रिचर्ड स्टॉलमैन

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रिचर्ड मैथ्यू स्टॉलमैन
Richard Stallman at Pittsburgh University.jpg
रिचर्ड स्टॉलमैन पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय में (२०१०)
जन्म 16 १९५३ (१९५३-03-16) (आयु 71)
न्यूयॉर्क सिटी
राष्ट्रीयता अमेरिकन
अन्य नाम RMS, St. IGNUcius (avatar)
शिक्षा प्राप्त की हार्वर्ड विश्वविद्यालय, मैसाचुसेट्स प्रौद्योगिकी संस्थान
व्यवसाय Free Software Foundation के प्रेसिडेंट
प्रसिद्धि कारण ग्नू, जीसीसी, Free software movement, Emacs
वेबसाइट
www.stallman.org

रिचर्ड मैथ्यू स्टॉलमैन (जन्म १९५३), जिन्हें अक्सर rms भी कहा जाता हैं, दुनिया के जाने माने मुक्त सॉफ्टवेयर कार्यकर्ता एवं कंप्यूटर प्रोग्रामर हैं। वे जीएनयू (GNU) के संस्थापक है, इसके अलावा उन्होंने मुक्त सॉफ्टवेयर फाउंडेशन की भी बनाया। डॉ॰स्टॉलमैन ने जीएनयू कम्पाइलर कलेक्शन (GCC) और GNU EMACS भी विकसित किये हैं। डॉ॰ स्टॉलमैन, जीएनयू पब्लिक लाइसेंस के जनक माने जाते है।
१९८३ में, डॉ स्टॉलमैन ने जीएनयू परियोजना (GNU Project) की सुरुवात की थी। जीएनयू परियोजना का लक्ष्य, यूनिक्स समान प्रचालन तंत्र बनाना था जो पूरी तरह से मुक्त स्रोत से बना हो। इसी के साथ उन्होंने मुक्त सॉफ्टवेयर आंदोलन (Free Software Movement) की भी सुरुवात की। स्टॉलमैन, जीएनयू परियोजना के एक मुख्य निर्माता और संयोजक रहे हैं और इन्होने जीएनयू सॉफ्टवेयर के कई हिस्से विकसित किये हैं जैसे- जीएनयू कम्पाइलर कलेक्शन (GCC), जीएनयू डीबगर (GNU Debugger) और जीएनयू ईमैक्स टेक्स्ट एडिटर। उन्होने १९८५ में मुक्त सॉफ्टवेयर फाउंडेशन की स्थापना की थी।
९० के दसक के मध्य से स्टॉलमैन अपना ज़्यादातर समय फ्री सॉफ्टवेयर की वकालत करने एवं सॉफ्टवेयर पेटेंट्स, डिजिटल राइट्स और दूसरे टेक्निकल लीगल सिस्टम्स जो यूजर से उनकी आज़ादी छीनते हैं, उनके विरुद्ध आंदोलन करने में व्यतीत करते हैं। इनमे सॉफ्टवेयर लाइसेंस एग्रीमेंट्स, नॉन डिस्क्लोज़र एग्रीमेंट, एक्टिवेशन कीस, डोंगल्स, कॉपी रेस्ट्रिक्शन, प्रोप्रिएटरी फोर्मट्स और बिना सोर्स कोड के बाइनरी एक्सेक्यूटेबल्स भी शामिल हैं।
डॉ स्टॉलमैन ने ही कॉपीलेफ्ट के विचार को लोगो के सामने रखा था, जो कॉपीराइट के ही सिद्धांतो को इस्तेमाल कर यूजर को सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करने की, उसके सोर्स कोड को मॉडिफाई करने की और उस सॉफ्टवेयर एवं उसके सोर्स कोड को वितरित करने की आज़ादी देता हैं।

