मड़वास

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मड़वास सिधी

मडवास राजघराने के 9वीं रियासत की राजमाता केश कुमारी ने बीते बुधवार की रात तकरीबन 10 बजे इस दुनिया को अलविदा कह दिया।

लिखनी है कि राजमाता केश कुमारी 3 दिनों से पेट संबंधित बीमारियों को लेकर बीमार थीं। वो पोड़ी जखीरा में 3 दिन पहले घूमने भी गई थीं।

राजमाता केश कुमारी की आयु 88 वर्ष थी, जिनका मायका उत्तर प्रदेश के सुजनी प्रयागराज में है। आनंद बहादुर सिंह के साथ उनका विवाह सन् 1950 में हुआ था।

मडवास राजघराने के 9वें राजा राजा आनंद बहादुर सिंह की विवाह के कुछ ही सालों बाद मृत्यु हो गई। स्वर्गीय राजा साहब आनंद बहादुर सिंह की कम उम्र में मृत्यु होने पर पूरी रियासत को स्वर्गीय राजमाता केश कुमारी ने ही संभाला। जिनके दो पुत्रों में बड़े पुत्र कृष्ण देव सिंह व छोटेपुत्र आनंद कृष्ण सिंह जो लालजी साहब के नाम से मशहूर थे। स्वर्गीय राजमाता ने अपने दोनों पुत्र को शिक्षा के लिए सिंधिया स्कूल ग्वालियर भेजा जहां स्वर्गीय कृष्ण देव राजा साहब खुटार राजा बीपी सिंह जो स्वर्गीय अर्जुन सिंह के दामाद हैं। उनके साथ पढ़ाई हुई सिंधिया स्कूल ग्वालियर में स्वर्गीय माधवराव सिंधिया के साथ  पढ़ाई हुई।

देश आजाद होने से पहले मडवास रियासत की सीमाएं अगोरी जिला रावर्टसगंज से लेकर छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिला अंबिकापुर सूरजपुर तक  थी।

अभ्युदय सिंह ने दी मुखाग्नि

स्वर्गीय राजमाता के अंतिम संस्कार में उनके पोत्र वर्तमान राजा मड़वास एवं जिला पंचायत अध्यक्ष अभ्युदय सिंह ने भारी जन समुदाय के बीच उन्हें मुखाग्नि दी।

मडवास बाजार रहा बंद

जैसे ही मड़वास राजघराने की 9वीं राजमाता के निधन की जानकारी हुई समस्त मड़वास व्यापारियों ने दुकान बंदकर श्रद्धांजलि अर्पित की।

राजमाता के अंतिम यात्रा में हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे।