राजस्थान के लोकदेवता

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यह सूची राजस्थान के लोकदेवता की है। श्री श्री 1008 लिखमीदास जी महाराज

रामदेव जी

- राजस्थान में रामदेवजी को बहुत अधिक पूजा जाता है। गरीबों के रखवाले रामदेव जी का अवतार ही भक्तों के संकट हरने के लिए ही हुआ था। राजस्थान में रामदेवरा नामक स्थान है। जहाँ प्रतिवर्ष रामदेव जंयती पर विशाल मेला लगता है। दूर-दूर से भक्त इस दिन रामदेवरा पहुँचते है। कई लोग तो नंगे पैर चलकर रामदेवरा जाते है। रुणिचा, जैसलमेर माता मैणादे पिता अजमालजी थे इनका जन्म 1405 में हुआ

गुरु जम्भेश्वर

गुरु जम्भेश्वर[१] का जन्म नागौर जिले के पीपासर ग्राम में विक्रम सम्वत १५०८ में हुआ था।[२]

गोगाजी

- एकता व सांप्रदायिक सद़भावना का प्रतीक धार्मिक पर्व गोगामेडी (राजस्थान) में गोगाजी की समाधि स्थल पर मेला लाखों भक्तों के आकर्षण का केंद्र है। गोगामेडी ,हनुमानगढ पत्नी:- केलंम दे , माता जी बाछल दे .गुरु गौराक्नाथ , मंदीर .. गोगामेडी नोव्हर , मेला भाद्र्पध क्रिश्नाव्न्मी ,,, घोडा ..लीला बप्पा ,,उपनाम ,, जहारवीर ,, नागराज का अवतार , गायो के रक्षक ,

जीणमाता

- जयपुर बीकानेर मार्ग पर सीकर से 11 कि॰मी॰ दूर गोरिया से जीण माता मंदिर केलिए मार्ग है। सीकर जीण माता की अष्टभुजी प्रतिमा है इस कि जयंती प्रतिवर्ष चैत्र ओर आश्विन के नवरात्रों में मेला भरता है यह चौहानों की कुलदेवी है जिन घांघू गांव बसाने वाले गंघराय की पुत्री ओर हर्ष की बहिन थी

शाकम्भरी माता

सांभर चौहानो की इष्ट देवी

सीमल माता

बसंतगढ़, सिरोही

हर्षनाथ जी

सीकर

केसरिया जी

धुवेल (उदयपुर)

मल्लीनाथ जी

तिलवाडा , बाडमेर

शिला देवी

आमेर

कैला देवी

करौली

ज्वाला देवी

जोबनेर

कल्ला देवी

सिवाना

तेजा जी

जन्म-खड़नाल नागौर इनकी मृत्यू सर्प दंश से सुरसुरा (अजमेर) नामक स्थान पर हुई। परबतसर (नागौर) में भाद्रपद शुक्ल दशमी को इनका मेला लगता है।[३]

वीर तेजा या तेजाजी एक राजस्थानी लोक देवता हैं। उन्हें शिव के प्रमुख ग्यारह अवतारों में से एक माना जाता है और राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश और हरियाणा आदि राज्यों में देवता के रूप में पूजा जाता है।

पाबूजी

कोलुमंड, पिताजी धांदल जी , माता जी कमला देवी , पत्नी फ्हुलम दे , घोड़ी केसर कलमी , या लड़ाई की जड़ , मेला चेत्र अमावश्या , उपनाम :- लक्ष्मण के अवतार , हाड फाड़ के देवता ,

खैरतल जी

अलवर

करणी माता

देशनोक (बीकानेर) चूहो की देवी

राजेश्वरी माता

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