माधोपुर, पंजाब
माधोपुर | |
— क़स्बा — | |
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०) | |
देश | साँचा:flag |
राज्य | पंजाब |
ज़िला | गुरदासपुर |
निकटतम नगर | पठानकोट |
संसदीय निर्वाचन क्षेत्र | गुरदासपुर |
जनसंख्या | १५००० |
साक्षरता | ८०%% |
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माधोपुर पंजाब के अंतिम छोर पर स्तिथ एक छोटा पर अत्यंत सुन्दर क़स्बा है और वहां से रावी नदी को पार करके जम्मू एवं कश्मीर राज्य प्रारंभ हो जाता है। व्यापारिक, सामरिक और भूगोलिक रूप से इसका महत्व और भी ज्यादा हो जाता है, क्योंकि भारत को जम्मू और कश्मीर से जोड़ने वाला एकमात्र रास्ट्रीय राजमार्ग और भारतीय रेल यहीं से होकर गुज़रती है। जिसके कारण इसे पंजाब के प्रवेशद्वार के रूप से जाना जाता है। यह क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से एक अच्छा स्थान है। हिमालय की शिवालिक पहाडि़यो और रवि के किनारे बनी सड़क का नजारा यहाँ से अत्यंत ही मनमोहक है।
इतिहास
माधोपुर पहले पहाड़ी राज्यों के शासन के अधीन था। महाराजा रणजीत सिंह ने भी माधोपुर पर शासन किया है इसके परमाण महराजा रणजीत सिंह के राज्यकाल का महल आज भी यहाँ से ५ किलोमीटर दूर शाहपुर कंडी में स्थित है। अंग्रेजो के काल के गिरिजाघर, परिओं का बाग, लाल कोठी, अप्परबारी दोआब नहर, लोयर बारी दोआब नहर और अन्य कई इमारते आज भी यहाँ मौजूद है। माधोपुर से जम्मू कश्मीर में प्रवेश करने पर डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी को 11 मई 1953 को जम्मू और कश्मीर के शेख़ अब्दुल्ला ने हिरासत में ले लिया था। पंजाब सरकार ने उनकी स्मृति में एक मूर्ती यहाँ स्थापित की।[१]
सन्दर्भ
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