भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान

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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (अंग्रेज़ी: Indian Institute of Technology) भारत के 23 तकनीकी शिक्षा संस्थान हैं। ये संस्थान भारत सरकार द्वारा स्थापित किये गये "राष्ट्रीय महत्व के संस्थान" हैं। 2018 तक, सभी 23 आईआईटी में स्नातक कार्यक्रमों के लिए सीटों की कुल संख्या 11,279 है।[१][२]

संस्थान

संस्थानों का एक विवरण :

भा. प्रौ. सं. एवं उनके स्थापना दिवस [३][४][५][६][७]
नाम प्रचलित नाम स्थापित संस्थापित
1 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर भाप्रौसंख / IITKGP 1951 1951
2 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई भाप्रौसंमु / IITB 1958 1958
3 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर भाप्रौसंक / IITK 1959 1959
4 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास भाप्रौसंम / IITM 1959 1959
5 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली भाप्रौसंदि / IITD 1961 1963
6 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी भाप्रौसंगु / IITG 1994 1994
7 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की भाप्रौसंरु / IITR 1847 2001
8 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रोपड़ भाप्रौसंरो / IITRPR 2008 2008
9 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भुवनेश्वर भाप्रौसंभू / IITBBS 2008 2008
10 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गांधीनगर भाप्रौसंगा / IITGN 2008 2008
11 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान हैदराबाद भाप्रौसंहै / IITH 2008 2008
12 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर भाप्रौसंजो / IITJ 2008 2008
13 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान पटना भाप्रौसंप / IITP 2008 2008
14 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर भाप्रौसंइ / IITI 2009 2009
15 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मण्डी भाप्रौसंस्म / IITMandi 2009 2009
16 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (काशी हिन्दू विश्वविद्यालय) वाराणसी भाप्रौसं(बहिवि) / IIT(BHU) 1919 2012
17 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान पलक्कड़ भाप्रौसंस्प / IITPKD 2015[८] 2015[८]
18 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान तिरुपति भाप्रौसंति / IITTP 2015 2015
19 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान(भारतीय खनि विद्यापीठ) धनबाद भाप्रौसं(भाखवि) / IIT(ISM) 1926 2016
20 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भिलाई भाप्रौसंभि / IITBh 2016 2016
21 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गोवा भाप्रौसंगो / IITGoa 2016 2016
22 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जम्मू भाप्रौसंज / IITJM 2016 2016
२३ भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान धरवाड भाप्रौसंज / IITDH 2016 2016

इतिहास

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों की स्थापना का इतिहास ईसवी सन १९४६ को जाता है जब जोगेंद्र सिंह नें भारत में उच्च शिक्षा के संस्थानों की स्थापना के लिए एक समिति का गठन किया। [९]नलिनी रंजन सरकार की अध्यक्षता में गठित समिति नें भारत भर में ऐसे संस्थानों के गठन की सिफ़ारिश की। इन सिफ़ारिशों को ध्यान में रखते हुए पहले भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना कलकत्ता के पास स्थित खड़गपुर में १९५० में हुई। शुरुआत में यह संस्थान हिजली कारावास में स्थित था। १५ सितंबर १९५६ को भारत की संसद नें "भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान अधिनियम" को मंज़ूरी देते हुए इसे "राष्ट्रीय महत्व के संस्थान" घोषित कर दिया।

इसी तर्ज़ पर अन्य संस्थानों की स्थापना बंबई (१९५८), मद्रास (१९५९), कानपुर (१९५९), तथा नई दिल्ली (१९६१) में हुई। असम में छात्र आंदोलन के चलते तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री राजीव गान्धी नें असम में भी एक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना का वचन दिया जिसके परिणामस्वरूप १९९४ में गुवाहाटी में आई आई टी की स्थापना हुई। सन २००१ में रुड़की स्थित रुड़की विश्वविद्यालय को भी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान का दर्जा दिया गया।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों की महत्ता

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में शिक्षित अभियंताओं तथा शोधार्थियों की पहचान भारत में ही नहीं पुरे विश्व में है। यद्यपि, यह पहचान मुख्यतः उन अभियंताओं से है, जिन्होने यहाँ से स्नातक की उपाधि प्राप्त की है।इन संस्थानों की प्रसिद्धी के कारण, भारत में अभियांत्रिकी की पढाई करने का इच्छुक प्रत्येक विद्यार्थी इन संस्थानों में प्रवेश पाने की 'महत्वाकांक्षा' रखता है।इन संस्थानों में स्नातक स्तर की पढाई में प्रवेश एक संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) के आधार पर होता है। यह परीक्षा बहुत ही कठिन मानी जाती है और सिर्फ इस परीक्षा की तयारी के लिए देश भर में हजारों शिक्षण संस्थाए चलाये जा रहे हैं। इन संस्थानों की कभी कभी आलोचना की जाती है कि भारत की जनता के मेहनत की कमाई के पैसों से पढकर निकलने वाले पैसा कमाने के लालच में स्वदेश छोडकर किसी अन्य देश में चले जाते हैं, जिसके कारण इससे भारत को अपेक्षित लाभ नहीं मिल पाता है।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

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बाहरी कड़ियाँ

समाचार

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