रतलाम
साँचा:if empty Ratlam | |
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रतलाम रेलवे जंक्शन | |
साँचा:location map | |
निर्देशांक: साँचा:coord | |
देश | साँचा:flag/core |
प्रान्त | मध्य प्रदेश |
ज़िला | रतलाम ज़िला |
शासन | |
• सभा | रतलाम नगर निगम |
• सांसद | गुमानसिंह डामोर (भाजपा) |
क्षेत्र[१] | साँचा:infobox settlement/areadisp |
ऊँचाई | साँचा:infobox settlement/lengthdisp |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | २,६४,९१४ |
• दर्जा | मध्य प्रदेश में 9वाँ |
• घनत्व | साँचा:infobox settlement/densdisp |
वासीनाम | रतलामी |
भाषाएँ | |
• प्रचलित | हिन्दी |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 457001 |
दूरभाष कोड | 07412 |
वाहन पंजीकरण | MP-43 |
वेबसाइट | www |
रतलाम (Ratlam) भारत के मध्य प्रदेश राज्य के मालवा क्षेत्र में स्थित एक नगर है। यह रतलाम ज़िले का मुख्यालय भी है। पूर्व में रतलाम को रत्नपुरी नाम से जाना जाता था रतलाम का नाम रत्नपुरी रतलाम के प्रथम राजा रतन सिंह के नाम पर पड़ा बाद में समय के साथ इसका नाम रतलाम हो गया
विवरण
रतलाम शहर समुद्र सतह से १५७७ फीट कि ऊन्चाई पर स्थित है। रतलाम के पहले राजा महाराजा रतन सिंह थे। यह नगर सेव, सोना, सट्टा, मावा, साडी तथा समोसा, कचोरी, दाल बाटी के लिये प्रसिद्ध है। रतलाम की सबसे ज्यादा प्रसिद्ध रतलामी सेव हैं जिसका पुराना नाम भीलडी सेव था, सेव की खोज भील जनजाति ने करी थी।[४]
महाराजा रतनसिंह और उनके पुत्र रामसिंह के नामों के संयोग से शहर का नाम रतनराम हुआ, जो बाद में अपभ्रंशों के रूप में बदलते हुए क्रमशः रतराम और फिर रतलाम के रूप में जाना जाने लगा। मुग़ल बादशाह शाहजहां ने रतलाम जागीर को रतन सिह को एक हाथी के खेल में, उनकी बहादुरी के उपलक्ष में प्रदान की थी। उसके बाद, जब शहजादा शुजा और औरंगजेब के मध्य उत्तराधिकारी की जों जंग शरू हुई थी, उसमे रतलाम के राजा रतन सिंह ने बादशाह शाहजहां का साथ दिया था। औरंगजेब के सत्ता पर असिन होने के बाद, जब अपने सभी विरोधियो को जागीर और सत्ता से बेदखल किया, उस समय, रतलाम के राजा रतन सिंह को भी हटा दिया था और उन्हें अपना अंतिम समय मंदसौर जिले के सीतामऊ में बिताना पड़ा था और उनकी मृत्यु भी सीतामऊ में भी हुई, जहाँ पर आज भी उनकी समाधी की छतरिया बनी हुई हैं। औरंगजेब द्वारा बाद में, रतलाम के एक सय्यद परिवार, जों की शाहजहां द्वारा रतलाम के क़ाज़ी और सरवनी जागीर के जागीरदार नियुक्त किये गए थे, द्वारा मध्यस्ता करने के बाद, रतन सिंह के बेटे को उत्तराधिकारी बना दिया गया।
इसके आलावा रतलाम जिले का ग्राम सिमलावदा अपने ग्रामीण विकास के लिये पूरे क्षेत्र में प्रसिद्ध हे। यहाँ के ग्रामीणों द्वारा जनभागीदारी से गांव में ही कई विकास कार्य किये गए हे। रतलाम से 30 किलोमीटर दूर बदनावर इंदौर रोड पर सिमलावदा से 4 किलोमीटर दूर कवलका माताजी का अति प्राचीन पांडवकालीन पहाड़ी पर स्थित मन्दिर हे। यहाँ पर दूर दूर से लोग अपनी मनोकामना पूरी करने और खासकर सन्तान प्राप्ति के लिए यहाँ पर मान लेते हे।
राजनीतिक क्षेत्र
रतलाम जिला क्षेत्र के आधार पर जिले में कुल पाँच विधानसभा निर्वाचनक्षेत्र हैं:
- रतलाम नगर (श्री चेतन्य कश्यप) सेेठजि
- रतलाम ग्रामीण (श्री दिलीप मकवाना)
- सेलाना (श्री हर्षविजय गहलोत गुड्डू)
- जावरा (श्री राजेंद्र पांडे )
- आलोट (श्री मनोज चावला)
लोकसभा निर्वाचनक्षेत्र तीन हैं - रतलाम नगर, रतलाम ग्रामीण, सेलाना।
जनजातियाँ
- भील - रतलाम की जनजातियों में भील प्रमुख जनजाति है। रतलाम की सेव प्रसिद्ध है, और इस सेव के निर्माण सबसे पहले भील जनजाति ने ही किया था , इतिहास में भील सरदार का वर्णन मिलता है ।
- बैगा - बैगा एक जनजाति है।
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ "Inde du Nord: Madhya Pradesh et Chhattisgarh स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।," Lonely Planet, 2016, ISBN 9782816159172
- ↑ "Tourism in the Economy of Madhya Pradesh," Rajiv Dube, Daya Publishing House, 1987, ISBN 9788170350293
- ↑ "Tribals Invented Sev 200 Years Ago. Now, Sev Makers Are Evicting Them," Nihar Gokhale, 31 March 2019, IndiaSpend