राल्फ थॉमस हॉचकिन ग्रिफ़िथ

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राल्फ थॉमस हॉचकिन ग्रिफ़िथ (Ralph Thomas Hotchkin Griffith ; 1826-1906) एक अंग्रेज भारतविद थे। उन्होंने वैदिक ग्रंथों का अंग्रेजी में अनुवाद किया। उन्होंने अन्य संस्कृत साहित्य के अनुवाद भी किए, जिनमें रामायण का एक काव्य संस्करण और कालिदास कृत कुमारसम्भवम् शामिल हैं।

जीवन

उनका जन्म 25 मई 1826 को कॉर्सली, विल्टशायर में हुआ था।[१] वह रेवरेंड आर.सी .ग्रिफ़िथ के पुत्र (1830 की मैकक्वेस ऑफ बाथ के चैप्लेन) थे। वह क्वींस कॉलेज के बीए थे और 24 नवंबर 1849 को संस्कृत के बोडेन प्रोफेसर चुने गए।[२] उन्होंने वैदिक ग्रंथों को अंग्रेजी में अनुवाद किया तथा संस्कृत साहित्य के अन्य ग्रन्थों के भी अनुवाद किए, जिनमें रामायण का एक कविता संस्करण और कालिदास के कुमारसम्भव प्रमुख हैं। उन्होंने भारत में बनारस कॉलेज के प्रधानाचार्य का पद भी सुशोभित किया।

ऋग्वेद का उनका अनुवाद मैक्स मूलर के छह खंड संस्कृत संस्करण के पाठ का अनुसरण करता है। उनकी कृतियाँ आम तौर पर महान विद्वान सायन के काम का अनुसरण करतीं हैं जो चौदहवीं शताब्दी में - विजयनगर के प्रधान मंत्री थे।

1879 में सेवानिवृत्त होने के पश्चात वे अपने भाई फ्रैंक के साथ कोत्तगिरि में बस गए थे। उनके भाई फ्रंक बॉम्बे प्रेसीडेन्सी में सार्वजनिक कार्य विभाग में एक इंजीनियर थे।। कोत्तगिरि में वे वेदों के अध्ययन और अनुवाद में लगे हुए थे। 7 नवम्बर 1 9 06 को उनकी मृत्यु हो गई, और वहीं उन्हे दफनाया गया।

कार्य

उनके ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद और रामायण प्रतियों के अनुवाद इंटरनेट पर उपलब्ध हैं।

नोट

संदर्भ

बाहरी लिंक

विश्वविद्यालय के फैलो कलकत्ता