२०१२ तक इन्हे १४ आनरेरी डॉक्टरेट और प्रोफेस्सोर्शिप्स मिले हैं।

== सुरुवात के वर्ष ==2019

न्यूयॉर्क सिटी

स्टॉलमैन का जन्म १९५३ में न्यूयॉर्क सिटी में हुआ था। स्टॉलमैन की माता का नाम ऐलिस लिप्प्मन, वह पेशे से स्कूल शिक्षिका थी, स्टॉलमैन के पिता डेनियल स्टॉलमैन प्रिंटिंग प्रेस ब्रोकर थे। बचपन से ही स्टॉलमैन को कम्प्यूटर्स में बहुत रूचि थी। जब स्टॉलमैन एक प्री - टीन समर कैंप में थे तब उन्होंने IBM 7094 के मनुएल्स पढ़े थे। [१] १९६७ से १९६९ के बीच स्टॉलमैन कोलंबिया यूनिवर्सिटी के हाई स्कूल स्टूडेंट्स के लिए चलाये जाने वाले शनिवार के प्रोग्राम में जाते थे। [१] १९६७ से १९६९ के बीच स्टॉलमैन कोलंबिया यूनिवर्सिटी के हाई स्कूल स्टूडेंट्स के लिए चलाये जाने वाले शनिवार के प्रोग्राम में जाते थे। स्टॉलमैन रॉकफेलर विश्वविद्यालय के जीवविज्ञान डिपार्टमेंट में वॉलन्टरी लेबोरेटरी असिस्टेंट भी रह चुके हैं। उनकी रूचि गणित एवं फिजिक्स की तरफ ज़्यादा थी लेकिन रॉकफेलर यूनिवर्सिटी में उनके शिक्षक के अनुसार वे अच्छे बायोलॉजिस्ट भी बन सकते थे। [२]
कम्प्यूटर्स के साथ उनका पहला अनुभव IBM New York Scientific Center में हुआ था जब वे हाई स्कूल में थे। हाई स्कूल के सीनियर ईयर के बाद उन्हें १९७० के ग्रीष्म काल के लिए लिया गया था ताकि वह Fortran लैंग्वेज इस्तेमाल करके एक न्यूमेरिकल एनालिसिस का प्रोग्राम लिखे। उन्होंने यह काम कुछ हफ्तों में खत्म किया और बाकी की के समय उन्होंने APL लैंग्वेज इस्तेमाल कर एक टेक्स्ट एडिटर का प्रोग्राम लिखा और एक प्रीप्रोसेसर का प्रोग्राम लिखा PL/1 प्रोग्रामिंग लैंग्वेज इस्तेमाल करके इसके लिए उन्होंने IBM System/360 मशीन का व्यव्हार किया था। हार्वर्ड विश्वविद्यालय के फर्स्ट ईयर में (१९७० ), स्टॉलमैन को उनके MATH55 में मज़बूत प्रदर्शन के लिए जाना जाता था।

MIT

१९७१ तक अपने फर्स्ट ईयर के खत्म होने तक वे MIT Artificial Intelligence Laboratory में प्रोग्रामर बन गए थे। वे हैकर कम्युनिटी में भी जाने जाते थे वहां उन्हें RMS नाम से जाना जाता था ( RMS उनके कंप्यूटर अकाउंट का भी नाम था।)। १९७४ में वे हार्वर्ड से फिजिक्स में स्नातक हुए। अपने ग्रेजुएशन के बाद स्टॉलमैन ने MITग्रेजुएट स्टूडेंट के तौर पे ज्वाइन जॉइन किया। उन्होंने अपने फिजिक्स में डॉक्टरेट करने की इच्छा एक साल के बाद छोड़ दी, वे MIT AI LABORATORY में प्रोग्रामिंग पर ध्यान देना देना चाहते थे।
१९७५ में वे MIT में गेर्री सुस्समेन के नीचे रिसर्च असोसिएट के तौर पर काम कर रहे थे। उस समय स्टॉलमैन ने सुस्समेन के साथ एक रिसर्च पेपर प्रकाशित किया था यह पेपर AI Truth Maintenance पर था। इसका शीर्षक dependency directed backtracking था। यह पेपर intelligent backtracking in constraint satisfaction problems में एक शुरुवाती काम था। २००३ तक स्टॉलमैन और सुस्समेन द्वारा दिए गए तकनीक को सबसे शक्तिशाली intelligent backtracking का तरीका माना जाता हैं।
MIT के AI लेबोरेटरी में हैकर के तौर पर काम करते हुए, स्टॉलमैन ने कुछ सॉफ्टवेयर प्रोजेक्ट्स पर काम किया था जैसे TECO, ITS के लिए EMACS और LISP मशीन ऑपरेटिंग सिस्टम। वे लेबोरेटरी में कंप्यूटर के सिमित उपलब्धता के कड़े आलोचक थे, उस समय लेबोरेटरी की फंडिंग डिफेंस एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट एजेंसी से होती थी। जब MIT के लेबोरेटरी फॉर कंप्यूटर साइंस ने १९७७ में पासवर्ड कंट्रोल सिस्टम इनस्टॉल किया, तब स्टॉलमैन ने पासवर्ड डिक्रिप्ट करने का एक तरीका निकला। स्टॉलमैन ने सभी यूजरस को मेल भेजा जिसमे उनका डिक्रिप्ट किया हुआ पासवर्ड था और इस मेल में उन्होंने यूजरस को अपना पासवर्ड बदल कर नल स्ट्रिंग ( यानि कोई पासवर्ड नहीं ) करने का सुझाव दिया ताकि कंप्यूटर सिस्टम में फिर से एनोनिमस (anonymus ) एक्सेस सुरु हो। करीब २०% यूजरस ने उनकी बात मानी, लेकिन अन्त में पासवर्ड सिस्टम ही कायम रहा। कई साल बाद स्टॉलमैन ने अपने इस आंदोलन को सफल बताया। [३]

