महामहिम निज़ाम चैरिटबल ट्र्स्ट
संस्थापक | मीर उस्मान अली खान, हैदराबाद के पूर्व निज़ाम |
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स्थापना वर्ष | १९५४ |
कार्यालय | हैदराबाद, भारत |
सेवाक्षेत्र | साँचा:country flagcountry2 |
आदर्श वाक्य | तेलंगाना और आँध्र प्रदेश के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान करना |
स्थापना और लक्ष्य
हैदराबाद राज्य के स्वतंत्र भारत में विलय के पश्चात, प्रति वर्ष २००० विद्यार्थी कई छात्रवृत्ति योजनाओं से लाभांवित होते रहे हैं जिन्हें महामहिम निज़ाम चैरिटबल ट्रस्ट (H.E.H. The Nizam’s Charitable Trust) प्रदान करता है। इस ट्रस्ट की स्थापना १९५४ में हुई थी[१]। इस ट्रस्ट के वर्तमान अध्यक्ष मीर नजफ़ अली खान है जो सप्तम निज़ाम मीर उस्मान अली खान के पोते हैं।
लाभान्वित होने वाले लोग
लाभान्वित होने वालों में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्यों के विद्यार्थी हैं जो पाँचवीं कक्षा से लेकर दसवीं कक्षा में पढ़ते हैं, इंटरमीडियट स्तर पर पढ़ते हैं या फिर स्नातक पढ़ रहे होते हैं। [२]
नरसिंह राव का परेशान करना
ट्र्स्ट के अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि स्वर्गीय प्रधान मंत्री नरसिंह राव के काल में कई विभागाध्यक्ष उन्हें उन्हें बार-बार बेबुनियाद नोटिसों के ज़रिये परेशान करते आए हैं। [३]
उच्चतम न्यायालय का निर्णय
एक मुक़दमे में उच्चतम न्यायालय ने महामहिम निज़ाम चैरिटबल ट्र्स्ट के बारे में कहा है कि:
यह एक वास्तविक रूप में धर्मनिरपेक्ष संपूर्ण सार्वजनिक दान का ट्रस्ट है, जो दुर्भाग्य से लम्बी न्यायिक लड़ाई का हिस्सा बना जो सरकारी मंत्रियों और पदाधिकारियों के अवसरों के तलाश करने पर केन्द्रित थी।
कर्मचारियों की समस्या
२०१० में ट्र्स्ट के कई कर्मचारियों को २० से २७ साल की सेवा के पश्चात स्वेच्छापूर्वक सेवानिवृत्ति लेने पर मजबूर किया गया। ट्र्स्ट ने आश्वासन दिया था कि उन्हें पेंशन सेवा से हटने के दूसरे महीने से दिया जाएगा। परन्तु १७ ऐसे कर्मचारियों को कोई वित्तीय सहायता नहीं दी गई।[१]
सन्दर्भ
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