लायर्स डाइस (फ़िल्म)

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लायर्स डाइस (अनुवाद- झूठे का पासा) सन् 2013 की हिंदी रोड मूवी है जो गीतू मोहनदास द्वारा लिखित और निर्देशित तथा गीतांजलि थापा और नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी द्वारा अभिनीत है।[१] यह फ़िल्म एक सुदूर गांव की एक युवा माँ की कहानी बता रही है, जो अपने लापता पति की तलाश में जा रही है और खुद भी लापता हो गयी। फिल्म शहरों में प्रवास की मानवीय कीमत और प्रवासी श्रमिकों के शोषण की पड़ताल करती है।

यह फ़िल्म गीतू की पहली फीचर फ़िल्म है। उन्होंने 2008 में लघु फिल्म 'केल्कुनंडो' बनायी थी, जिसे व्यापक प्रशंसा मिली।[२] लायर्स डाइस का अक्टूबर २०१३ में मुंबई फिल्म फेस्टिवल में अपना विश्व प्रीमियर था, जहाँ इसने भारतीय प्रतियोगिता अनुभाग में भाग लिया।[३] जनवरी २०१४ में, फिल्म को सनडांस फिल्म फेस्टिवल और इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल रॉटरडैम में प्रदर्शित किया गया।[४] इसने सोफिया अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में एक विशेष जूरी पुरस्कार जीता।[५][६]

'लायर्स डाइस' को 61 वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में गीतांजलि थापा के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री और राजीव रवि के लिए सर्वश्रेष्ठ सिनेमैटोग्राफी के दो राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार प्राप्त हुए। यह फिल्म 87 वें अकादमी पुरस्कारों के लिए सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फिल्म के लिए भारत की आधिकारिक प्रविष्टि थी, लेकिन नामांकित नहीं हुई थी।[७][८]

सारांश

कलाकार

कारोबार

समीक्षा

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