मिनंगकाबाऊ लोग

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
(मिनंगकाबाऊ लोगों से अनुप्रेषित)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
मिनंगकाबाऊ
Minangkabau
Urang Minang
ميناڠكاباو
Minangkabau wedding 2.jpg
मिनंगकाबाऊ वर-वधु
कुल जनसंख्या
अनुमानित ९० लाख[१]
विशेष निवासक्षेत्र
साँचा:flag/core६४,६२,७१३[२]
साँचा:flag/core१८,९१,०००[३]
साँचा:flag/core३८,७६०
साँचा:flag/core१५,७२०
भाषाएँ
मिनंगकाबाऊ, इंडोनेशियाई, मलय
धर्म
सुन्नी इस्लाम
सम्बन्धित सजातीय समूह
मलायी, मंदायलिंग, केरिंची

साँचा:template otherसाँचा:main other

मिनंगकाबाऊ (अंग्रेज़ी: Minangkabau, मिनंगकाबाऊ: Urang Minang, जावी: ميناڠكاباو, साँचा:lang-ms) या केवल मिनंग दक्षिणपूर्व एशिया के इण्डोनेशिया देश के सुमात्रा द्वीप के पश्चिमी भाग में स्थित मिनंगकाबाऊ उच्चभूमि के मूल निवासी हैं।

मातृसत्ता और पितृसत्ता का मिश्रण

मिनंगकाबाऊ के समाज में मातृसत्तापितृसत्ता दोनों के मिश्रित तत्व मिलते हैं। पारम्परिक रूप से इनमें ज़मीन और सम्पत्ति पर स्वामित्व स्त्रियों का होता है और यह पीढ़ी-दर-पीढ़ी माँ से बेटी को जाती है, जबकि धार्मिक और राजनैतिक कार्यों पर पुरुषों का अधिकार होता है। इस प्रथा को "लारेह बोदी चानिआगो" (Lareh Bodi Caniago) कहते हैं जो मलेशिया में "आदत पेर्पतिह" (Adat perpatih) कहलाती है।

भाषा, धर्म, इतिहास

मिनंगकाबाऊ लोग मिनंगकाबाऊ भाषा बोलते हैं जो एक ऑस्ट्रोनीशियाई भाषा-परिवार की भाषा है। इसके अलावा वे क्षेत्रानुसार इंडोनेशियाई और मलय भी बोलते हैं। धर्म से वे अधिकतर सुन्नी इस्लाम के अनुयायी हैं हालांकि इनकी प्रथाओं में इस्लाम से पूर्व के सर्वात्मवाद और हिन्दू-बौद्ध आस्थाओं के ततव भी दिखते हैं। कुछ इतिहासकार इन्हें मलय लोगों और उनकी संस्कृति के जन्मदाता मानते हैं क्योंकि इतिहास में बहुत से मिनंगकाबाऊ फैलकर इण्डोनेशिया और मलेशिया के कई भागों में जा बसे और उनका इस पूरे क्षेत्र पर प्रभाव रहा है।[४]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. Minangkabau people स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।. Encyclopædia Britannica. 2015 Encyclopædia Britannica, Inc.
  2. साँचा:cite book
  3. साँचा:cite web
  4. साँचा:cite journal