रामानुजन-नागेल समीकरण
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गणित में संख्या सिद्धान्त के अन्तर्गत रामानुजन-नागेल समीकरण (Ramanujan–Nagell equation) चरघातांकी डियोफैंटीय समीकरण का एक विशेष रूप है।
रामानुजन-नागेल समीकरण एवं इसका हल
- 2n − 7 = x2
को रामानुजन-नागेल समीकरण कहते हैं। इसका n तथा x के लिये प्राकृतिक संख्या में हल तब सम्भव है जब -
- n = 3, 4, 5, 7 तथा 15.
इस हल का अनुमान सन् १९१३ में भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन ने किया था जिसे स्वतंत्र रूप से सन् १९४३ में नार्वे के गणितज्ञ विल्हेल्म लंगग्रीन (Wilhelm Ljunggren (1905–1973)) ने प्रस्तावित किया था। तत्पश्चात नार्वे के ही गणितज्ञ ट्रिग्वे नागेल (Trygve Nagell (1895–1988)) ने उसके कुछ ही समय बाद सिद्ध कर दिखाया।