भारतीय उपमहाद्वीप में रेशम

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कांचीपुरम में साड़ी बनाने के लिए तैयार रेशम का धागा।

भारतीय उपमहाद्वीप में रेशम एक विलासिता की वस्तु रही है। भारत में, कच्चे शहतूत से बनने वाले रेशम का लगभग 97% भाग कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में राज्यों उत्पादित होता है। [१] इसमें भी रेशम उत्पादन का अधिकांश भाग मैसूर और उत्तरी बैंगलोर में होता है। [२] तमिलनाडु एक अन्य उभरता हुआ रेशम उत्पादन केन्द्र है जहां शहतूत की खेती सलेम, इरोड और धर्मपुरी जिलों में केंद्रित है। हैदराबाद (आंध्र प्रदेश) और गोबीचेट्टीपलायम (तमिलनाडु) में पहले पहल रेशम निर्माण की स्वचालित इकाइयों की स्थापना हुई थी। [३]

इतिहास

सिंधु घाटी सभ्यता

19 वीं शताब्दी में रेशम के व्यापारी
'दक्षिणी रेशम मार्ग' खोतान में रेशम की बुनाई (2011 में)

प्राचीन भारत

वाराणसी में परंपरागत रेशम के हैंडलूम ; एक बनारसी साड़ी को बुनने में आमतौर पर दो महीने लगते हैं।
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