मॉरिशियाई रुपया

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साँचा:infobox मॉरिशियाई रुपया (चिह्न: ₨; आईएसओ 4217 कोड: MUR) मॉरीशस का मुद्रा है। कई अन्य मुद्राओं को भी रुपया कहा जाता है।

इतिहास

रुपया को सन 1876 मे क़ानूनी तौर पर मॉरिशस का मुद्रा बनाया गया था । रुपया को चुना गया क्योंकि रुपया को चुना गया क्योंकि भारतीयों के मॉरिशस में बसने ने कारण भारतीय बड़े पैमाने पर भारतीय रुपए देश में मौजूद थे। मॉरिशियाई रुपया को 1877 में भारतीय रुपया, स्टर्लिंग और मॉरिशियाई डॉलर के बदले में इस्तेमाल में लाया गया, और एक मॉरिशियाई रुपया एक भारतीय रूपए के बराबर था, या एक मॉरिशियाई डॉलर का आधा। उस समय एक पाउंड 10¼ रुपए के बराबर था। मॉरीशस के मुद्रा को सेशेल्स में भी 1914 तक परिचालित किया गया, जब सेशेल्सी रुपया को उसकी जगह स्थापित किया गया। एक सेशेल्सी रुपया एक मॉरिशियाई रूपए के बराबर था।

1934 में, स्टर्लिंग से पेग ने भारतीय रुपया से पेग की जगह ले ली, 1 रुपया = 1 शिलिंग 6 पेंस  के दर से (जिस दर पर भारतीय रुपये का भी पेग था[१]). इस दर (जो 13⅓ रुपए = 1 पाउंड के बराबर है) को १९७९ बनाए रखा गया था।.

सिक्के

1877 में, 1, 2, 5, 10 और 20 सेंट के सिक्के शुरू किए गए थे, जहाँ 1, 2, 5 तांबे में और 10, 20 वाले चाँदी के बने थे। सिक्कों काहैं 1899 सुक गया और 1911 तक फिर शुरू नहीं हुआ, साथ ही चाँदी के सिक्कों का उत्पादन 1934 तक नहीं किया गया, जब ¼, ½ और 1 रुपया के सिक्के शुरू किए गए। 1947 में, ताम्र-निकल से बने 10 सेंट शुरू किया गया, और 1950 में चाँदी की जगह ताम्र-निकल का इस्तेमाल किया जाने लगा।

मॉरीशस गणराज्य के 1 रुपया का सिक्का

1971 शाही टकसाल ने सिक्कों और नोटों की एक नई सेट पेश की। इस सेट में आगे की तरफ़ महारानी एलिजाबेथ थीं और पीछे की तरफ़ राजकीय रूपांकन थे। पीछे के कुछ डिज़ाइनों को क्रिस्टोफर आयरनसाइड ओबीई ने डिज़ाइन किया था, जैसे 10 रुपया, 200 स्वर्ण रुपया और 250 स्वर्ण रुपया (1988 में जारी)।

1987 में, सिक्कों की एक नई शृंखला पेश की गई जिनमें पहली बार ब्रिटिश सम्राट का चित्र नहीं था (मॉरीशस बन नहीं था एक गणराज्य 1992 तक), लेकिन उनकी जगर सर शिवसागर रामगुलाम का। इन सिक्कों में शामिल थे कॉपर-प्लेटेड-स्टील के 1 और 5 सेंट (5 सेंट का आकार काफ़ी छोटा कर दिया गया), निकल-प्लेटेड-स्टील 20 सेंट और ½ रुपया, और ताम्र-निकल के 1 और 5 रुपए। ताम्र-निकल के 10 रुपए में पेश किए गए 1997 में। वर्तमान में जो सिक्के प्रचलन में हैं, वे हैं 5 सेंट, 20 सेंट, ½ रुपया, 1, 5, 10 और 20 रुपए। 1 रूपए से कम कीमत वाले सिक्कों को "सुपरमार्केट" के छुट्टे पैसे समझे जाते हैं। 1 सेंट का सिक्का सालों से परिचालन में नहीं है, और 1 सेंट वाला अंतिम शृंखला 1987 में पेश की गई थी और अब ये कलेक्टरों के आइटम हैं।

2007 में एक द्वि-धातु का 20 रुपया का सिक्का जारी किया गया  बैंक ऑफ मॉरिशस  के 40वीं वर्षगांठ मनाने के लिए और यह सिक्का अब सामान्य प्रचलन में है।

बैंकनोट

सबसे पहले बैंकनोट सरकार द्वारा जारी किए गए थे 1876 में, और 5, 10 और 50 रुपए के मूल्य में। 1 रुपये के नोट लाया गया था 1919 में। 1940 में 25 और 50 पैसे और 1 रुपए के आपातकालीन नोट बनाए गए थे। 1954 में, 25 और 1000 रुपए में शुरू किए गए थे।

 बैंक ऑफ मॉरिशस को सितम्बर 1967 में स्थापित किया गया था देश के केंद्रीय बैंक के रूप में , और उस समय के बाद से सिक्कों और बैंकनोटों को जारी करने के लिए ज़िम्मेदार है।[२] बैंक ने अपने पहले नोट 1967 में जारी किए, जिनमें 5, 10, 25, और 50 रूपए शामिल थे। इन नोटों पर दिनांक नहीं छपा था और उनके ऊपर महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय का चित्र था। आने वाले वर्षों में, कुछ नोटों को गवर्नर और प्रबंध निदेशक के नए हस्ताक्षरों के साथ बदला गया, लेकिन इसके अलावा इनमें और कोई बदलाव नहीं था।

