राधाचरण देबबर्मा
राधाचरण देबबर्मा | |
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Radha Charan Debbarma salute to Indian National Flag after flag hoisting | |
टीटीएएडीसी के मुख्य कार्यकारी सदस्य
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पद बहाल 17 मई 2015[१][२] – 17 मई 2020[३][४] | |
राज्यपाल | पद्मनाभ बालकृष्ण आचार्य तथागत राय कप्तान सिंह सोलंकी रमेश बैस |
पूर्वा धिकारी | रंजीत देबबर्मा |
उत्तरा धिकारी | राज्यपाल शासन |
टीटीएएडीसी के कार्यकारी सदस्य
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पद बहाल 2005 – 2015 [५] | |
चुनाव-क्षेत्र | जिरानिया |
विपक्षी नेता,टीटीएएडीसी
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पद बहाल 2000–2005 | |
टीटीएएडीसी के कार्यकारी सदस्य
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पद बहाल 1995–2000 | |
जन्म | साँचा:br separated entries |
राजनीतिक दल | भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) |
निवास | त्रिपुरा |
शैक्षिक सम्बद्धता | महाराजा बीर बिक्रम महाविद्यालय(कला स्नातक) कलकत्ता विश्वविद्यालय(एम॰ए॰-इतिहास) |
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राधा चरण देबबर्मा (जन्म १० जनवरी १९६३) एक भारतीय राजनेता और १७ मई २०१५ से १७ मई २०२० तक त्रिपुरा आदिवासी क्षेत्र स्वशासी जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी सदस्य रहे चुके हैं।[६][७][८][९] वे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के सदस्य हैं और गणमुक्ति परिषद के वर्तमान महासचिव, पार्टी के आदिवासी शाखा।[१०][११] देबबर्मा ने 1995 से 2000 और 2005 से 2015 तक TTAADC के कार्यकारी सदस्य के रूप में कार्य किया।[१२][१३][१४]देबबर्मा का कार्यकाल 17 मई 2020 को समाप्त हो गया और कोरोना वायरस महामारी के परिणामस्वरूप चुनाव नहीं हो पाए, त्रिपुरा आदिवासी क्षेत्र स्वशासी जिला परिषद वर्तमान में गवर्नर के शासन में है।[१५][१६][१७]
प्रारंभिक जीवन
राधाचरण का जन्म(10 January 1963) त्रिपुरा के मंडई में एक निम्न-मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। देबबर्मा अपने छात्र जीवन में छात्र आंदोलनों में बहुत सक्रिय थे। वे उपजाति छात्र यूनियन के महासचिव रहे चुके है। उन्होंने महाराजा बीर बिक्रम कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। और कलकत्ता विश्वविद्यालय से इतिहास विभाग में एम.ए पूरी की।
राजनीतिक कैरियर
देबबर्मा अपने शुरुआती जीवन से ही राजनीति में रुचि रखते थे। 1995 में, माकपा के टिकट से जिरानिया निर्वाचन क्षेत्र से पहली बार TTAADC का चुनाव लड़ा और कार्यकारी सदस्य बने।[१८] उन्होंने साल 2000 से 2005 तक TTAADC में विपक्ष के नेता के रूप में कार्य किया, जब IPFT ने माकपा को हराया था। साल 2000 से 2015 तक, वे फिरसे TTAADC के कार्यकारी सदस्य रहे। 2015 में, त्रिपुरा आदिवासी क्षेत्र स्वशासी जिला परिषद चुनाव में देबबर्मा ने 13,151 मतों से चुनाव जीता और उन्होंने TTAADC में अपनी सरकार बनाई। देबबर्मा ने 17 मई 2015 को TTAADC के मुख्य कार्यकारी सदस्य के रूप में शपथ ली।[१९]
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
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- ↑ साँचा:cite web
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- ↑ साँचा:cite news
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- ↑ साँचा:cite web
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- ↑ साँचा:cite news
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ साँचा:cite book
- ↑ Left Fronte List स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ साँचा:cite news
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- ↑ साँचा:cite web
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