ल्हासा

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拉萨
ལྷ་ས་
Lhasa
प्रांत-स्तरीय शहर
拉萨市 • ལྷ་ས་གྲོང་ཁྱེར་
Collage of views of Lhasa, Tibet.jpg
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देशतिब्बत
प्रांततिब्बत
प्रांतल्हासा
शासन
 • महापौरदोये चेज़ुग
 • उपमहापौरजिग्मे नम्ग्याल
 • थलसाँचा:infobox settlement/areadisp
ऊँचाईसाँचा:infobox settlement/lengthdisp
जनसंख्या (2009)
 • प्रांत-स्तरीय शहर१,१००,१२३
 • घनत्वसाँचा:infobox settlement/densdisp
 • महानगर३७३,०००
 • महानगर घनत्वसाँचा:infobox settlement/densdisp
 • मुख्य राष्ट्रीयतायेंतिब्बती; हान; हुई
 • मुख्य राष्ट्रीयतायें densityसाँचा:infobox settlement/densdisp
 • भाषायेंतिब्बती, मंदारिन, जिन भाषा (होहोत उपभाषा)
 • भाषायें densityसाँचा:infobox settlement/densdisp
समय मण्डलतिब्बत मानक समय (यूटीसी+8)
दूरभाष कोड850000
वेबसाइटhttp://www.lasa.gov.cn/