GNU को लाने वाली घटनाये

७० के दसक के अन्त में और ८० के दसक के आरम्भ में जिस हैकर कल्चर में स्टॉलमैन रहते थें वह चरमराने लगा। सॉफ्टवेयर को प्रतिद्वंदियों के कम्प्यूटरों पर चलने से रोकने के लिए कंपनियों ने सोर्स कोड देना बंद कर दिया और कॉपीराइट एवं रेस्ट्रिक्टिव सॉफ्टवेयर लाइसेंसस का इस्तेमाल करना सुरु कर दिया ताकि सॉफ्टवेयर को कॉपी या डिस्ट्रीब्यूट करना सिमित या बंद किया जा सके। ऐसे प्रोप्रिएटरी सॉफ्टवेयर का पहले भी अस्तित्व था, और यह साफ़ होता जा रहा था की भविस्य में सब सॉफ्टवेयर प्रोप्रिएटरी सॉफ्टवेयर ही होगा। स्टॉलमैन के MIT के मित्र ब्रूस्टर कहेल के अनुसार सॉफ्टवेयर के कानूनी चरित्र में यह बदलाव US कॉपीराइट एक्ट ऑफ़ १९७६ के कारन हुआ था।
जब ब्रायन रेिड ने स्क्राइब मार्कअप लैंग्वेज और वर्ड प्रोसेसिंग सिस्टम में अनलाइसेंसड एक्सेस नियन्त्रित करने के लिए सॉफ्टवेयर टाइम बोम्ब्स लगाये तब स्टॉलमैन ने इसे " इंसानियत के खिलाफ अपराध " का दर्जा दिया। कई वर्षो बाद स्टॉलमैन ने यह सफाई दी की यूजर के स्वतंत्रता को रोकने वाले कर्म को वे अपराध मानते हैं, सॉफ्टवेयर के लिए पैसे लेने को नहीं।
१९८० में स्टॉलमैन और कुछ और हैकरों को AI लैब में इनस्टॉल किये गए नए XEROX 9700 लेज़र प्रिंटर के सॉफ्टवेयर के सोर्स कोड को एक्सेस नहीं करने दिया गया, स्टॉलमैन ने इसके पहले वाले लेज़र प्रिंटर के सोर्स कोड को थोड़ा सा परिवर्तित किया था। इस परिवर्तन से यह हुआ था की प्रिंटर ड्राइवर प्रिंटिंग जॉब के होने पर लोग इन किये हुए यूजर को यह मैसेज भेजता था की "उनका जॉब हो चूका हैं " और अगर प्रिंटर में पेपर जैम हो जाता तो यह सॉफ्टवेयर सब लोग इन किये हुए यूजरस को इसकी जानकारी देते एक मैसेज भेजता था। इस नए प्रिंटर में यह फीचर्स ऐड करना संभव नहीं हुआ जिससे ज़्यादातर यूजरस को बहुत समस्या होती थी क्यूंकि प्रिंटर ज़्यदातर यूजरस से किसी दूसरे फ्लोर पर था। इस अनुभव के बाद स्टॉलमैन निश्चित हो गए की यूजरस को सॉफ्टवेयर में कोई भी परिवर्तन करने की आज़ादी होनी चाहिए।
रिचर्ड ग्रीनब्लाट भी AI लैब में हैकर थे उन्होंने Lisp Machines,Inc की सुरुवात की ताकि वे Lisp मशीन बेच सके। यह Lisp मशीने उन्होंने और टॉम नाइट ने AI लैब में डिज़ाइन किया था। ग्रीनब्लाट ने बाहरी फंडिंग लेने से इंकार कर दिया था। उनका यह मानना था की कुछ मशीन बनाकर बेचने से जो मुनाफा होगा उसे कंपनी में फिर से निवेश कर कंपनी को और बड़ा किया जा सकेगा। इसके विपरीत दूसरे हैकरों ने सोचा की वेंचर कैपिटल तरीका ज़्यादा बेहतर होगा। किसी एग्रीमेंट पर ना पहुचने पर वह हैकर्स जो वेंचर फंडेड रास्ता लेना चाहते थे उन्होंने साथ में मिलकर Symbolics(सिमबोलिक्स ) की सुरुवात की रस नॉफ्टस्कर की मदद से जो AI लैब में एडमिनिस्ट्रेटर थे। सिमबोलिक्स ने बाकि के सभी हैकर्स को रिक्रूट किता जिसमे जाने माने हैकर बिल गोसपर भी शामिल थे, जिन्होंने AI लैब छोड़ दी। सिमबोलिक्स ने MIT के पॉलिसीस का हवाला देते हुए ग्रीनब्लाट को इस्तीफा देने पर मजबूर किया। दोनों कम्पनियो ने प्रोप्रिएटरी सॉफ्टवेयर बनाया,स्टॉलमैन का मानना था की सिमबोलिक्स के मुकाबले LMI ने लैब के कम्युनिटी को कोई हानि नहीं पहुँचाई हैं। १९८२ से १९८३ के अन्त तक स्टॉलमैन सिमबोलिक्स के प्रोग्रामर्स के आउटपुट को क्लोन करने का काम किया करते थे ताकि सिमबोलिक्स को लैब के कम्प्यूटरों पर एकाधिकार करने से रोका जा सके।

