माधव विट्ठल कामत

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चित्र:Mvkamath.jpg
माधव विट्ठल कामत

माधव विट्ठल कामत (7 सितम्बर 1921 - 9 अक्टूबर 2014) भारत के पत्रकार थे। वे प्रसार भारती के पूर्व अध्यक्ष भी थे। १९६७-६९ के बीच वे सण्डे टाइम्स के सम्पादक भी रहे तथा १९६९-७८ के बीच टाइम्स ऑफ इण्डिया के वाशिंगटन सम्वाददाता रहे। वे इलस्ट्रेटेड वीकली ऑफ इण्डिया के सम्पादक भी रहे। वे मणिपाल संचार संस्थान (Manipal Institute of Communication) के मानद निदेशक भी थे।

उन्होने लगभग ५० पुस्तकों की रचना भी की है जिनमें 'रिपोर्ट एट लार्ज' और नरेन्द्र मोदी के ऊपर लिखी गई 'नरेंद्र मोदी-द आर्किटेक्ट ऑफ मॉडर्न स्टेट' काफी प्रसिद्ध रहीं। २००४ में उन्हें साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था।

परिचय

एम वी कामथ का जन्म 7 सितंबर 1921 में उडुपी में हुआ था। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा मणिपाल में हुई जिसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए मैंगलोर चले गए जहां से उन्होंने विज्ञान से स्नातक किया। पत्रकारिता में आने से पहले पांच साल तक उन्होंने बतौर केमिस्ट काम किया था। उन्होंने फ्री प्रेस जर्नल से अपनी पत्रकारिता की शुरूआत की और 1953 में बांबे यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट के अध्यक्ष चुने गए।

वर्ष 2004 में कामथ को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। उन्होंने 40 किताबें लिखीं, जिनमें 'गांधी-अ स्पिरिचुअल जर्नी', 'रिपोर्टर एट लार्ज' और 'नरेंद्र मोदी-द आर्किटेक्ट ऑफ अ मॉर्डन स्टेट' शामिल हैं। उन्होंने मीडिया में अपना करियर मुंबई के एक दैनिक 'फ्री प्रेस जर्नल' से बतौर रिपोर्टर 1946 में की थी और बाद में इसके सांध्य दैनिक 'फ्री प्रेस बुलेटिन' के लिए काम किया। बाद में वह 'द टाइम्स ऑफ इंडिया' से जुड़े और वर्ष 1967-69 के बीच 'द संडे टाइम्स' का संपादन किया। वह 10 साल तक वाशिंगटन में 'द टाइम्स ऑफ इंडिया' के संवाददता भी रहे।

मीडिया करियर के दौरान उन्होंने दिल्ली, वाशिंगटन, पेरिस, जेनेवा, न्यूयार्क तथा अन्य शहरों में काम किया। वर्ष 1981 में सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने मुंबई में रहने का फैसला किया और इस दौरान वह किताबें और विभिन्न राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय प्रकाशनों में स्तंभ लिखते रहे। कामथ को प्रसार भारती का अध्यक्ष भी नियुक्त किया गया था। निधन तक वह मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशंस के मानद अध्यक्ष एवं निदेशक रहे।[१]

सन्दर्भ

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