रिवॉल्वर रानी
रिवॉल्वर रानी | |
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चित्र:Revolver Rani First Look Poster.jpg सिनेमाघर में जारी पोस्टर | |
निर्देशक | साई कबीर श्रीवास्तव |
निर्माता |
राजु चड्ढा क्राउचिंग टाइगर प्रोडक्शन नितिन तेज आहुजा राहुल मित्रा |
पटकथा | साई कबीर श्रीवास्तव |
कहानी | साई कबीर श्रीवास्तव |
अभिनेता |
कंगना राणावत पीयूष मिश्रा वीर दास ज़ाकिर हुसैन |
संगीतकार | संजीव श्रीवास्तव |
छायाकार | सुहास गुजराती |
संपादक | आरती बजाज |
स्टूडियो |
वेव सिनेमाज पोंटी चड्ढा मूविंग पिक्चर्स तिग्मांशु धूलिया |
वितरक | वेव सिनेमा वितरक |
प्रदर्शन साँचा:nowrap |
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देश | भारत् |
भाषा | हिन्दी |
रिवॉल्वर रानी एक बॉलीवुड हास्य नाटक फ़िल्म है[१][२] जिसका निर्देशन साई कबीर ने किया है। फ़िल्म वेव सिनेमा ने प्रस्तुत की। इस फ़िल्म में मुख्य अभिनय भूमिका में कंगना राणावत और वीर दास हैं जबकि पीयूष मिश्रा, ज़ाकिर हुसैन और पंकज सारस्वत सहायक अभिनेता हैं।[३] फ़िल्म राजनीतिक पृष्ठभूमि में उपहासात्मक और असामान्य प्रेम कहानी दिखाती है।[४] यह फ़िल्म २५ अप्रैल २०१४ को जारी की गई।[५][६]
कथानक
रिवॉल्वर रानी शत्रुतापूर्ण क्षेत्र चम्बल जिसे डाकुओं की भूमि भी कहा जाता है तेज़ तर्रार और आपराधिक छवि वाली नेता है। उसका नाम अलका सिंह (कंगना राणावत) है। वो अपने दुश्मनों के लिए कोई मौका नहीं छोड़ती और बात-बात पर गोलियां चला देती है। अलका के बाल्यकाल के समय ही उसके पिता की हत्या कर दी जाती है। उनके पिता की हत्या के बाद वो अपने मामा (पीयूष मिश्रा) के साथ चली जाती है और वो ही उसके परिवार के एकमात्र सदस्य हैं। वो अपने मामा द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त करके उस इलाके की बाहुबलि बन जाती है। वो बेवफ़ाई के शक की वजह से अपने पति की हत्या कर देती है। चम्बल इलाके से एक भ्रष्ट राजनेता उदय भान सिंह (ज़ाकिर हुसैन) चुनाव जीत जाता है। अलका सिंह विपक्ष की नेता बनती है और वो उदय भान सिंह का भंडा फोड़ करना चाहती है। इसी बीच अलका की मुलाक़ात रोहन रोहन (वीर दास) से होती है जो फ़िल्मों में हीरो बनने के लिए संघर्षरत है। वो रोहन से प्यार करने लगती है और उसका साथ पाकर अपना अकेलापन भूलने लगती है। रोहन केवल उसके पैसे पर आराम करता है इसके माध्यम से केवल अपना हीरो बनने का सपना पूरा करना चाहता है। रोहन निशा (डीना उप्पल) से प्यार करता है। अलका को जब भी रोहन पर शक होता है तो वह कोई न कोई झूठा बहाना बना लेता है। अलका अपने मामा के सहयोग से उदयभान सिंह की कारगुज़ारियाँ एक टीवी चैनल पर प्रसारित करवाने में सफल हो जाती है और इसके बाद उसे त्यागपत्र देना पड़ता है। क्षेत्र में उपचुनाव होते हैं और अलका वहाँ से चुनाव लड़ती है लेकिन इसी बीच उसे ज्ञात होता है कि वो गर्भवती है। वो रोहन के बच्चे की मां बनना चाहती है। यहीं से उसकी सोच बदलनी शुरू हो जाती है और वो एक सुखी परिवार का सपना देखने लगती है। लेकिन राजनीति भी नहीं छोड़ना चाहती।
कलाकार
- कंगना राणावत — अलका सिंह (उर्फ़ रिवॉल्वर रानी)
- वीर दास ― रोहन मेहरा
- पीयूष मिश्रा — बाली (अलका के मामा)
- ज़ाकिर हुसैन — उदय भान सिंह
- पंकज सारस्वत — गोविंद तोमर
- ज़ेशान क़ादरी — पायलेट
- कुमुद मिश्रा — तोमर
- प्रीति सूद — गुतकी
- सलीम जावेद — पुनीत
- जामी जाफ़री — मिथलेश सिंह
- ज़फ़र खान — भीम सिंह
- राहुल गाँधी — जय
- अभिजीत शेठी — विरु
- पाठी — ओज़ो का सीईओ
- डीना उप्पल — निशा
- निकुंज मलिक — ज़ाहीरा
- संजय सिंह — गृह मंत्री
- मिशक्का सिंह — पायक परिहार
निर्माण
रिवॉल्वर रानी के निर्देशक साई कबीर ने एक बार एक साक्षात्कार में बताया था— "यह बहुत अच्छा अनुभव था कि हमने चम्बल क्षेत्र में फ़िल्मांकन किया। यह हास्य और राजनीतिक विधा वाली फ़िल्म है। निर्माता तिग्मांशु धूलिया के अनुसार फ़िल्म बी-श्रेणी फ़िल्मों में एक मनोरजंक फ़िल्म है जिसे सभी पसंद करेंगे।[७]
संगीत
फ़िल्म का संगीत संजीव श्रीवास्तव ने तैयार किया है। फ़िल्म में कुल ९ गीत हैं जिनमें से एक गीत "काफ़ी नहीं चांद" आशा भोंसले ने गाया है।
टिकट खिड़की
टिकट खिड़की पर अर्थात सिनेमाघरों में फ़िल्म की शुरुआत अच्छी नहीं रही।[८]
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
amit singh maudaha hamirpur pin na,210507