राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड

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National Dairy Development Board (Statutory Body in India)
TypeInstitute of National Importance
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HeadquartersAnand, Gujarat, India
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Websitewww.nddb.coop/hi

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राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड, भारतीय संसद के एक अधिनियम द्वारा स्थापित राष्ट्रीय महत्व का संस्थान है। इसका मुख्यालय गुजरात के आनन्द शहर में है तथा क्षेत्रीय कार्यालय देश के विभिन्न नगरों में फैले हुए हैं।

राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड की स्थापना उत्पादकों के स्वामित्व और उनके द्वारा नियंत्रित संगठनों को प्रोत्साहित करने और उन्हें आर्थिक सहायता देने के उद्देश्य से की गई थी। राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड के कार्यक्रम और गतिविधियों का उद्देश्य कृषक सहकारी संस्थाओं को सुदृढ़ करना तथा उन राष्ट्रीय नीतियों का समर्थन करना है जो ऐसी संस्थाओं के विकास केअनुकूल हैं।

राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड की स्थापना 1965 में शोषण के स्थान पर सशक्तिकरण, परम्परा के स्थान पर आधुनिकता और स्थिरता के स्थान पर विकास लाने के लिए की गई थी। इसका उद्देश्य डेरी उद्योग को भारत के ग्रामीण लोगों के विकास के साधन के रूप में परिवर्तित करना है।

राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड ने अपना कार्य लाखों साधारण दूध उत्पादकों के जीवन में डेरी उद्योग को बेहतर भविष्य का साधन बनाने के मिशन के रूप में शुरू किया। इस मिशन को “ऑपरेशन फ्लड” कार्यक्रम के द्वारा गति और दिशा मिली। यह कार्यक्रम 26 वर्षों से भी अधिक समय तक चला। विश्व बैंक की ऋण सहायता से चले इस कार्यक्रम के फलस्वरूप भारत विश्व का सबसे अधिक दूध उत्पादन करने वाले देश के रूप में उभरा। ऑपरेशन फ्लड का तृतीय चरण 1996 में समाप्त हुआ। ऑपरेशन फ्लड की अनेक महत्वपूर्ण उपलब्धियां हैं।

मार्च 2019 की स्थिति के अनुसार, भारत की 1,90,500 ग्रामीण स्तर की सहकारी डेरियां 245 दुग्ध संघों तथा 22 महासंघों से जुड़ी हैं। इन्होंने प्रतिदिन औसतन, 508 लाख किलोग्राम दूध की अधिप्राप्ति की। वर्तमान में 1.69 करोड़ किसान ग्रामीण स्तर की सहकारी समितियों के सदस्य हैं।

अपने स्थापना काल से ही राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड ने भारत के डेरी उद्योग का आयोजन इस प्रकार किया है कि डेरी उद्योग के विकास की जिम्मेदारी दुग्ध उत्पादकों और उनके द्वारा रखे गए व्यावसायिकों को सौंपी है जो इनका संचालन करते हैं। साथ ही, राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड अन्य पण्य -वस्तु आधारित सहकारी संस्थाओं, संबंधित उद्योगों और पशु चिकित्सा जैविकों को सघन एवं राष्ट्रव्यापी स्तर पर बढ़ावा देता है।

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