भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान
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Motto | {{{motto}}} |
साँचा:longitem | Committed for an efficient, globally competitive and vibrant sugarcane agriculture |
Type | Registered Society |
Founder | साँचा:if empty |
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साँचा:longitem | Dr. Sushil Solomon |
साँचा:longitem | 166 |
Students | साँचा:br separated entries |
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Location | , , India साँचा:if empty |
Nickname | साँचा:if empty |
Affiliations | साँचा:if empty |
Mascot | साँचा:if empty |
Website | IISR |
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Cut Sugarcane |
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भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान (आई आई एस आर), लखनऊ में स्थित उच्च शिक्षा का एक स्वायत्तशासी संस्थान है। इसकी स्थापना गन्ना के विषय में उन्नत अनुसंधान करने के लिये भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के तत्त्वावधान में कृषि मंत्रालय द्वारा की गयी है। इसकी स्थापना 1952 में तत्कालीन भारतीय केन्द्रीय गन्ना समिति द्वारा गन्ने की खेती के मौलिक और अनुप्रयुक्त पहलुओं पर शोध करने के साथ-साथ देश के विभिन्न राज्यों में इस फसल पर किए जाने वाले अनुसंधान कार्य को समन्वित करने के लिए स्थापित किया गया था।
संस्थान, लखनऊ रेलवे स्टेशन (चारबाग) से 4.8 किमी, आलमबाग बस स्टेशन से 8 किमी, चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डा, लखनऊ से 12 किमी तथा नई दिल्ली से 500 किमी दूर रायबरेली रोड पर स्थित है। यह 26.56oN, 80.52oE तथा समुद्र तल से 111 मीटर ऊंचाई पर अवस्थित है।
इतिहास
भारत के विभिन्न राज्यों के मध्य 1929 तक अनुसंधान से संबंधित कोई समन्वयन नहीं था। उस समय की इम्पीरियल कृषि अनुसंधान परिषद की गन्ना समिति ने इस कमी को चिन्हित किया और सम्पूर्ण देश में सात अनुसंधान की श्रंखला, जो कि गन्ने के सुधार के लिए समर्पित थे, को स्थापित किया। देश के विभिन्न राज्यों में भिन्न-भिन्न फसलों में अनुसंधान के समन्वयन के लिए रायल आयोग कि कृषि पर कि गई सिफ़ारिशों के तहत 1929 में इम्पीरियल (अब भारती) कृषि अनुसंधान परिषद का गठन किया गया। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने 1929 में अपनी पहली बैठक में चीनी उद्योग कि सुरक्षा के लीए सिफ़ारिश कि। भारतीय ट्रैफिक बोर्ड ने 1930 में इसकी सिफ़ारिश कि और 1932 में इसकी वित्तीय सुरक्षा का अनुमोदन किया गया। सान 1933 से 1946 तक पहले इम्पीरियल कृषि अनुसंधान परिषद तथा बाद में भारतीय केंद्रीय गन्ना समिति द्वारा अनुसंधान के कुछ पहलुओं को वित्तपोषित किया गया। तदुपरान्त वस्तुपरक समितियों को समाप्त कर दिया गया और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने दुबारा से सभी अनुसंधानिक गतिविधियों को अपने हाथ में ले लिया।
भारत सरकार ने 1 जनवरी, 1954 में इस संस्थान को भारतीय केन्द्रीय गन्ना समिति से हस्तगत कर लिया तथा 1 अप्रैल, 1969 को अन्य केंद्रीय कृषि अनुसंधान संस्थानों के साथ-साथ इसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), नई दिल्ली को हस्तांतरित कर दिया गया।
गन्ने कि क्षेत्रीय एवं स्थानीय महत्वपूर्ण समस्याओं पर अनुसंधान को तीव्रगामी बनाने हेतु भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने चौथी पंचवर्षीय योजना 1970-71 में अखिल भारतीय समन्वित गन्ना अनुसंधान परियोजना का मुख्यालय भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ में बनाने का अनुमोदन किया।
अधिदेश
- बेहतर उपज और गुणवत्ता के साथ जैविक और अजैविक दवाबों के विरुद्ध प्रतिरोधी स्थानीय अनुकूलित गन्ना की किस्मों का मूल्यांकन
- गन्ना के अधिक उत्पादन के लिए तकनीकी के पैकेज का विकास
- गन्ने के उत्पादन के लिए कम लागत वाली प्रौद्योगिकियों का विकास
- किसानों और चीनी उद्योगों के लिए सघन एवं विस्तृत नेटवर्क सुविधा व प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए सूचना सृजन करना
उद्देश्य
- उपयुक्त क्षेत्र / स्थान विशेष हेतु उन्नत किस्मों के मूल्यांकन के लिए जर्मप्लाज्म और अग्रिम प्रजनन सामग्री के बहुस्थानीय परीक्षण का समन्वयन करना
- फसल उत्पादन के लिए संगठित और उपयुक्त क्षेत्र / स्थान विशेष के लिए अभ्यास-समूह या रीति विकसित करने के लिए अंतर - विषयी प्रकृति के रणनीतिक और व्यावहारिक अनुसंधान का संचालन करना
- क्षेत्र या स्थान विशेष के लिए एकीकृत रोग और कीट प्रबंधन रणनीति विकसित करना
- सहयोगी संगठनों में वितरण के लिए रोग मुक्त नाभिक बीज सामग्री का रखरखाव एवं संवर्धन
- विकसित प्रौद्योगिकी एवं सूचना का प्रसार करना