1985 में, बैंक ऑफ़ मॉरिशस ने बैंक नोटों की एक नई शृंखला जारी की जिसमें 5, 10, 20, 50, 100, 200, 500 और 1000 रूपए  शामिल थे। इन नोटों को क़रीब से जाँचने पर पाया जाता है कि इन्हें दो नोट छापने वाली कंपनियों (ब्रैडबरी विलकिंसन और थॉमस दे ला र्यु) ने छापा था। इनका डिज़ाइन भी अलग-अलग समय पर किया गया था और इन नोटों के डिज़ाइन में ऐसी बहुत कम चीज़ें हैं जो सभी मूल्यों पर दिखती हैं। कई प्रकार की संख्या प्रणालियाँ, सुरक्षा धागे, मॉरिशियाई प्रतीक के अलग-अलग डिज़ाइन और आकार, अलग प्रकाश में परिवर्तनीय स्याही, और नोटों के आकार में बढ़ोतरी में गड़बड़ी और कई अलग-अलग टाइपसेट। ये समस्या 1998 तक रही।

1998 में, बैंक ऑफ़ मॉरीशस के नोटों की एक नई शृंखला जारी की, जिसमें 25, 50, 100, 200, 500, 1,000 और 2,000 रुपए हैं। इन नोटों का एक मानक प्रारूप था और सभी को एक साथ जारी किया गया नवंबर 1998 में। इस शृंखला के सभी नोटों को इंग्लैंड में Tथॉमस दे ला र्यु लिमिटेड ने मुद्रित किया था। इन नोटों को विवादों के बाद जून 1999 में परिचालन से हटा दिया गया।

बैंक ऑफ़ मॉरीशस ने अपनी नवीनतम नोटों की शृंखला जून 1999 के बाद जारी की, जिनका आज इस्तेमाल होता है।

1967 "एलिजाबेथ द्वितीय" मुद्दा
छवि मूल्य अग्रभाग रिवर्स
[१] 5 रुपए महारानी एलिजाबेथ द्वितीय स्मारक को ग्रांड पोर्ट की खाड़ी में डच नाविकों के पहुँचने को दर्शाता है (1598), नौकायन नाव
10 रुपए सरकार भवन, पोर्ट लुई
[२] 25 रुपए बैलगाड़ी
50 रुपए पोर्ट लुई बंदरगाह

वर्तमान में परिचालित नोट

अग्रभाग का डिज़ाइन

हर नोट में  एक हाथ से उत्कीर्ण चित्र है एक प्रमुख मॉरीशियाई व्यक्ति की, जो बाएँ हिस्से में है।

मूल्य चित्र शब्दचित्र
25 रुपए सर म्वालिन जीन आह-शुएन रॉड्रिक्स
50 रुपए जोसेफ मौरिस पातुरौ ले कौदोन
100 रुपए रेंगानादेन सीनीवासन न्यायलय भवन
200 रुपए सर अब्दुल रज़ाक मोहम्मद मॉरीशस का बाजार
500 रुपए श्री सूकदेव बिस्सूनदोयल मॉरीशस विश्वविद्यालय
1000 रुपए सर चार्ल्स गैतन डुवाल राज्य भवन
2000 रुपए सर शिवसागर रामगुलाम बैल और गन्ने की गाड़ी

हर नोट पर बैंक ऑफ़ मॉरीशस के भवन की एक तस्वीर और न्याय के मूर्ति का चित्रण भी है। ऊपरी दाएँ कोने पर नेत्रहीन लोगों की सहायता के किए एक चिह्न है, नोटों के आकार में फ़र्क के साथ-साथ।

रिवर्स के डिजाइन

हर मूल्य के नोट में एक शब्दचित्र है, जो मॉरिशस के अलग-अलग चिह्नों को दर्शाता है। शब्दचित्र के नीचे संख्या तमिल में लिखी गई है।

स्मारक सिक्के

मूल्य संरचना और खत्म बड़े पैमाने पर व्यास जारी करने की तिथि स्मारक विषय
25 रुपये चांदी गैर-सबूत 38.61 जी 38.61 मिमी अप्रैल 1978 मारीशस की स्वतंत्रता के 10 वीं वर्षगाँठ के अवसर पर 
20 रुपए चांदी के सबूत 28.28 जी 38.61 मिमी मई 1998 महारानी एलिजाबेथ द्वितीय और प्रिंस फिलिप के शादी की 50वीं सालगिरह 
1000 रुपये सोने के सबूत 17 जी 31.00 मिमी जनवरी 2000 मॉरीशस चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री का 150वाँ वर्षगाँठ
10 रुपये चांदी के सबूत 28.28 जी 38.60 मिमी जनवरी 2000 मॉरीशस चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री का 150वाँ वर्षगाँठ
100 रुपये चांदी के सबूत 36.76 जी 44 मिमी जुलाई 2001  महात्मा गांधी के मॉरीशस में आगमन का 100वाँ वर्षगाँठ

References

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  2. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।