मैन बुकर पुरस्कार
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मैन बुकर पुरस्कार | |
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चित्र:The Man Booker Prize 2015 logo.png | |
वर्णन | सर्वश्रेष्ठ मूल उपन्यास, अंग्रेजी भाषा में लिखित, और यूनाइटेड किंगडम में प्रकाशित |
जगह | गिल्डहॉल, लंदन, इंगलैंड |
प्रथम सम्मानित |
साँचा:start date and age (बुकर-मैककोनेल पुरस्कार के रूप में) |
अधिकृत वेबसाईट |
www |
मैन बुकर पुरस्कार फ़ॉर फ़िक्शन (साँचा:lang-en) जिसे लघु रूप में मैन बुकर पुरस्कार या बुकर पुरस्कार भी कहा जाता है, राष्ट्रकुल (कॉमनवैल्थ) या आयरलैंड के नागरिक द्वारा लिखे गए मौलिक अंग्रेजी उपन्यास के लिए हर वर्ष दिया जाता है। 2008 वर्ष का पुरस्कार भारतीय लेखक अरविन्द अडिग को दिया गया था। अडिग को मिलाकर कुल 5 बार यह पुरस्कार भारतीय मूल के लेखकों को मिला है (अन्य लेखक - वी एस नाइपॉल, अरुंधति राय, सलमान रश्दी और किरण देसाई) और कुल 9 पुरस्कार विजेता उपन्यास ऐसे हैं जिनका कथानक भारत या भारतीयों से प्रेरित है।[१]
बुकर पुरस्कार की स्थापना सन् 1969 में इंगलैंड की बुकर मैकोनल कंपनी द्वारा की गई थी। इसमें 60 हज़ार पाउण्ड की राशि विजेता लेखक को दी जाती है। इस पुरस्कार के लिए पहले उपन्यासों की एक लंबी सूची तैयार की जाती है और फिर पुरस्कार वाले दिन की शाम के भोज में पुरस्कार विजेता की घोषणा की जाती है। पहला बुकर पुरस्कार अलबानिया के उपन्यासकार इस्माइल कादरे को दिया गया था।
बुकर पुरस्कार विजेता
|2018 | माइकल ओन्डाटेजे | कनाडा |"द इंग्लिश पेशेंट"2019 मैरीलीन बूथ(अंग्रेजी ट्रांसलेटर)व मूल लेखक जोखा अल्हारथी का उपन्यास सेलेस्टिअल बॉडीज जो कि मूलतः अरबी में लिखा है