लोकताक झील

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साँचा:infoboxसाँचा:main otherसाँचा:main other लोकताक झील भारत के पूर्वोत्तर भाग में स्थित मणिपुर राज्य की एक झील है। यह अपनी सतह पर तैरते हुए वनस्पति और मिट्टी से बने द्वीपों के लिये प्रसिद्ध है, जिन्हें "कुंदी" कहा जाता है। झील का कुल क्षेत्रफल लगभग २८० वर्ग किमी है। यह झील मणिपुर के चुडाचांदपुर जिले में स्थित है। यह मणिपुर का सबसे बड़ा जिला है। झील पर सबसे बड़ा तैरता द्वीप "केयबुल लामजाओ" कहलाता है और इसका क्षेत्रफल ४० वर्ग किमी है। यह संगइ हिरण का अंतिम घर है जो एक विलुप्तप्राय जाति है। इस फुमदी को केयबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान के नाम से भारत सरकार ने एक संरक्षित क्षेत्र घोषित कर दिया है और यह विश्व का एकमात्र तैरता हुआ राष्ट्रीय उद्यान है। लोकताक झील मणिपुर के लिये बहुत आर्थिक व सांस्कृतिक महत्त्व रखती है। इसका जल विद्युत उत्पादन, पीने और सिंचाई के लिये प्रयोग होता है। इसमें मछलियाँ भी पकड़ी जाती हैं।[१][२]

नामोत्पत्ति

मणिपुरी भाषा में "लोक" का अर्थ "नदी या झरना" और "ताक" का अर्थ "अंत" होता है।[३]

इन्हे भी देखें

सन्दर्भ

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