लॉर्ड रिपन

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व्हाईसरॉय रीपन (जॉर्ज फेड्रिक सेम्युल रॉबिनसन)

कार्यकाल
१८८० – १८८४
शासक विक्टोरिया
एडवर्ड VII
पूर्व अधिकारी लॉर्ड लिटन

लॉर्ड रिपन १८८० से १८८४ तक भारतके वाइसरॉय थे. रिपन उदारमतवादी थे. ब्रिटिश राज में लॉर्ड लिटन ने भारतीयों पर जो जाचक निरबंध लगाए थे, उनको लॉर्ड रीपन ने कम किया. रिपन ने अपनी कार्यकाल में भर्तियोको खुश करनेके लिए, ब्रिटिश और भारतीयों के बीच का वर्णभेद कम करने के लिए यूरोपियों के न्यायक्षेत्रों में बदलाव करने का निश्चित किया. १८८३ में काउंसिल सदस्य पी.सी.इलबर्ट द्वारा एक मसूदा बनाया जिसे इलबर्ट बिल कहा गया. लॉर्ड रिपन ने भारतीय जनता के अच्छे के लिए काम .वो भारत की शिक्स्ष क्षषििक्ष

परिचय

लॉर्ड रिपन इंग्लैंड के प्रधानमंत्री एफ. जे.रॉबिनसन के द्वितीय पुत्र थे.रिपन‌ भारतीय जनता के प्रति अच्छा मत रखते थे.

भारतके वॉइसरॉय के रूपमें कार्य

लॉर्ड रिपन १८८० से १८८४ तक भारतके वायसरॉय रहे उन्होंने लॉर्ड लिटन द्वारा किए गए निरबंधो को कम किया. और भारतीय जनता के हित में कार्य किया. उनके द्वारा किए गए महत्वपूर्ण काम-

  • १. वर्नेक्युलर प्रेस एक्ट (देशी वृत्तपत्र कायदा) - लॉर्ड लिटन द्वारा बनाया गया इस कायदे का विरोध किया. जिससे भारतीय न्यूज पेपर्स को स्वतंत्रता मिल सके.वी. पी. एक्ट भारतीय भाषओं के न्यूज पेपर्स पर बंदी का था. की भारतीय भाषओं में मराठी, तमिल ई. में पेपर छाप नहीं सकते.उसे वॉइसरॉय रिपन ने खत्म किया.
  • २. द फॅक्टरी अॅक्ट- पहिला फॅक्टरी अॅक्ट लॉर्ड रिपन ने बानाया जीसने सात साल से कम आयु वाले बळकोको फॅक्टरी मे काम देणे की और काम करणे की बंदी की गई. और १२ वर्ष से कम आयु वाले बच्चो को मर्यादित समय के लिये ही काम देणे का आदेश दिय[१].

बाहरी कड़ियां

1.https://www.indiatoday.in/education-today/gk-current-affairs/story/lord-ripon-the-viceroy-of-india-to-pass-the-factory-act-important-reforms-and-achievements-1374410-2018-10-24

संदर्भ

१. आधुनिक भरताचा इतिहास - डॉ. अनिल कठारे.

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