भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर
साँचा:if empty | |
साँचा:longitem | साँचा:if empty |
---|---|
साँचा:longitem | साँचा:if empty |
Motto | तमसो मा ज्योतिर्गमय |
Type | शैक्षणिक एवं शोध संस्थान |
Established | १९५९ |
Founder | साँचा:if empty |
साँचा:longitem | साँचा:if empty |
Chairman | एम आनन्दकृष्णन् |
Director | अभय करिंधकर |
Students | साँचा:br separated entries |
Undergraduates | २५०० (तकरीबन) |
Postgraduates | २२०० (तकरीबन) |
साँचा:longitem | साँचा:if empty |
Location | , , साँचा:if empty |
Campus | साँचा:convert |
Nickname | साँचा:if empty |
Affiliations | साँचा:if empty |
Mascot | साँचा:if empty |
Website | www |
साँचा:if empty |
साँचा:template otherस्क्रिप्ट त्रुटि: "check for unknown parameters" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (साँचा:lang-en), जो कि आईआईटी कानपुर अथवा आईआईटीके के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में से एक है। इसकी स्थापना सन् १९५९ में उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में हुई। आईआईटी कानपुर मुख्य रूप से विज्ञान एवं अभियान्त्रिकी में शोध तथा स्नातक शिक्षा पर केंद्रित एक प्रमुख भारतीय तकनीकी संस्थान बनकर उभरा है।[१]
इतिहास
संस्थान की स्थापना १९५९ में कानपुर-भारत-अमेरिका कार्यकर्म के तत्वाधान में अमेरिका के ९ विश्वविद्यालयों के सहयोग से हुई[२]। सन १९६३ में संस्थान का स्थानांतरण वर्तमान स्थान पर हुआ। संगणक विज्ञान में शिक्षा प्रदान करने वाला यह पूरे भारत वर्ष में सर्वप्रथम संस्थान था।
शिक्षण
स्नातक
परास्नातक
विभाग
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर में निम्नलिखित शैक्षणिक विभाग है -
अभियान्त्रिकी
- औद्योगिकी एवं प्रबन्ध अभियान्त्रिकी
- जीव विज्ञान एवं जैविक अभियान्त्रिकी
- नाभिकीय अभियान्त्रिकी
- पदार्थ विज्ञान एवं अभियान्त्रिकी
- यांत्रिक अभियान्त्रिकी
- रसायन अभियान्त्रिकी
- वांतरिक्ष अभियान्त्रिकी
- विद्युत अभियान्त्रिकी
- संगणक विज्ञान एवं अभियान्त्रिकी
- सिविल अभियान्त्रिकी
=== मानविकी ===kk
- मानविकी एवं समाज विज्ञान
विज्ञान
प्रयोगशालाएँ एवं अन्य सुविधाएँ
छात्र
उल्लेखनीय पूर्व-छात्र
- अभय भूषण - संचिका स्थानांतरण प्रोटोकॉल के रचयिता।
- एन. आर. नारायणमूर्ति - सूचना प्रौद्योगिकी सेवा कंपनी इन्फोसिस के संस्थापक।
- डी सुब्बाराव - भारतीय रिज़र्व बैंक के २२वें गवर्नर।
- नीरज कयाल (संगणक वैज्ञानिक) - मणीन्द्र अग्रवाल और नितिन सक्सेना के साथ मिलकर ऐकेएस पराएमीलिटी टेस्ट प्रस्तावित किया, गोडेल पुरस्कार विजेता (२००६)।
- राजीव मोटवानी (संगणक वैज्ञानिक) - स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में संगणक विज्ञान के भूतपूर्व प्रोफेसर, गोडेल पुरस्कार विजेता (२००१)। गूगल के शुरूआती निवेशकों एवं सलाहकारों में से एक।
- सत्येन्द्र दूबे - स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर किया।
- श्री राजीव दीक्षित भारतीय स्वाभिमान के प्रखर प्रवक्ता।
पुरस्कार एवं सम्मान
सन्दर्भ
- ↑ साँचा:cite book
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।