राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान

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राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (National Disaster Management Authority / NDMA) का गठन संसद के अधिनीयम के अन्तगर्त भारत और अन्य क्षेत्र में क्षमता विकास के लिये एक प्रमुख संस्थान के रूप में अपनी भूमिका निभाने के उद्देश्य के साथ किया गया है। इस दिशा में प्रथम प्रयास सन 1995 में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन केंद्र के गठन के साथ आरम्भ हुआ जो आगे चल कर अपने नये नाम राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान के रूप में प्रशिक्षण एवं क्षमता विकास के लिए विकसित हुआ। आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के अंतर्गत राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान को आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में मानव संसाधन विकास, क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण, अनुसंधान, अभिलेखन एवं नीतिगत पैरवी के लिए नोडल एजेंसी के रूप मे जिम्मेदारी सौंपी गयी है।

एन. आई. डी. एम. लगभग सभी राज्यों में स्थापित आपदा प्रबन्धन केन्द्रों को सहयोग प्रदान करता है | ऐसे अधिकांश केंद्र, राज्यों के प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान में स्थित हैं। आपदा प्रबंधन केंद्र के कई कार्यक्रमो का खर्च एन. आई. डी. एम. द्वारा वहन किया जाता है। वर्तमान में 29 ऐसे केंद्र स्थापित किये जा चुके हैं और कुछ स्थापित किये जाने की प्रक्रिया में हैं। आपदा प्रबंधन केंद्र का प्रशिक्षण कार्यक्रम, एन. आई. डी. एम. द्वारा आयोजित वार्षिक प्रशिक्षण सम्मेलन के दौरान आपसी परामर्श के माध्यम से तैयार किया जाता है। वार्षिक प्रशिक्षण सम्मेलन में राज्यों के राहत आयुक्त, प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान के महानिदेशक एवं भारत सरकार के सम्बंधित नोडल मंत्रालयों एवं विभागों के प्रतिनिधियों द्वारा भाग लिया जाता है।

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