स्टॉलमैन के अनुसार सॉफ्टवेयर यूजरस को सॉफ्टवेयर शेयर करने की आज़ादी होनी चाहिए इसके साथ यूजरस को सॉफ्टवेयर के सोर्स कोड को अध्ययन करने की और उसमे बदलाव कर उसे वितरित करने की स्वतंत्रता भी होनी चाहिए। उनके अनुसार स्वतंत्रता समाज एवं यूजरस के लिए ज़रूरी हैं और यह एक नैतिक मूल्य हैं।

स्टॉलमैन ने फरवरी १९८४ में अपनी MIT की नौकरी छोड़ दी ताकि वो अपना पूरा समय GNU प्रोजेक्ट को दे सके जिसकी घोसना उन्होंने सितम्बर १९८३ को की थी।

GNU प्रोजेक्ट

सितम्बर १९८३ में स्टॉलमैन ने GNU ऑपरेटिंग सिस्टम के योजना की घोसना कई ARPANET मेलिंग लिस्ट्स और USENET में की थी।

स्टॉलमैन ने इस प्रोजेक्ट की सुरुवात स्वयं की थी और यह कहा था " एक ऑपरेटिंग सिस्टम डेवलपर होने होने के नाते मेरे पास इस कार्य के लिए सही कौशल था। में यह मानकर तो नहीं चल सकता था की इस कार्य में मुझे सफलता मिलेगी, लेकिन मुझे ऐसा लगा की मुझे इस काम के लिए चुना गया था। मैंने अपने सिस्टम को UNIX के साथ कम्पेटिबल बनाने का निर्णय लिया , ताकि वह पोर्टेबल हो और UNIX यूजरस आसानी से उसे अपना सके। "

