भारतीय भेषज संहिता आयोग

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.

भारतीय भेषज संहिता आयोग (आई.पी.सी.) भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय का एक स्वायत्त संस्थान है। देश में दवाओं के मानकों को निर्धारित करने के लिए आई.पी.सी. बनाया गया है। इसका मूल कार्य नियमित रूप से इस क्षेत्र में प्रचलित रोगों के उपचार के लिए आवश्यक दवाओं के मानकों को अद्यतन करना है। यह भारतीय भेषज संहिता (आई.पी.) के रूप में मौजूदा मोनोग्राफ को जोड़ने और अद्यतन करने के माध्यम से दवाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिए आधिकारिक दस्तावेज प्रकाशित करता है। यह भारत की राष्ट्रीय फार्मूलरी को प्रकाशित कर जेनेरिक दवाइयों के तर्कसंगत उपयोग को बढ़ावा देता है।

यह आयोग 1 जनवरी, 2009 से एक स्वायत्त निकाय के रूप में पूरी तरह से परिचालित हो गया है। यह स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत विशिष्ट बजटीय आवंटन के साथ केंद्र सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्तपोषित है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव इस आयोग के अध्यक्ष हैं एवं अध्यक्ष, वैज्ञानिक-मंडल सह-अध्यक्ष हैं। सचिव-सह-वैज्ञानिक निदेशक इस आयोग के मुख्य वैज्ञानिक और कार्यकारी अधिकारी हैं।

आई.पी. दवाओं की पहचान, शुद्धता और ताकत के लिए मानकों को निर्धारित करती है जो अनिवार्य रूप से मनुष्य और पशुओं के स्वास्थ्य देखभाल के परिप्रेक्ष्य से आवश्यक है। आई.पी.सी., आईपी संदर्भ पदार्थ (आई.पी.आर.एस.) प्रदान करता है जो परीक्षण के तहत किसी आलेख की पहचान और आई.पी. में निर्धारित की गई शुद्धता के लिए एक फिंगर प्रिंट के रूप में कार्य करता है।

भारतीय भेषज संहिता (आई.पी.), जो कि दवाओं के मानकों की आधिकारिक पुस्तक है ,के समय पर प्रकाशन से संबंधित मामलों से निपटने के लिए भारत सरकार ने भारतीय भेषज संहिता आयोग ( आई.पी.सी.) के रूप में एक अलग समर्पित,स्वायत्त संस्था का गठन किया । आई.पी. में ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट , 1940 के द्वितीय अनुसूची के मामले शामिल है , ताकि भारत में वितरित या वितरित की जाने वाली विक्रय के लिए आयातित दवाओं की पहचान , शुद्धता और ताकत के मानकों को निर्धारित किया जा सके। आयोग का अधिदेश भेषजसंहिता (आई.पी.) और भारतीय राष्ट्रीय फॉर्मूलेरी (एन.एफ.आई.) के संशोधन और प्रकाशन जैसे कार्यों को सदैव नियमित रूप से करने के अलावा, हितधारकों को भारतीय भेषजसंहिता संदर्भ पदार्थ (आई.पी.आर.एस.) और फार्माकोपियियल मुद्दों पर प्रशिक्षण प्रदान करना है।

लक्ष्य

स्वास्थ्य व्यवसायियों, रोगियों और उपभोक्ताओं द्वारा उपयोग के लिए सक्रिय दवा सामग्री एक्सिपिएंट्स और खुराक रूपों सहित दवाओं की गुणवत्ता के लिए प्रामाणिक और आधिकारिक तौर पर स्वीकार्य मानकों को प्रकाशित करके भारत में मनुष्यों और पशु स्वास्थ्य को बढ़ावा देना।

दृष्टिकोण

विनिर्माण तथा विश्लेषण के लिए उपलब्ध प्रौद्योगिकियों की व्यावहारिक सीमाओं के भीतर मनुष्यों और पशुओं में प्रयोग हेतु औषधियों के लिए उच्चतम मानकों को बढ़ावा देना।

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