भाषा शुद्धतावाद
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भाषा शुद्धतावाद (linguistic purism) या भाषा संरक्षणवाद (linguistic protectionism) ऐसी विचारधारा को कहते हैं जिसमें किसी भाषा के एक विशेष रूप या प्रकार को अन्य रूपों या प्रकारों से अधिक उत्कृष्ट समझा जाये। कुछ देशों में यह विचारधारा सरकार द्वारा स्थापित भाषा-अकादमियों द्वारा लागू की जाती है, मसलन फ़्रान्स में आकादेमी फ़्रान्सेस (Académie française) सरकार द्वारा स्थापित है। शुद्धतावादी अक्सर किसी भाषा में अन्य भाषाओं से हुए शब्द-प्रवेश और व्याकरण में हुए बदलावों का विरोध करते हैं, और यह विरोध अक्सर ऐसी किसी भाषा से होता है जिसके विस्तार या अधिक प्रभाव से शुद्धतावादियों को खतरा लगे।[१][२]