रूस में प्राकृतिक गैस

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
रूस में प्राकृतिक गैस उत्पादन (लाल) और निर्यात (काला), १९९३-२०११

२०१३ के आँकड़ों के अनुसार रूस विश्व का सबसे अधिक प्राकृतिक गैस उत्पादक देश है। रूस का अनुमानित गैस उत्पादन ६६९ बिलियन घन मीटर प्रति वर्ष है। रूस १९६ बिलियन घन मीटर गैस प्रतिवर्ष निर्यात करने वाला दुनिया का सबसे बड़ा देश है।[१] यूरोपीय संघ में खपत होने वाली गैस का लगभग एक चौथाई भाग रूस उपलब्ध करवाता है; जिसकी लगभग ८०% निर्यात आपूर्ति पाइपलाइन के माध्यम से होती है। यह पाइपलाइन यूक्रेन से होते हुये गुजरती है।[२] द वर्ल्ड फैक्टबुक के अनुमान के अनुसार देश के पास सबसे बड़ा भण्डार (४७.८ ट्रिलियन घन मीटर) है।[१] ओपीईसी के अनुसार रूस ४८.७ ट्रिलियन घन मीटर के साथ प्रथम स्थान पर है जबकि ब्रिटिश पेट्रोलियम के अनुसार ईरान ३२.९ ट्रिलियन घन मीटर के बाद रूस द्वितीय स्थान पर है।[३][४] इसके अतिरिक्त यह भी माना जाता है कि रूस के पास बहुत विशाल मात्रा में अज्ञात प्राकृतिक गैस भण्डार हैं, अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण के अनुसार रूस के पास अतिरिक्त ६.७ ट्रिलियन घन मीटर गैस होने का अनुमान है।[५] रूस प्रतिवर्ष लगभग ४५७ बिलियन घन मीटर गैस की खपत करता है जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका इसमें दूसरे स्थान पर है।[१]

यूक्रेन के साथ विवाद

वर्ष २००५ में एक रूसी गैस आपूर्ति करने वाली कम्पनी गैज़प्रोम का यूक्रेन की गैस और तेल कम्पनी के साथ विवाद हो गया और यह विवाद बाद में अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक मुद्दे में परिवर्तित हो गया।[२] २००५ में रूस और पश्चिमी यूरोप को बाल्टिक सागर से होकर जोड़ने वाली गैस पाइप लाइन पर काम आरम्भ हुआ। इस काम पर भी युक्रेन और पोलैण्ड ने आशंका व्यक्त की थी कि इस पाइपलाइन से उन देशों की ऊर्जा ज़रूरतों पर विपरीत असर पड़ेगा।[६] कुछ समय बाद रूस और यूक्रेन के बीच गैस की कीमतों को लेकर चल रहा विवाद बढ़ता चला गया जिसके कारण रूस ने यूक्रेन को गैस की आपूर्ति कम करनी शुरू कर दी।[७]

जनवरी २००९ में दोनो देशों के मध्य असहमति के परिणामस्वरूप विभिन्न यूरोपीय देशों देशों की आपूर्ति में अवरोध उत्पन्न कर दिये गये।[८][९] सितम्बर २००९ में दोनो देशो के अधिकारियों ने घोषणा की कि अब स्थिति काबू में है और इस विषय पर अब और अधिक विवाद नहीं है।[१०][११][१२]

रूस चीन गैस समझौता

यूक्रेन संकट के कारण रूस को यूरोपीय प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा।[१३] इस स्थिति में रूस का बड़ा गैस की खपत के लिए वैकल्पिक ऊर्जा बाज़ार की आवश्यकता थी। इसी तहत रूस की गैस कंपनी गैजप्रोम और चीन के नेशनल पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (सीएनपीसी) के बीच गैस निर्माण का ४०० अरब डॉलर का समझौता हुआ। यह समझौता अगले ३० वर्षों के लिए किया गया है।[१४] इस समझौते के तहत रूस २०१८ में चीन को प्रकृतिक गैस का निर्यात करना आरम्भ कर देगा।[१५][१६][१७]

सन्दर्भ

  1. साँचा:cite web
  2. साँचा:cite news
  3. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  4. BP Statistical Review of World Energy स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।.
  5. साँचा:cite web
  6. साँचा:cite news
  7. साँचा:cite web
  8. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  9. साँचा:cite news
  10. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  11. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  12. साँचा:cite news
  13. साँचा:cite news
  14. साँचा:cite news
  15. साँचा:cite news
  16. साँचा:cite news
  17. साँचा:cite news