खोया (दुग्ध उत्पाद)

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
(मावा से अनुप्रेषित)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.

मावा या खोया दूध से बना एक ठोस पदार्थ है जिससे मिठाइयाँ एवं अन्य पकवान बनते हैं। यह भारतीय मीठाइयों में अत्यधिक प्रयोग किया जाने वाला पदार्थ है। यह दूध को गरम करके उसके पानी को जलाकर बनाया जाता है।[१] [[चित्र:Khoya.JPG|thumb|खोया दूध में पानी को तीव्र वशीकरण द्वारा नष्ट करके बनाया गया अर्द ठोस पदार्थ मावा कहलाता है|खोया दूध से बनने वाला डेयरी प्रोडक्ट हैं,यह दूध का गाढ़ा रूप है|यह भारत में डेयरी और स्टोर्स पर आसानी से मिल जाता है,इससे कई प्रकार की मिठाइयां बनाई जाती हैं, सब्जियों की तरी बनाने में भी खोया का इस्तेमाल किया जाता है|बाजार में खोया तीन तरह का मिलता है|

खोया के प्रकार

बट्टी खोया (Batti Mawa)

यह खोया (mawa) काफी कड़ा, जमा हुआ रहता है. इसमें दूध को अधिक गाड़ा किया जाता है, बना हुआ खोया दूध का करीब पांचवा हिस्सा रह जाता है|खोया बनने के बाद, कटोरे के आकार के मोल्ड में खोया जमा दिया जाता है|इस खोया को लड्डू और बर्फी बनाने के काम में लिया जाता है|

चिकना खोया (Chikna Mawa)

इस खोया (mawa) को दाव का खोया भी कहा जाता है, यह खोया (mawa) बट्टी खोया की ही तरह बनता है, लेकिन इसे बट्टी खोया जितना गाढ़ा नहीं होने दिया जाता,यानी कि इसको थोड़ा पहले ही तैयार मान लिया जाता है|खोया देखने में हलवा जैसा गाढ़ा होता है|यह खोया रसगुल्ले बनाने के काम मे आता है|

दानेदार खोया (Danedar Mawa)

यह खोया भी दूध से ही बनता है, लेकिन इसमें दूध में उबलते समय थोड़ा सा टार्टरिक पाउडर या नीबू का रस डालकर दाने दार बना लिया जाता है,जो खोया बनाने वाले कारीगर ही भली प्रकार बना पाते हैं|वैसे आप भी कोशिश कर सकते हैं|यह खोया कलाकन्द,लड्डू और दाने दार बर्फी बनाने के लिये प्रयोग किया जाता है|

बनाने की विधि

  • खोया बनाने के लिये सबसे पहले दूध को एक कड़ाही या किसी गहरे बर्तन में गर्म करना शुरु करते हैं। (कड़ाही लोहे की हो ऐसा आवश्यक नहीं है)
  • धीरे धीरे दूध गर्म होने लगता है और उसमे उफान आने लगता है। ताप का विशेष ध्यान दें |
  • समय समय पर एक बडी छेद-दार चम्मच से धीरे धीरे दूध हीलाते रहें, ताकि उसमें दूध का रंग जला हुआ सा ना लगे।
  • दूध को तब तक गर्म किया जाना होता है जब तक गाढ़ा ना हो जाये।
  • थोड़ी देर में यह ठोस रूप ले लेता है। अब इसे उतार कर ठंडा कर लें। ठंडा हो जाने पर यह दानेदार हो जाता है तब आप दूसरे बर्तन मे रखकर खोया को इस्तेमाल में ला सकते हैं।

[२]

विशेष जानकारी:

  • खोया से हम मिठाई के विभिन्न पढ़ार्थ तैयार कर सकते हैं |उदाहरण:पेड़े,खुरचन इत्यादि|
  • दूध को सौम्य तापमान पर लगातार हिलाते हुये उबालें|
  • चीनी मिट्टी के बर्तन मे उबलते हुये दूध को रखने से दूध जलता नहीं|
  • भैस के दूध मे अधिक फेट होने के कारण खोया अधिक मात्रा में तैयार होता है और बढ़िया क्वालिटी का होता है|

[३]


इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  2. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  3. [स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।]

[१] [२] [३]

  1. [स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।]
  2. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  3. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।