मुद्रा वायदा

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.

मुद्रा वायदा, जिसे एफएक्स फ़्यूचर (FX future) या विदेशी विनिमय (एक्सचेंज) भी कहते हैं, भविष्य में होनेवाले एक-दूसरे के साथ मुद्रा के विनिमय का एक ऐसा अनुबंध है, जो खरीदारी करने की तारीख़ पर, किसी निर्धारित तारीख़ और निर्धारित विनिमय दर (एक्सचेंज रेट) पर तय किया गया हो; विदेशी मुद्रा विनिमय व्युत्पन्न देखें. आमतौर पर, इनमें से एक मुद्रा है, अमेरिकी डॉलर. किसी वायदे की कीमत अमेरिकी डॉलर में प्रति इकाई के रूप में होती है। यह स्पॉट विदेशी मुद्रा बाजार में उद्धृत (कोटिंग) करने के मानक तरीकों से भिन्न होता है। अनुबंध की प्रत्येक व्यापार इकाई किसी अन्य मुद्रा में एक खास राशि होती है, उदाहरण के लिए €125,000. ज्यादातर अनुबंधों में भौतिक रूप से वितरण होता है, इसलिए अंतिम ट्रेडिंग दिवस की समाप्ति पर रखे गए अनुबंधों पर प्रत्येक मुद्रा में वास्तविक भुगतान किया जाता है। हालांकि, ज्यादातर अनुबंध इसके पहले ही बंद हो जाते हैं। निवेशक अनुबंध को, अनुबंध में तय की गई वितरण तारीख से पहले किसी भी समय बंद कर सकते हैं।

इतिहास

सोने के साथ निर्धारित किए गए मानक विनिमय दरों को त्यागने के एक वर्ष के भीतर ही मुद्रा वायदों की रचना सबसे पहले शिकागो मर्केन्टाइल एक्सचेंज (Chicago Mercantile Exchange (CME)) में सन् 1972 में की गई थी। सन् 1970 की शुरुआत में कुछ वस्तु व्यापारियों को अंतर-बैंक विनिमय बाजार में प्रवेश नहीं मिल पाया था, जब उन्होने उसका वितरण किया, तो मुद्रा बाजार में लाभकारी बदलाव होने लगे थे। उन्होने इंटरनैशनल मोनेटरी मार्केट (International Monetary Market (IMM)) की स्थापना की और व्यापार में 16 मई सन् 1972 को सात मुद्रा वायदों को लागू किया। आज आईएमएम (IMM), सीएमई (CME) का एक विभाग है। सन् 2009 के चौथे त्रैमासिक में, सीएमई ग्रुप एफएक्स (CME Group FX) ने प्रति दिन औसतन 754,000 अनुबंध किए, जो राष्ट्रिय औसत दैनिक मूल्य $100 बिलियन डॉलर को प्रतिबिंबित करता है। वर्तमान समय में इनमें से ज्यादातर व्यापार इलेक्ट्रॉनिक रूप में रहते हैं।[१]

अन्य विनिमय वायदे जो मुद्रा वायदे हैं वे यूरोनेक्सट. लिफ्फे Euronext.liffe [१], टोक्यो फ़ाइनेंशियल एक्सचेंज (Tokyo Financial Exchange) [२] और इंटरनैशनल एक्सचेंज (IntercontinentalExchange) हैं [३].

शब्दावलियां

जैसा कि अन्य वायदों और ऑप्शंस के साथ होता है, प्रचलित आईएमएम (IMM) परिपक्वता दिनांक (maturity dates) मुख्यत: मार्च, जून, सिम्बर और दिसम्बर में बुधवार हैं।

उपयोग

बचाव – व्यव्यवस्था

निवेशक इन वायदे अनुबंधों का इस्तेमाल विदेशी विनिमय खतरा के विरूद्ध बचाव के लिए करते हैं। यदि किसी निवेशक को विदेशी मुद्रा में निर्धारित तारीख़ पर एक नकद प्रवाह (कैशफ्लो) प्राप्त होता है, तो वह निवेशक मुद्रा वायदा स्थिति के समायोजन में प्रवेश करके, मौजूदा विनिमय दर से वायदे की तारीख़ को निश्चित (lock) कर सकता है, जो नकद प्रवाह (कैशफ्लो) की तारीख़ पर समाप्त होगी.

