राजन मिश्र - साजन मिश्र

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400 साल की पारिवारिक परम्परा को आगे बढ़ाते हुए इन दोनों भईयों को संगीत जगत में बहुत ही सम्मान से देखा जाता है। बनारस घराने में जन्मे पंडित राजन और पंडित साजन मिश्रा को संगीत की शिक्षा उनके दादा जी पंडित बड़े राम जी मिश्रा और पिता पंडित हनुमान मिश्रा ने ही दी।

साजन जी का विवाह पंडित बिरजू महाराज की पुत्री- 'कविता' से हुआ था और राजन जी का विवाह पंडित दामोदर मिश्र की पुत्री- 'बीना' से हुआ था ! आज राजन जी के सुपुत्र - रितेश और रजनीश भी सफल गायक के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं ! साजन जी का पुत्र - 'स्वरांश' भी निरंतर संगीत साधना में रत है !

किशोरावस्था में 1978 में राजन-साजन जोड़ी ने श्रीलंका में अपना पहला विदेशी शो किया। आज इनकी आवाज सरहदों के पार- जर्मनी, फ्रांस, स्वीटजरलैंड, आस्ट्रेलिया, अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर, जैसे कितने ही मुल्कों में गूंजती है ! ख्याल शैली में अतुलनीय गायन के लिए लोकप्रिय इन भाईयों की जोड़ी को 1971 में प्रधानमंत्री द्वारा संस्कृत अवार्ड मिला, 1994-95 में गंधर्व सम्मान और 2007 में पदम् भूषण से नवाज़ा गया। इनके 20 से अधिक एल्बम संगीत प्रेमियों के लिए उपलब्ध हैं।

वैसे तो मशहूर राजन और साजन मिश्रा ने कभी फिल्मों के संगीत निर्देशन के सम्बन्ध में कभी अपनी रूचि नहीं दिखाई, किन्तु अभी लखनऊ के निर्देशक राकेश मंजुल की फिल्म- 'तेरा देश, मेरा देश' के लिए संगीत निर्देशन की सहमति दी है।

पंडित राजन मिश्रा का कोरोना के कारण रविवार २५ अप्रैल २०२१ को निधन हो गया। उन्होंने 70 वर्ष की उम्र में दिल्ली के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। पंडित राजन मिश्रा को हृदय में समस्या होने के बाद दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन डॉक्टरों के अथक प्रयास के बाद भी उनकी जान नहीं बचायी जा सकी।[१]

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