मनोहर सिंह जी जाड़ेजा
मनोहर सिंह जी जाड़ेजा | |
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वित्त, स्वास्थ और युवा कल्याण के केबिनेट मंत्री, गुजरात
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चुनाव-क्षेत्र | राजकोट दक्षिण |
पद बहाल 1967–1971 | |
चुनाव-क्षेत्र | राजकोट पश्चिम |
गुजरात राज्य के विधायक
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पद बहाल 1980–1985 | |
चुनाव-क्षेत्र | राजकोट दक्षिण |
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व्यक्तिगत जानकारी | |
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पूरा नाम | मनोहरसिंहजी |
जन्म | साँचा:br separated entries |
मृत्यु | साँचा:br separated entries |
बल्लेबाजी की शैली | दांहिने हाथ के |
परिवार |
लखजीराजसिंहजी (दादा), प्रद्युमसिंहजी (पिता) |
घरेलू टीम की जानकारी | |
वर्ष | टीम |
1956–1963 | सौराष्ट्र |
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स्रोत : CricketArchive, 12 December 2012 |
मनोहर सिंह जी प्रद्युम्न सिंह जी जाड़ेजा (18 जून 1935 – 27 सितंबर 2018) एक भारतीय राजकोट शाही घराने के ठाकुर और राजनीतिज्ञ थे।
प्रारंभिक जीवन
मनोहरसिंहजी का जन्म १४वें ठाकुर साहब प्रद्युमसिंहजी लखजीराजसिंहजी के ज्येष्ठ पुत्र के रूप में राजकोट के रणजीत विलास महल में हुआ था। उन्होंने राजकुमार कालेज, राजकोट, और एलफिंस्टन महाविद्यालय, मुंबई से शिक्षा प्राप्त किया। मनोहरसिंहजी के पास कला स्नातक के साथ कानून स्नातक की डिग्री थी। उन्होंने कानून से मास्टर डिग्री लंदन विश्वविद्यालय से प्राप्त की।[१]
क्रिकेट करियर
अपने पिता और दादा ( १२वें ठाकुर साहब), की तरह मनोहरसिंहजी क्रिकेट में उत्सुक थे, और अपने प्रथम श्रेणी करियर की शुरुआत सौराष्ट्र की तरफ से गुजरात के खिलाफ 1955-56 रणजी ट्रॉफी, से की थी, जहां उन्होंने अपनी पहली पारी में 59 रन बनाये थे। [२] मनोहरसिंहजी 1957-58 सत्र में टीम के कप्तान के रूप में रहें, और 1963-64 सत्र के बाद उनकी सेवानिवृत्ति के पहले तक टीम के एक नियमित खिलाड़ी रहें। आमतौर पर शीर्ष क्रम के बल्लेबाज के रूप में, उनका उच्चतम प्रथम श्रेणी स्कोर (और केवल एक शतक) दिसंबर 1957 में गुजरात के खिलाफ एक पारी में 144 रन था। कुल मिलाकर, मनोहरसिंहजी ने 14 प्रथम श्रेणी मैचों में 29.23 के औसत से 614 रन बनाये थे।[३]
राजनीतिक करियर
1967 में, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की तरफ से राजकोट निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लडते हुए मनोहरसिंहजी गुजरात विधान सभा के लिये निर्वाचित हुए, और 1971 सेवा में रहे। नवंबर में 1973 में उनके पिता की मृत्यु के बाद, उन्होंने पुस्तैनी उपाधि "ठाकुर साहब" का धारण किया। हालांकि 1947 में भारत की आजादी के बाद से यह उपाधि कोई अतिरिक्त अधिकार या विशेषाधिकार नहीं रखती थी, और यह केवल एक शिष्टाचार, के रूप में सम्बोधित किया जाता था, हालांकि सारी शाही संपत्ति इसी उपाधि के साथ संलग्न रहती है। मनोहरसिंहजी आगे दो बार राजकोट निर्वाचन क्षेत्र से -1980 से 1985 और 1990 से 1995- के बीच गुजरात विधानसभा के सदस्य रहे और इसी दौरान उन्हें कैबिनेट में, वित्त मंत्री, युवा कल्याण, और स्वास्थ्य मंत्री सहित पद दिये गये।[४] 1998 से, वे गुजरात प्रदेश कांग्रेस समिति के उपाध्यक्ष भी रहे। मनोहरसिंहजी राजनीतिक में अपने वंशवादी नाम के वजाय, आम तौर पर "मनोहरसिंहजी जाड़ेजा" के नाम से जाने जाते थे। [५]
व्यक्तिगत जीवन
मनोहरसिंहजी का विवाह 1949 में अलवर के महाराजा तेज सिंह प्रभाकर की सुपुत्री मनकुमारी देवी साहिबा से हुआ था, और उनके एक पुत्र और तीन पुत्रियाँ भी हैं।[६] नवम्बर 2010 में उन्होंने एक रोल्स रॉयस कार जिसे "भारत का सितारा" कहा जाता है, खरीदा, जोकि 1934 में उनके दादा धर्मेंद्रसिंहजी लखजीराज के लिये बनवाया गया था। कार, बिल मेरेडिथ-ओवेन्स' संग्रहालय के एक भाग के रूप में होने के कारण 42 वर्षो से परिवार से दूर रहा था। इसे कभी दुनिया की सबसे महंगी कारों में गिना जाता था।[७]
मृत्यु
मनोहरसिंहजी का 27 सितंबर 2018 को अपने निवास रंजीत विलास पैलेस पर निधन हो गया।[८]
सन्दर्भ
- ↑ साँचा:cite book
- ↑ Saurashtra v Gujarat स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, Ranji Trophy 1955/56 (West Zone) – CricketArchive. Retrieved 12 December 2012.
- ↑ Thakore Saheb of Rajkot स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। – CricketArchive. Retrieved 12 December 2012
- ↑ Shri Manoharsinh Jadeja स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। – Rajkot City Guide. Retrieved 12 December 2012.
- ↑ साँचा:cite news
- ↑ RAJKOT 3 स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। – Royal Ark. Retrieved 12 December 2012.
- ↑ साँचा:cite news
- ↑ साँचा:cite news