उदाहरण के लिए, जेन अमेरिका में रहने वाला एक निवेशक है जिसे 1 दिसम्बर को €1,000,000 मिलने वाला है। वायदे द्वारा लागू होनेवाला वर्तमान विनिमय दर $1.2/€ है। वह इस विनिमय दर में 1 दिसम्बर को समाप्त होने वाले वायदे अनुबंधों के योग्य €1,000,000 की बिक्री कर लॉक कर सकती है। उसी प्रकार उसे एक $1.2/€ की एक विनियम दर की सुनिश्चितता प्राप्त होती है, जिसे इस दौरान होनेवाले विनिमय दर के उतार-चढ़ाव से कोई फर्क नहीं पड़ता.

सट्टा

विनिमय दर में चढ़ाव या उतार का जोखिम उठाकर, मुद्रा वायदों का उपयोग सट्टे में भी किया जा सकता है।

उदाहरण के लिए, पीटर 10 सितम्बर को $1.2713/€ की दर से सीएमई यूरो एफएक्स (CME Euro FX Futures) खरीदता है। दिन के अंत में, वायदे $1.2784/€ की दर पर बंद हो जाता है। मूल्य में परिवर्तन $0.0071/€ है। चूंकि प्रत्येक अनुबंध €125,000 है और उसके पास 10 अनुबंध हैं, उसका लाभ $8,875 होगा. जैसा कि किसी भी वायदे के साथ होता है, यह उसे तत्काल भुगतान कर दिया जाएगा.

आम तौर पर प्रत्येक परिवर्तन $0.0001/€ (न्यूनतम कमॉडिटी टिक साइज़) का है, जो एक लाभ है अथवा $12.50 प्रति अनुबंध की हानि.

भारतीय बाजार में करेंसी प्यूचर्स

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) और सिक्युरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने भारतीय बाजार में एक्सचेंज ट्रेडेड करेंसी प्यूचर शुरू करने के लिए संयुक्त रूप से विश्वभर के करेंसी फारवर्ड एंड प्यूचर मार्केट का विश्लेषण करके मार्गदर्शिका बनाने के लिए एक स्थाई तकनीकी समिति का गठन किया था। कमेटी ने 29 मई 2008 को एक्सचेंज ट्रेडेड प्यूचर्स पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है। इस संदर्भ में आरबीआई और सेबी ने भी 6 अगस्त 2008 में एक परिपत्र जारी किया है।

वर्तमान समय में भारत के ओटीसी मार्केट में 34 अरब यूएस डॉलर का कारोबार होता है, जिसमें यूएस डॉलर, यूरो, येन, पाउंड, स्विस फ्रेंक आदि का समावेश है। इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग और प्रभावशाली जोखिम प्रबंधन प्रणाली की सहायता से एक्सचेंज ट्रेडेड करेंसी प्यूचर में पारदर्शिता के साथ मूल्य निर्धारण, काउंटर पार्टी क्रेडिट रिस्क, सभी प्रकार के बाजार भागीदारों का प्रवेश, मानकीकृत उत्पाद और पारदर्शी प्लेटफार्म उपलब्ध होगा। बैंक भी एक्सचेंज के इस सेंगमेंट में सदस्य बन सकेंगें, जिससे उन्हें इस बाजार में नये अवसर प्राप्त होंगे।

बीएसई अपने करेंसी डेरीवेटिव्स सेगमेंट के जरिए बीएसई -सीडीएक्स नाम से (वर्तमान में यूएस डॉलर - इंडियन रूपी) सेवा पेश करती है।

इन्हें भी देखें

  • वित्तीय विषयों की सूची
  • पूर्वकालिक नियम पत्र
  • विदेशी मुद्रा व्युत्पन्नी

सन्दर्भ

  1. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।