विक्टोरिया क्रास

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
भिक्टोरिया क्रस मेडलकी आद्य एवं पृष्ठभागकी तस्वीर

भिक्टोरिया क्रस ब्रिटेनकी सबसे बढ़ी सैनिक सम्मान हैं।विक्टोरिया क्रॉस विजेता दरबान सिंह नेगी (नवम्बर 1881 - 24 जून 1950 ) चंद पहले भारतीयों में से थे जिन्हें ब्रिटिश राज का सबसे बड़ा युद्ध पुरस्कार मिला था। ...वे करीब 33 साल के थे और 39th गढ़वाल राइफल्स की पहली बटालियन में नायक के पद पर तैनात थे। ..उन्हें 4 दिसम्बर 1914 को विक्टोरिया पुरस्कार प्रदान किया गया। ...प्रथम विश्व युद्ध में फ्रांस के festubert शहर में उनकी टुकड़ी ने दुश्मनों पर धावा बोला ...युद्ध में दोनों तरफ से भयंकर गोली बारी हुई। .इनकी टुकड़ी के कई साथी गह्यल और शहीद हो गये। ..इन्होने खुद कमान अपने हाथ में लेते हुए दुश्मनों पर धावा बोल दिया। ..इनके सर में दो जगह घाव हुए और कन्धे पर भी चोट आई ..परन्तु घावो की परवाह न करते हुए अदम्य साहस का परिचय देते हुए आमने सामने की नजदीकी लड़ाई में गोलियों और बमों की परवाह ना करते हुए दुश्मनों के छके छुड़ा दिए। ..ये सूबेदार के पद से सेवा निर्वत हुए ...विक्टोरिया क्रॉस ग्रहण करने के समय इनसे अपने लिए कुछ मांगने की मांग रखी गई। .इन्होने कर्ण प्रयाग तक रेलवे लाइन बनाने की मांग की। .जिसको मानते हुए ब्रिटिश सरकार ने 1924 में ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन का सर्वे कार्य पूरा करा लिया। ...ऐसे थे हमारे वीर जो हर दम अपने समाज के लिए सोचते थे। ..

बाह्य कडीयाँ

साँचा:commonscat

सन्दर्भ सामग्री