१९८५ में स्टॉलमैन ने GNU मैनिफेस्टो (GNU घोस्नापत्र ) जारी किया। इसमें उन्होंने अपने GNU नामक फ्री ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने की रुपरेखा लिखी थी। यह GNU ऑपरेटिंग सिस्टम UNIX के साथ कम्पेटिबल होने वाला था। यह नाम GNU एक रिकर्सिव एक्रोनिम (recursive acronym) हैं इसका फुल फॉर्म "GNU इस नोट UNIX" हैं। इसके तुरन्त बाद इन्होने एक नॉन - प्रॉफिट संस्था की स्थापना की जिसका नाम फ्री सॉफ्टवेयर फाउंडेशन (FSF) रखा गया। इसका उद्देश्य सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर्स नियुक्त करना था और फ्री सॉफ्टवेयर मूवमेंट को एक कानूनी रूप से बुनियादी ढांचा उपलब्ध करवाना था। स्टॉलमैन FSF के बिना वेतन के अध्यक्ष हैं। FSF एक 501(c)(3) नॉनप्रॉफिट संस्था हैं मैसाचुसेट्स में। स्टॉलमैन ने कॉपीलेफ्ट के विचार को लोकप्रिय बनाया। कॉपीलेफ्ट एक कानूनी क्रियाविधि हैं जो फ्री सॉफ्टवेयर में बदलाव और वितरण के अधिकारों को नियन्त्रित करती हैं। पहली बार इसे GNU Emacs जनरल पब्लिक लाइसेंस में कार्यान्वित किया गया। १९८९ में पहला प्रोग्राम मुक्त GNU जनरल पब्लिक लाइसेंस जारी हुआ था। तब तक GNU सिस्टम का बहुत सारा हिस्सा तैयार हो चूका था।

स्टॉलमैन ने कई ज़रूरी सॉफ्टवेयर टूल्स बनाये थे, इनमे टेक्स्ट एडिटर (EMacs ),कम्पाइलर (GCC ),डीबगर (gdb ) और एक बिल्ड ऑटोमेटर (gmake ) शामिल हैं। जो कम्पोनेन्ट बाकी रह गया था वह था कर्नल। १९९० में GNU के कुछ मेम्बरों ने कारनेजी मेलोन के माक (MACH) माइक्रोकर्नल को GNU हर्ड प्रोजेक्ट में इस्तेमाल करना सुरु किया, हर्ड अभी भी पूरी तरह से तैयार नहीं हैं।

१९९१ में लीनस ट्रोवाल्ड्स (जो उस समय फ़िनलैंड में एक छात्र थे ) ने GNU के डेवलपमेंट टूल्स के मदद से एक ओपन सोर्स मोनोलिथिक लिनक्स कर्नल बनाया। ट्रोवाल्ड्स ने ने यह कर्नल फ्री सॉफ्टवेयर लाइसेंस के तहत रिलीज़ कर दिया। GNU सिस्टम और लिनक्स कर्नल को एक करके एक नया फ्री ऑपरेटिंग सिस्टम बनाया गया जिसे हम GNU/LINUX के नाम से जानते हैं। लेकिन आम चलन में GNU/LINUX को लिनक्स ही कहा जाता हैं। इस ऑपरेटिंग सिस्टम को सिर्फ लिनक्स कहना अनुचित हैं क्यूंकि यह ऑपरेटिंग सिस्टम GNU सिस्टम ही हैं जिसमे लिनक्स कर्नल इस्तेमाल किया गया हैं।

हैकर कल्चर में स्टॉलमैन ने POSIX नाम और Emacs एडिटर को प्रभावित किया हैं। UNIX सिस्टम्स में Emacs की लोकप्रियता ने vi को कड़ी टक्कर दी। इससे एडिटर वॉर सुरु हो गया। स्टॉलमैन ( मज़ाक में ) कहते थे की वे अपने आप को Emacs चर्च के St.IGNUcius मानते थे और कहते थे की "vivivi शैतान का एडिटर हैं " जबकि "vi का फ्री वर्शन इस्तेमाल करना पाप नहीं तपस्या हैं "।

१९९२ में Lucid Inc जो अपने खुद का Emacs बना रहे थे, उनका स्टॉलमैन के साथ विवाद हुआ, आखिर में उन्होंने अपने सॉफ्टवेयर को XEmacs के रूप में फोर्क किया।

