लिओनार्ड कोहेन
लिओनार्ड कोहेन | |
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पृष्ठभूमि की जानकारी | |
जन्मनाम | लिओनार्ड नॉर्मन कोहेन |
जन्म | साँचा:br separated entries |
मृत्यु | साँचा:br separated entries |
शैलियां | लोक संगीत, रॉक संगीत[१] |
गायक, गीत लेखक, संगीतकार, कवि, उपन्यासकार, चित्रकार | |
वाद्ययंत्र | साँचा:hlist |
सक्रिय वर्ष | 1956–2016 |
लेबल | कोलंबिया रिकॉर्ड्स |
जालस्थल | leonardcohen |
लिओनार्ड कोहेन एक कनाडाई गायक, संगीतकार, गीत लेखक और कवि थे। कोहेन की उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें कनाडा सरकार द्वारा सर्वोच्च नागरिक सम्मान ऑर्डर ऑफ कनाडा द्वारा सम्मानित किया गया। कोहेन ने 1950 के दशक में बतौर कवि और उपन्यासकार अपना करियर शुरू किया। 33 वर्ष की आयु में उन्होंने अपना पहला संगीत एल्बम रिकॉर्ड करवाया।
जीवन परिचय
कोहेन का जन्म कनाडा के एक मध्यमवर्गीय यहूदी परिवार में हुआ था। कोहेन तब मात्र 9 साल के थे जब उनके पिता का देहान्त हो गया। कोहन का परिवार एक रुढ़िवादी यहूदी परिवार थी जिससे कोहेन का जीवनपर्यन्त रिश्ता बना रहा। कोहेन के मुताबिक उनका परिवार यहूदी धर्म के एक पैगंबर ऐरोन का वंशज था। कोहेन की आरंभिक शिक्षा-दीक्षा वेस्टमोंट के रोजलिन एलिमेंट्री स्कूल और हर्जलिया हाई स्कूल में हुई जहां मशहूर कनाडियन कवि इरविंग लेटन ने उन्हें साहित्य के संस्कार दिए। साहित्य के छात्र के रूप में कोहेन का झुकाव फेदेरिको गार्सिया लोर्का की कविताओं की तरफ ज्यादा था। स्कूली शिक्षा के दौरान ही कोहेन ने संगीत सीखना शुरू कर दिया था। कोहेन का संगीत से लगाव अपनी मां की वजह से हुआ। उनकी मां एक बेहतरीन लोकगायिका थीं।[२][३][४]
साहित्य रचना
मार्च 1954 में कोहेन की पहली कविता सीआईवी/एन नाम की पत्रिका में छपी। इस पत्रिका में कोहेन के गुरु इरविन लेटन की भी कविता छपी जो इसके संपादक मंडल में शामिल थे। कोहेन की रचनाओं पर डब्ल्यू बी यीट्स, इरविन लेटन, फेदेरिको गार्सिया लोर्का, वाल्ट व्हिटमैन और लुई ड्यूडेक का गहरा प्रभाव था। लेट अस कपेयर मायथॉलाजीज शीर्षक से उनका पहला काव्य संग्रह 1956 में प्रकाशित हुआ।
संगीतकार और गायक
लेखक के रूप में आर्थिक असफलता के चलते कोहेन गीत लेखक के रूप में अपना करियर शुरू करने के लिए 1967 में अमेरिका आ गए। कोहेन का लिखा एक गीत सुजैन जबरदस्त लोकप्रिय हुआ और कोहेन संगीत के क्षेत्र में स्थापित हो गए। सांग्स ऑफ लियोनार्ड कोहेन नाम से उनका पहला संगीत एलबम 1967 में जारी हुआ और 1968 में बीबीसी पर उन्होंने अपना संगीत कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
सांस्कृतिक प्रभाव
1960 के दशक में सक्रिय संगीतकारों और गीत लेखकों में बॉब डिलेन के बाद लियोनार्ड कोहेन दूसरे ऐसे गायक थे जिनके बारे में संगीत समीक्षकों ने जमकर लिखा। कोहेन ने संगीत साधना के लिए साहित्य लेखन का अपना करियर त्याग दिया। कोहेन के गीत सिर्फ मनोरंजन के लिए नहीं थे बल्कि इन गीतों में राजनीति और सामाजिक न्याय जैसे विषय भी उठाए गए हैं। डेमोक्रेसी नाम के संगीत एलबम में हम युद्धोन्माद के खिलाफ कोहेनव को आवाज उठाते सुन सकते हैं। इजराइली और अरब सेनाओं के संघर्ष से आहत होकर कोहेन ने लवर लवर लवर नामक गीत की रचना की। इस संघर्ष के बारे में सवाल किए जाने पर कि वो किस पक्ष के पैरोकार हैं, उन्होेंने जवाब दिया था कि उनकी जड़ें भले ही यहूदी हैं लेकिन वो युद्ध के खिलाफ हैं।
संगीत रचनाएं
- सॉन्ग्स ऑफ लियोनार्ड कोहेन (1967)
- सॉन्ग्स फ्राम ए रूम (1967)
- सॉन्ग्स ऑफ लव एंड हेट (1971)
- न्यू स्किन फॉर द ओल्ड सेरेमनी (1974)
- डेथ ऑफ ए लेडीज मैन (1977)
- रिसेंट सॉन्ग्स (1979)
- वैरियस पोजीशन्स (1984)
- आइ'म योर मैन (1988)
- द फ्यूचर (1992)
- टेन न्यू सॉन्ग्स (2001)
- डियर हीदर (2004)
- ओल्ड आइडियाज (2012)
- पॉप्यूलर प्रॉब्लम्स (2014)
- यू वांट इट डार्कर (2016)
सम्मान
- 1964-क्यूबेक लिटरेरी कॉम्पिटीशन प्राइज़
- 1968-गवर्नर जनरल अवार्ड
- 1984-कनाडियन ऑथर्स एसोसियेशन लिटरेरी अवार्ड
- 1991-ऑफीसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ कनाडा
- 2007-ग्रेमी अवार्ड
- 2008-नेशनल ऑर्डर ऑफ क्यूबेक