मार्कस पोर्सियस कातो

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.

मार्कस पोर्सियस कातो (९५ - ९ ई० पू०) रोमन दार्शनिक जो राजनीति और युद्ध में भी रूचि लेता था। पांपे और जूलियस सीजर के बीच हुए युद्ध में उसने पांपे का पक्ष लिया जिसकी पराजय होने पर उसने आत्महत्या कर ली। बताया जाता है कि मरते समय तक प्लेटो के 'डायलागॅ' के आत्मा की अमरता वाला भाग पढ़ता रहा, यद्यपि स्वंय उसने भविष्य की अपेक्षा तात्कालिक कर्त्तव्य को सदैव अधिक महत्वपूर्ण समझा। इसी तरह राजनीति में तो वह अराजकवादी था किंतु सिद्धांतत: स्वतंत्र राज्य का समर्थक था। मृत्यु के उपरांत उसका चरित्र चर्चा का विषय बना। सिसरो ने 'कातो' लिखा और सीजर ने 'एंटाकातो'। ब्रूटस ने कातो को सद्गुणों और आत्मत्याग का आदर्श बताया।