उनके आंदोलन

स्टॉलमैन ने फ्री सॉफ्टवेयर पर कई निबंध लिखे हैं। वे १९९० के दसक से ही फ्री सॉफ्टवेयर मूवमेंट के लिए आंदोलन करते रहे हैं। उनके दिए हुए भासणो का शीर्षक नू GNU प्रोजेक्ट और फ्री सॉफ्टवेयर मूवमेंट, सॉफ्टवेयर पेटेंट के खतरे और कंप्यूटर नेटवर्क्स के युग में कॉपीराइट और समाज। २००६ और २००७ जब १८ महीनो तक पब्लिक कंसलटेशन चल रहा था GNU जनरल पब्लिक लाइसेंस वर्शन ३ को ड्राफ्ट करने के लिए, उस समय उन्होंने एक चौथा शीर्सक जोड़ दिया जो प्रस्तावित बदलावों को विस्तार से समझाती थी।

स्टॉलमैन के फ्री सॉफ्टवेयर के मजबूत वकालत ने डेवलपर्स को Virtual Richard M Stallman(vrms) सॉफ्टवेयर बनाने के लिए प्रेरित किया। यह सॉफ्टवेयर डेबियन GNU/LINUX सिस्टम के हाल के पैकेजेस का विश्लेषण करता हैं और उन पैकेजों को रिपोर्ट करता हैं जो साथ में नॉन -फ्री ट्री बन रहे हो। स्टॉलमैन डेबियन के फ्री सॉफ्टवेयर के परिभासा से एकमत नहीं हैं।

१९९९ में स्टॉलमैन ने इनसाइक्लोपीडिया बनाने की बात की थी जिसमे लोग आर्टिकल्स बनाएंगे। इससे GNUpedia की सुरुवात हुई थी जिसको बाद में रिटायर की गया विकिपीडिया के लिए जो की एक उभरता हुआ मुक्त ऑनलाइन इनसाइक्लोपीडिया था और विकिपीडिया ज़्यादा सफलता पा रहा था। स्टॉलमैन पूरी दुनिया में सफर करते हैं और वे फ्री सॉफ्टवेयर और GNU प्रोजेक्ट पर भासन देने कम से कम ६५ देशों में गए हैं। स्टॉलमैन यह दावा करते हैं कि फ्री सॉफ्टवेयर आंदोलन और महात्मा गांधी के आंदोलन में बहोत समानताये हैं।

लिनक्स फॉर GNU प्रोजेक्ट

स्टॉलमैन ने कई बार GNU/LINUX (GNU स्लैश लिनक्स ) नाम के लिए व्यवहार करने का आग्रह किया हैं उस ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए जो GNU सिस्टम और लिनक्स कर्नल को साथ में जोड़ कर बनाया गया हैं। स्टॉलमैन इस ऑपरेटिंग सिस्टम को GNU का वैरिएंट मानते हैं और इस ऑपरेटिंग सिस्टम के मुख्य डेवलपर GNU को बताते हैं। उनके अनुसार इस सॉफ्टवेयर को को केवल मात्र लिनक्स कहने से GNU प्रोजेक्ट का दर्शन और इस सॉफ्टवेयर के बीच का सम्पर्क टूट जाता हैं। २००३ के आरम्भ से उन्होंने GNU+Linux (GNU प्लस लिनक्स )नाम का इस्तेमाल करना सुरु किया ताकि कोई इसे GNU/LINUX या GNU LINUX ना कह सके इससे यह हो सकता हैं कि लोग गलती से सोचने लगते की लिनक्स कर्नल को GNU प्रोजेक्ट मेन्टेन करता हैं।

सरवैलेंस विरोध

स्टॉलमैन जूलियन असांजे और एडवर्ड स्नोडेन जैसे व्हिसलब्लोवर्स के प्रशंशक हैं। स्नोडेन के PRISM (प्रिज्म) घोटाले के पर्दाफाश के बाद स्टॉलमैन ने अपने ईमेल सिग्नेचर में उनकी पैरवी की हैं। यह मेल कई मेलिंग लिस्ट्स में उपलब्ध हैं। :

To any NSA and FBI agents reading my email: 
Please consider whether defending the US Constitution against all enemies, foreign or domestic, requires you to follow Snowden's example.
                                                      
                                                     - Richard Stallman, email signature

इसका हिन्दी अनुवाद इस प्रकार हैं।

 
कोई भी NSA और FBI एजेंट जो शायद मेरा इ-मेल पढ़ रहे हो: 
कृपया सोचिये की US के संविधान की विदेशी या स्वदेशी शत्रुओ से रक्षा करने के लिए आपको स्नोडेन जैसा कार्य करना हैं। 
                                                     - रिचर्ड स्टॉलमैन, इ-मेल सिग्नेचर

