लक्ष्मीनारायण गुप्ता

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लक्ष्मीनारायण गुप्त (जन्म : 6 जून 1918) मध्य प्रदेश के एक राजनेता तथा सामाजिक कार्यकर्ता हैं। 'नन्ना जी' जैसे नेता विरले होते हैं। वे पांच बार विधायक और दो बार कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। इसके बाद भी उनके पास न तो मोबाइल है, न ही फोन। गाड़ी का तो सवाल ही नहीं है

उम्र 100 बरस लेकिन हौसला देखने वाले को दंग कर देता है। सादगी ऐसी कि किसी को भी मोहित कर दे। सहजता, सरलता, ईमानदारी व विनम्रता जैसे गुणों के चलते दुश्मन भी उनका कायल हो जाता है। किसी के भी सुख-दुख में शामिल होना, उनके व्यवहार का अहम हिस्सा है। वे एक ही निर्वाचन क्षेत्र से 5 बार विधायक व दो बार कैबिनेट मंत्री रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी न तो कोई मोबाइल रखते हैं न आवास पर टेलीफोन और चमचमाती कार दूर की बात। एक पुश्तैनी मकान है जहां आज भी लोग अपनी-अपनी समस्याओं को लेकर पहुंचते हैं और वे समस्यायों के निराकरण के लिये जिलाधिकारी कार्यालय से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक के चक्कर लगाते हुए दिखाई दे जाते हैं।

ईसागढ़ में 6 जून 1918 को जन्मे श्री लक्ष्मीनारायण गुप्ता के पिता का नाम श्री पन्नालाल गुप्ता था। ग्वालियर राज्य में वकील रहे शिवपुरी जिले के पिछोर क्षेत्र के 99 वर्षीय लक्ष्मीनारायण गुप्ता को क्षेत्र की जनता नन्नाजी नाम से बुलाती है। स्वतंत्रता के पूर्व 1944 में उनका सार्वजनिक जीवन हिन्दू महासभा से प्रारंभ हुआ। 1945 में ग्वालियर राज्य के प्रजासभा (विधानसभा) के निर्वाचन में विजयी हुए। हिन्दू महासभा के प्रत्यासी चनावनी के दीवान वरजोर सिंह के सहयोगी की भूमिका में क्षेत्र की जनता ने इन्हें जाना, माना। इसी वर्ष प. रामचंद्र शर्मा “वीर” ने हिन्दू जागरण का बिगुल बजाया। संत पान्चगांवकर ने पिछोर में विशाल हिन्दू जागरण महायज्ञ किया जिसमें 30 हजार से अधिक श्रद्धालु जन सम्मिलित हुए। ग्वालियर स्टेट के तत्कालीन महाराज जीवाजीराव सिंधिया के प्रतिनिधि स्वरुप पंवार साहब यज्ञ में उपस्थित हुए। 1947 में श्री लक्ष्मीनारायण गुप्ता हिन्दू महासभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य थे।

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