वर्गमूल निकालने की विधियाँ
साँचा:asbox वर्गमूल निकालने की बहुत सी विधियाँ हैं। वर्गमूल निकालने की एक प्रचलित विधि निम्नलिखित सर्वसमिका पर आधारित है-
- (क + ख)2 = क2 + 2×(क×ख) + ख2
इतिहास
भारतीय गणितज्ञों की विधियाँ
- आर्यभटीय में वर्गमूल निकालने की विधि दी गई है जो पूर्णवर्ग संख्याओं के लिए है।
- पाटीगणित (श्रीधराचार्य) में एक दूसरी विधि दी गई है।
- बख्शाली पाण्डुलिपि में वर्गमूल निकालने की एक विधि दी गई है।
- ३०० ईसापूर्व रचित जैन ग्रन्थ जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति में वर्गमूल निकालने की विधि दी गई है। यही विधि जीवहिगम-सूत्र (२००ई), अनुयोगद्वारसूत्र (० ई) तथा त्रिलोकसार (० ई.) में भी मिलता है।
आर्यभट की विधि
आर्यभट ने वर्गमूल निकालने की अपनी विधि को निम्नलिखित श्लोक द्वारा अभिव्यक्त किया है-
- भागं हरेदवर्गान्नित्यं द्विगुणेन वर्गमूलेन।
- वर्गाद्वर्गे शुद्धे लब्धं स्थानान्तरे मूलम़्॥
- (अनुवाद : (Having subtracted the greatest possible square from the last odd place nd then having written down the square root of the number subtracted in the line of the square root) always divide the even place (standing on the right) by twice the square root। hen, having subtracted the square (of the quotient) from the odd place (standing on the ght), set down the quotient at the next place (i.e., on the right of the number already
written in the line of the square root). This is the square root. (Repeat the process if there are still digits on the right)
सन्निकट (Rough) वर्गमूल निकालना
धनात्मक संख्याओं S के वर्गमूल निकालने की अधिकांश विधियों का आरम्भ वर्गमूल के एक सन्निकट मान से होता है जिसे क्रमशः शुद्ध बनाते जाते हैं। यदि यह आरम्भिक मान, वर्गमूल के शुद्ध मान से बहुत दूर होगा तो गणना करने में अधिक चरण (और अधिक समय) लगेंगे। इसलिए वर्गमूल का सन्निकट मान निकालना बहुत उपयोगी है।
माना पूर्णांक S ≥ 1, तथा इसमें अंकों की संख्या D है। तो
- यदि D विषम है, D = 2n + 1, तो <math> \sqrt{S} \approx 2 \cdot 10^n.</math>
- यदि D सम है, D = 2n + 2, तो <math> \sqrt{S} \approx 6 \cdot 10^n.</math>
- उदाहरण
माना 234 का वर्गमूल निकालना है। यहाँ D=3 तथा n = 1 . अतः 234 के वर्गमूल का मान = <math> \sqrt{S} \approx 2 \cdot 10^2.</math> = 20
बख्शाली विधि
यह विधि प्राचीन भारतीय गणित ग्रन्थ 'बख्शाली पाण्डुलिपि' में वर्णित है।
<math>\sqrt{S}</math> का मान निकालने के लिए, माना S के सबसे निकट पूर्ण वर्ग संख्या N2 है। इसके बाद निम्नलिखित चरणों द्वारा वर्गमूल निकालें-
- <math>d = S - N^2 \,\!</math>
- <math>P = \frac{d}{2N}</math>
- <math>A = N + P\,\!</math>
- <math>\sqrt{S} \approx A - \frac{P^2}{2A}</math>
उपरोक्त प्रक्रिया को इस प्रकार भी लिखा जा सकता है-
- <math>\sqrt{S} \approx N + \frac{d}{2N} - \frac{d^2}{8N^3 + 4Nd} = \frac{8N^4 + 8N^2 d + d^2}{8N^3 + 4Nd} = \frac{N^4 + 6N^2S + S^2}{4N^3 + 4NS}</math>
उदाहरण
<math>\sqrt{9.2345}</math> का मान निकालो।
- <math>N=3\,\!</math>
- <math>d = 9.2345 - 3^2 = 0.2345\,\!</math>
- <math>P = \frac{0.2345}{2 \times 3} = 0.0391</math>
- <math>A = 3 + 0.0391 = 3.0391\,\!</math>
- <math>\sqrt{9.2345} \approx 3.0391 - \frac{0.0391^2}{2 \times 3.0391} \approx 3.0388</math>
वर्गमूल निकालने की भाग विधि
152,2756 का वर्गमूल
1 2. 3 4 / \/ 01 52,27 56 01 1*1 ≤ 1 < 2*2 x = 1 01 y = x*x = 1*1 = 1 00 52 22*2 ≤ 52 < 23*3 x = 2 00 44 y = (20+x)*x = 22*2 = 44 08 27 243*3 ≤ 827 < 244*4 x = 3 07 29 y = (240+x)*x = 243*3 = 729 98 56 2464*4 ≤ 9856 < 2465*5 x = 4 98 56 y = (2460+x)*x = 2464*4 = 9856 00 00 गणना पूरी हुई। वर्गमूल 12,34 होगा।
2 का वर्गमूल
1. 4 1 4 2 / \/ 02,00 00 00 00 02 1*1 ≤ 2 < 2*2 x = 1 01 y = x*x = 1*1 = 1 01 00 24*4 ≤ 100 < 25*5 x = 4 00 96 y = (20+x)*x = 24*4 = 96 04 00 281*1 ≤ 400 < 282*2 x = 1 02 81 y = (280+x)*x = 281*1 = 281 01 19 00 2824*4 ≤ 11900 < 2825*5 x = 4 01 12 96 y = (2820+x)*x = 2824*4 = 11296 06 04 00 28282*2 ≤ 60400 < 28283*3 x = 2 वांछित शुद्धता प्राप्त हो चुकी है। 2 का वर्गमूल लगभग 1,4142 है।
बाहरी कड़ियाँ
- Ancient Indian Square Roots : An Exercise in Forensic Paleo-Mathematics (David H. Bailey� Jonathan M. Borweiny ; 2011)
- C++ Source for several fast square root functions with analysis
- A list of scholarly articles dealing with algorithms for roots extraction
- Square roots by subtraction
- Integer Square Root Algorithm by Andrija Radović