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मौसम और जलवायु

'ल्हासा' उत्तर हिमालाया पर्वत में मौजूदगी की वजह से साल भर में मौसम अधिकतर साफ रहता है, वर्षा कम होती है, सर्दियों में काफ़ी सर्दी नहीं है और गर्मियों में बहुत गर्मी भी नहीं है। औसत सालाना तापमान शून्य के ऊपर 7.4 डिग्री है, साल के जुलाई, अगस्त व सितम्बर में वर्षा ज्यादा होती है। सालाना औसत वर्षा मात्रा क़रीब 500 सेंटीमीटर है। साल में तीन हज़ार से अधिक घंटों में धूप उपलब्ध है, इसलिये वह “सूर्य किरण शहर ”के नाम से जाना जाता है। लाह्सा शहर का पर्यावरण स्वच्छ है और मौसम सुहावना है, दिन में गर्म व रात में ठंड होने से गर्मी से बचने वाली सब से अच्छी जगह है। लाह्सा “विश्व छत ”कहलाने वाले छिंग हाई तिब्बत पठार पर स्थित है। औसत समुद्र सतह से 3600 मीटर से ऊपर होने की वजह से नीची हवा दबाव से वहां के वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा भीतरी क्षेत्रों से लगभग 25 प्रतिशत -30 प्रतिशत की कमी है। इसलिये इस पठार पर आने वाले किसी भी व्यक्ति को शुरू में भिन्न हद तक सिर दर्द व सांस लेने में कठिन और अन्य शिकायत होती है। लाह्सा पहुंचने के पहले दिन आराम विश्राम करने के बाद शिकायतें कम या लुप्त हो सकती हैं। साल के अप्रैल से अक्तूबर तक तिब्बत का सबसे बेहतरीन पर्यटन मौसम है। तिब्बती भाषा में लाह्सा का मतलब देव देवताओं की रहने की जगह है।[1] 'ना मू छ्वु' झील तिब्बती भाषा में झील को छ्वु कहा जाता है। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में छोटी बड़ी कुल 1500 से अधिक झीलें हैं। इनका कुल क्षेत्रफल 240 वर्गकिलोमीटर से अधिक है, जो चीन की झीलों के कुल क्षेत्रफल की एक तिहाई है। तिब्बत की झीलें न सिर्फ बड़ी हैं, बल्कि गहरी भी है। झीलों का निहित जल संसाधन प्रचुर है। तिब्बत की सब से बड़ी झील ना मू छ्वु है। तिब्बती भाषआ में ना मू छ्वु का मतलब पवित्र झील है, जो बौद्ध धर्म का प्रसिद्ध तीर्थस्थान है। ना मू छ्वु झील ल्हासा शहर की तांग शुंग काउंटी और ना छू प्रिफेक्चर की बैनग काउंटी के बीच स्थित है। उसकी दक्षिण पूर्व में गगनचुंबी नानछिंगथांगकुला पहाड़ की मुख चोटी खड़ी है। उस के उत्तर में अपर पठार है। इस झील की चारों ओर विशाल घास मैदान है। ना मू छ्वु एक विशाल दर्पण की तरह उत्तरी तिब्बत में फैली हुई है। नीले नीले आकाश, हरे हरे घास, रंगबिरंगी फूल और चरवाहों के तम्बू से एक बड़ा सुंदर प्राकृतिक समा बन जाता है।<ref>मौसम और जलवायु 'ल्हासा' उत्तर शिमालाया पर्वत में मौजूदगी की वजह से साल भर में मौसम अधिकतर साफ रहता है, वर्षा कम होती है, सर्दियों में काफ़ी सर्दी नहीं है और गर्मियों में बहुत गर्मी भी नहीं है। औसत सालाना तापमान शून्य के ऊपर 7.4 डिग्री है, साल के जुलाई, अगस्त व सितम्बर में वर्षा ज्यादा होती है। सालाना औसत वर्षा मात्रा क़रीब 500 सेंटीमीटर है। साल में तीन हज़ार से अधिक घंटों में धूप उपलब्ध है, इसलिये वह “सूर्य किरण शहर ”के नाम से जाना जाता है। लाह्सा शहर का पर्यावरण स्वच्छ है और मौसम सुहावना है, दिन में गर्म व रात में ठंड होने से गर्मी से बचने वाली सब से अच्छी जगह है। लाह्सा “विश्व छत ”कहलाने वाले छिंग हाई तिब्बत पठार पर स्थित है। औसत समुद्र सतह से 3600 मीटर से ऊपर होने की वजह से नीची हवा दबाव से वहां के वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा भीतरी क्षेत्रों से लगभग 25 प्रतिशत -30 प्रतिशत की कमी है। इसलिये इस पठार पर आने वाले किसी भी व्यक्ति को शुरू में भिन्न हद तक सिर दर्द व सांस लेने में कठिन और अन्य शिकायत होती है। लाह्सा पहुंचने के पहले दिन आराम विश्राम करने के बाद शिकायतें कम या लुप्त हो सकती हैं। साल के अप्रैल से अक्तूबर तक तिब्बत का सबसे बेहतरीन पर्यटन मौसम है। तिब्बती भाषा में लाह्सा का मतलब देव देवताओं की रहने की जगह है।[1] 'ना मू छ्वु' झील तिब्बती भाषा में झील को छ्वु कहा जाता है। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में छोटी बड़ी कुल 1500 से अधिक झीलें हैं। इनका कुल क्षेत्रफल 240 वर्गकिलोमीटर से अधिक है, जो चीन की झीलों के कुल क्षेत्रफल की एक तिहाई है। तिब्बत की झीलें न सिर्फ बड़ी हैं, बल्कि गहरी भी है। झीलों का निहित जल संसाधन प्रचुर है। तिब्बत की सब से बड़ी झील ना मू छ्वु है। तिब्बती भाषआ में ना मू छ्वु का मतलब पवित्र झील है, जो बौद्ध धर्म का प्रसिद्ध तीर्थस्थान है। ना मू छ्वु झील ल्हासा शहर की तांग शुंग काउंटी और ना छू प्रिफेक्चर की बैनग काउंटी के बीच स्थित है। उसकी दक्षिण पूर्व में गगनचुंबी नानछिंगथांगकुला पहाड़ की मुख चोटी खड़ी है। उस के उत्तर में अपर पठार है। इस झील की चारों ओर विशाल घास मैदान है। ना मू छ्वु एक विशाल दर्पण की तरह उत्तरी तिब्बत में फैली हुई है। नीले नीले आकाश, हरे हरे घास, रंगबिरंगी फूल और चरवाहों के तम्बू से एक बड़ा सुंदर प्राकृतिक समा बन जाता है।[ok[१]

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