मिलर का प्रमेय
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मिलर प्रमेय ( Miller theorem) किसी विद्युत परिपथ के तुल्य दूसरे विद्युत परिपथ की गणना करने से सम्बन्धित प्रमेय है। इसके अनुसार,
- श्रेणीक्रम में जुड़े दो वोल्टता स्रोतों से जुड़े किसी फ्लोटिंग प्रतिबाधा अवयव (impedance element) को दो ग्राउण्ड किये हुए प्रतिबाधा अवयवों में तोड़ा जा सकता है। इसका द्वैत रूप भी है जो समान्तर क्रम में जुड़े दो धारा स्रोतों से सम्बन्धित है।
माना किसी रैखिक परिपथ में एक शाखा है जिसकी प्रतिबाधा Z है, और यह शाखा दो नोड को जोड़ती है जिनके वोल्टेज क्रमशः U1 एवं U2 हैं। माना M = U2/U1 है। हम Z-प्रतिबाधा वाली उस शाखा को परिपथ से हटाकर पहले नोड और ग्राउण्ड के बीच Z1= Z/(1 − M) तथा दूसरे नोड और ग्राउण्ड के बीच Z2 = MZ/(M − 1) प्रतिबाधा लगा सकते हैं। इस परिवर्तन से उस परिपथ के सभी नोडों के वोल्टेज अपरिवर्तित रहते हैं। (चित्र देखें)jcdjgiwkf