भारत में चीनी भाषा की पत्रकारिता

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.

भारत में चीनी पत्रकारिता दो समाचारपत्रों पर आधारित है। ये दोनों समाचारपत्र कोलकाता शहर से निकलते हैं और उन्हें इस शहर की चीनी भाषाई अल्पसंख्यक पढ़ते है। इन अखबारों के नाम जैसे कि अंग्रेजी में बताए जाते हैं, दी ओवरसीज़ चाईनीज़ कॉमर्स ऑफ इंडिया और दी चाईनीज़ जर्नल हैं। इन अखबारों के प्रकाशन में आधुनिक तकनीक के बजाय पुराने तौर-तरीकों का प्रयोग जाता है। विशेषकर सुलेख और छयाई में पुराने तरीके प्रचलित हैं। उनके अलावा समाचार भी नवीनतम के बजाय कम से कम एक दिन पहले की प्रस्तुत की जाती है। इन अखबारों के खरीदारों की संख्या 1,200 से अधिक नहीं है। इनमें अधिकांश खरीदार कोलकाता में ही हैं। लेकिन अखबारों की कुछ प्रतियाँ मुंबई और चेन्नई पहुंचाई जाती हैं।

दी चाईनीज़ जर्नल

यह अखबार 1935 से छप रहा है।

दी ओवरसीज़ चाईनीज़ कॉमर्स ऑफ इंडिया

यह अखबार तुलनात्मक रूप से आधुनिक है। इसका प्रकाशन 1978 से जारी है।

समाचारों के स्रोत

  • भारत के अन्य अखबार
  • इलेट्रॉनिक मीडिया
  • दक्षिण पूर्व एशिया में रहने वाले चीनी लोगों और उनके द्वारा भेजी जाने वाली खबरें।
  • आम जीवन के विषयों पर स्थानीय लोगों द्वारा लिखित निबंध और लेख

समस्याएँ

  • चीनी लिपि से परिचित जनता और खासकर नई पीढ़ी के रुझान उत्साहजनक नहीं हैं। लोग हिंदी और अंग्रेजी की जानकारी पर संतोष कर रहे हैं।
  • भारत के किसी केंद्रीय या राज्य सरकार की ओर से चीनी भाषा को प्रोत्साहित नहीं किया गया।
  • 1962 की भारत-चीन युद्ध के बाद चीनी मूल के भारतीयों को संदिग्ध नजरों से देखा गया है। युद्ध के तुरंत बाद एक चीनी अखबार द चाइना रिव्यू पर धावा किया गया और तुरन्त प्रतिबंध लग गया था। इसलिए इन समाचारपत्रों में चीन के विषय में कम ही लिखा जाता था।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