लोलक घड़ी
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
लोलक घड़ी (pendulum clock) वह घड़ी है जिसमें समय प्रदर्शित करने वाली प्रणाली का चालन एक लोलक की सहायता से होता है। इसका आविष्कार सन १६५६ में क्रिश्चियन हाइगेंस ने किया था। तब से आरम्भ करके लगभग १९३० तक यह संसार की सर्वाधिक शुद्ध समयदर्शी तंत्र था। आजकल इन्हें सजावटी सामान एवं पुरातन सामान के रूप में प्रयोग किया जाता है।
लोलक घड़ी वस्तुतः एक अनुनादी युक्ति है जो अपनी लम्बाई के अनुसार एक निश्चित दर से दोलन करती है तथा किसी अन्य दर से दोलन का विरोध करती है। किन्तु यह स्थिर अवस्था में कार्य करने के लिये ही उपयुक्त है। किसी गतिशील एवं त्वरित होने वाली चीज में यह सही समय नहीं बता पायेगी।
बाहरी कड़ियाँ
- The Invention of Clocks
- The (Not So) Simple Pendulum
- The earliest DUTCH and FRENCH Pendulum clocks, 1657-1662 लोलक घड़ियां गर्मियों में सुसत हो जाती है क्यूंकि लोलाक की लम्बाई बढ़ जाती हैं जिससे इकाई दोलन में लगा हुआ समय बढ जाता हैं