भारतीय कालीन प्रौद्योगिकी संस्थान, भदोही

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भारतीय कालीन कला का एक उदाहरण।भारतीय कालीन प्रौद्योगिकी संस्थान (Indian Institute of Carpet Technology / IICT), समिति पंजीकरण अधिनियम, 1860 के अंतर्गत पंजीकृत समिति के रूप में वर्ष 1998 में भारत सरकार, वस्त्र मंत्रालय द्वारा स्थापित किया गया। यह एशिया में एक अनूठे प्रकार के डिग्री कार्यक्रम, (कालीन एवं वस्त्र प्रौद्योगिकी) में बी.टेक कार्यक्रम को आरम्भ करते हुए वर्ष 2001 में वास्तविक रूप में क्रियाशील हो गया। यह उत्तर प्रदेश प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (UPTU) से सम्बद्ध है तथा A.I.C.T.E. से मान्यताप्राप्त है। संस्थान भदोही रेलवे स्टेशन से लगभग ४ किमी दूरी पर है। Rajkumar Pandey

कालीन उद्योग को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने और इसकी सतत् वृद्धि के लिए तकनीकी विशेषज्ञों, अनुसंधान एवं विकास आदि के रूप में कालीन, वस्त्र एवं अन्य संबद्ध क्षेत्रों को हर सम्भव तकनीकी सहायता मुहैया कराने के प्रयोजन से भारत सरकार, वस्त्र मंत्रालय द्वारा आई आई सी टी स्थापित किया गया था।

इसकी सभी सीटें ए आई ई ई ई और सेन्ट्रल काउंसिलिंग बोर्ड (सीसीबी), नई दिल्ली के माध्यम से भरी जाती है। बी.टेक कार्यक्रम के अतिरिक्त संस्थान ए जी-रिसर्च, न्यूजीलैंड के सहयोग से आई डी एल पी (इंटरनेशनल डिस्टेंस लर्निंग प्रोग्राम) और उद्योगनुमुखी अल्पावधि कार्यक्रम भी चला रहा है। आई डी एल पी में 30 विषयों में से 07 विभिन्न डिप्लोमा शामिल है तो दूसरी तरफ अल्पावधि में 03 कार्यक्रम शामिल हैं। संस्थान आई. एस. टी. ई. और सी आई आई का भी सदस्य है।

इस संस्थान को २००५ में यूके की SGS संस्था द्वारा ISO 9001:2000 प्रदान किया गया था। इस संस्थान की प्रयोगशालाएँ NABL द्वारा प्रमाणित हैं।

विभाग

1. मानव संसाधन विकास (एचआरडी)

  • कालीन एवं वस्त्र प्रौद्योगिकी में बी.टेक. कार्यक्रम
  • अल्पावधि प्रशिक्षण कार्यक्रम
  • कैड
  • कम्पयूटर एवं प्रबंधन
  • रंजन
  • उद्योगोनुमुखी विशेष पाठ्यक्रम तथा आई डी एल पी पैकेज
उद्योग ए जी - रिसर्च, न्यूजीलैंड के सहयोग से आई आई सी टी द्वारा संचालित आई डी एल पी के माध्यम से 6 हजार रुपये प्रति विषय की दर से शुल्क अदा करते हुए निम्नलिखित अपेक्षित विषय / विषयों पर अपने प्रतिनिधि /प्रतिनिधियों को नामांकित कर लाभ उठा सकता है।

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