व्यक्तिगत जीवन

स्टॉलमैन ने अपने जीवन का ज्यादातर हिस्सा राजनितिक और सॉफ्टवेयर आंदोलन में लगा दिया। वे मानते हैं कि धन की बहुत कम परवाह करते हैं। स्टॉलमैन कहते हैं- " में हमेशा सादगी में जिया हूँ .... एक विद्यार्थी की तरह और मुझे ये पसंद हैं क्यूंकि पैसा जैसा मुझे नहीं कहता ये करो ये मत करो "।

१९९८ तक MIT का AI लैब जो उनका ऑफिस था उनका घर भी हुआ करता था। वे वही से मतदान करने के लिए रजिस्टर्ड थे। अभी वे केम्ब्रिज में एक अलग घर में रहते हैं जो MIT से ज़्यादा दूर नहीं हैं। MIT में उनका रिसर्च एफिलिएट के पद के लिए उन्हें कोई वेतन नहीं मिलता।

१९९९ में उन्होंने लिखा था " एक नास्तिक होने के नाते में किसी धार्मिक गुरु को नहीं मानता, लेकिन कभी कभी उन में से किसी के बोले हुए अच्छी बात की प्रशंसा करता हूँ"। स्टॉलमैन कभी कभी एक बटन पहनते हैं जिसमे लिखा हुआ होता हैं "Impeach god "। जब स्टॉलमैन को पूछा गया के वे यहूदी हैं या नहीं ? तब उनका जवाब था की बे नास्तिक हैं लेकिन यहूदी मूल के।

स्टॉलमैन क्रिसमस नहीं मानते, वे २५ दिसंबर को "Grav-Mass"(ग्राव -मास ) मनाते हैं। यह नाम और दिन सर आईसैक न्यूटन पर रखी गयी हैं, उनका जनम पुराने कैलेंडर के अनुसार २५ दिसंबर को हुआ था।

जब उनसे पूछा गया की वे किन व्यक्तिओं से प्रभावित हुए थे, उनका जवाब था महात्मा गांधी , मार्टिन लूथर किंग, नेल्सन मंडेला, आंग सान सू की, राल्फ नादर और डेनिस कुसिनीएच और इसके साथ यह भी कहा -" मैं फ्रेंक्लिन.डी.रोसवैल्ट और विन्सटन चर्चिल का भी प्रशंशक हूँ हालांकि में उनके उनके कुछ कार्यो की आलोचना करता हूँ "। स्टॉलमैन, ग्रीन पार्टी के समर्थक हैं और नेशनल इनिशिएटिव प्रपोजल के समर्थक हैं।

स्टॉलमैन मोबाइल फ़ोन ना रखने की हिदायत देते हैं क्यूंकि वे मानते हैं कि मोबाइल फ़ोन ट्रैकिंग से हानिकारक प्राइवेसी की समस्या हो सकती हैं। स्टॉलमैन उस बिल्डिंग में घुसने के लिए की -कार्ड का इस्तेमाल नहीं करते जहा उनका ऑफिस हैं क्यूंकि ऐसा सिस्टम हर दरवाज़े से निकलने और घुसने की जगह और समय को ट्रैक करता हैं। व्यक्तिगत कारन से वे वेब को अपने पर्सनल कंप्यूटर में एक्टिव इंटरनेट कनेक्शन से ब्राउज नहीं करते। वे एक सर्वर का इस्तेमाल करते हैं और wget एप्लीकेशन के मदद से जो वेबपेज एक्सेस करना हो उसे यह एप्लीकेशन मेलबॉक्स में भेजती हैं।

मेनचेस्टर, इंग्लैंड में मई १, २००८ को एक लेक्चर के दौरान स्टॉलमैन ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग के मुकाबले पेपर वोटिंग की वकालत की थी। उनका मन्ना हैं कि अगर रेकॉउंट करने की नौबत आई तो पेपर बैलट को सटीक रेकॉउंट करने की संभावना ज़्यादा हैं।

सम्मान एवं पुरस्कार

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सन्दर्भ

  1. साँचा:cite web
  2. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; freeasinfreedom-chap3 नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
  3. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; Levy नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।