मुनि प्रणम्यसागर
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
मुनि प्रणम्यसागर जी महाराज | |
---|---|
लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। मुनि श्री प्रणम्यसागर जी महाराज | |
धर्म | जैन धर्म |
उपसंप्रदाय | साँचा:br separated entries |
व्यक्तिगत विशिष्ठियाँ | |
जन्म | साँचा:br separated entries |
निधन | साँचा:br separated entries |
शांतचित्त स्थान | साँचा:br separated entries |
जीवनसाथी | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
बच्चे | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
पिता | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
माता | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
स्क्रिप्ट त्रुटि: "check for unknown parameters" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
मुनि प्रणम्यसागर, आचार्य विद्यासागर जी से दीक्षित एक दिगम्बर साधु है। मुनि श्री ने कई जैन ग्रन्थों पर संस्कृत टीकाएँ, कई मौलिक कृतियाँ एवं वर्धमान स्तोत्र की रचना की है। अप्रैल २०१८ में इनका मुनि चंद्रसागर जी के साथ विहार दिल्ली के वैशाली क्षेत्र में हुआ। १४ मई २०१८ को महावीर वाटिका में इन दोनों मुनियों के सानिध्य में वर्धमान स्त्रोत विधान का आयोजन किया गया जिसमें सैकड़ो लोगो ने भाग लिया।[१]
लेखन
मुनि श्री ने कई जैन ग्रन्थों पर संस्कृत टीकाएँ एवं कई मौलिक कृतियाँ लिखी है जिनमें से प्रमुख हैं :-
स्तोत्रम्
- वर्धमान स्तोत्र - ६४ श्लोकों में महावीर स्वामी की स्तुती की गयी है।साँचा:sfn
सन्दर्भ
सन्दर्भ सूत्र
- स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।</ref>
- ↑ साँचा:citation
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।