मार्क्स जनित्र

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उच्च वोल्टता की प्रयोगशाला में निर्माणाधीन एक मार्क्स जनित्र
मार्क्स जनित्र का परिपथ आरेख (चार्जिंग एवं डिस्चार्जिंग)

मार्क्स जनित्र (मार्क्स जनरेटर), उच्च वोल्टता की स्पन्द (पल्स) उत्पन्न करने वाला एक विद्युत परिपथ है। इसका वर्णन सबसे पहले १९२४ में एडविन ऑटो मार्क्स ने किया था। इसका उपयोग उच्च ऊर्जा भौतिकी के प्रयोगों में होता है। इसके अलावा इसका उपयोग बिजली की लाइनों एवं विमानों आदि पर आकाशीय विद्युत से होने वाले प्रभावों को सिमुलेट करने के लिये आवश्यक उच्च वोल्टता की पल्स पैदा करने के लिये भी किया जाता है।

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