटी में स्थित है इसके अलावा दो क्षेत्रीय वितरण कार्यालय कोलकाता और चेन्नई में है निदेशालय के प्रदर्शनी विभाग के शाखा कार्यालय देश के विभिन्न भागों में स्थित है जिनका कार्य सरकारी नीतियों कार्यक्रमों ऐतिहासिक महत्व के विषय पर प्रदर्शनी आयोजित करना है यह प्रदर्शनी या अक्षर राज्य व केंद्र सरकार के अन्य विभागों के समन्वय सहयोग से लगाई जाती है अधिकतर प्रदर्शनी या फोटो पर आधारित होती है प्रगति मैदान में प्रतिवर्ष लगने वाले इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर निदेशालय का भी एक पंडाल होता है इसी प्रकार प्रयाग और हरिद्वार में लगने वाले कुंभ वह माघ मेला में आदि में भी प्रदर्शनी के पंडाल लगाए जाते हैं प्रदर्शनी की किसी एक थी या विषय को लेकर लगाई जाती है जिससे उस विषय पर जनता को जागरूक किया जा सके भारत का स्वतंत्रता संग्राम संसद के 50 वर्ष लोक नायक जयप्रकाश व्यक्तित्व व कृतित्व प्लस पोलियो व एड्स जैसे विषयों पर निदेशालय ने हाल ही के वर्षों में प्रदर्शनी लगाई है|