राजेन्द्र जिज्ञासु

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.

राजेन्द्र जिज्ञासु (जन्म : 28 मई सन् 1931) एक स्वतंत्रता सेनानी, आर्यसमाजी कार्यकर्ता, तथा हिन्दी साहित्यकार हैं। आप उर्दू, फारसी व कुछ अरबी एवं हिन्दी-अंग्रेजी-पंजाबी आदि भाषाओं के जानकार हैं। आपने आर्यसमाज के महापुरुषों के जीवन चरित लिखकर एक इतिहास बनाया है और तीन सौ से अधिक पुस्तकें लिखीं हैं। आप पं. गंगाप्रसाद उपाध्याय, स्वामी स्वतन्त्रानन्द जी और स्वामी सर्वानन्द जी आदि अनेक विद्वान महात्माओं के निकट सम्पर्क में रहें हैं।

प्राध्यापक राजेन्द्र जिज्ञासु जी का जन्म 28 मई सन् 1931 को अविभाजित पंजाब के सियालकोट जिले के मालोमहे गाँव में हुआ था। श्री जीवनमल जी आपके पिताश्री थे और श्रीमती हरदेवी जी आपकी माता जी थीं।

कृतियाँ

उर्दू में लिखा गया आर्यसमाज का समस्त साहित्य आपके दृष्टिगोचर हुआ है व आपने वह सब पढ़ा है। पुरानी पत्र पत्रिकाओं जिनका नाम अब केवल आर्यसमाज की पुस्तकों में इतिहास के रूप में ही मिलता है, उनकी भी फाइलें आपके साहित्य संग्रह में विद्यमान है। पं. लेखराम जी पर आपने छोटे-बड़े अनेक जीवन चरित् लिखे हैं। पं. गुरुदत्त विद्यार्थी, महात्मा हंसराज ग्रन्थावली, स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती, पं. चमूपति जी, स्वामी सर्वदानन्द जी, पं. भगवद्दत्त रिसर्च स्कालर, पं. शान्ति प्रकाश जी, पं. रामचन्द्र देहलवी, मेहता जैमिनी, लौह पुरुष पं. नरेन्द्र, हैदराबाद, महाशय गोविन्दराम जी, स्वामी अमर स्वामी जी आदि अनेक आर्य महापुरुषों के जीवन चरित आपने लिखे हैं।[१]

प्रा. राजेन्द्र जिज्ञासु जी ने पं. गंगाप्रसाद उपाध्याय ग्रन्थावली का भी चार वृहद खण्डों में सम्पादन व प्रकाशन किया है। पं. लक्ष्मण आर्य जी ने ऋषि दयानन्द जी का उर्दू में वृहद जीवन चरित्र लिखा था। जिसका हिन्दी में अनुवाद कर आपने दो खण्डों में प्रकाशन कराया है। अन्य अनेक विषयों के भी छोटे-बड़े ग्रन्थ आपने लिखे हैं। परोपकारी मासिक में आपकी लेख शृंखला ‘कुछ तड़फ कुछ झड़फ’ के नाम से वर्षों से प्रकाशित होती आ रही है।

आपने पंजाब के एक आर्य सन्त पंडित रूलियाराम जी का एक लघु एवं महत्वपूर्ण जीवन चरित लिखा है। [२]

सन्दर्भ