कैल्सियम हाइपोक्लोराइट

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
(ब्लिचिंग पाउडर से अनुप्रेषित)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
कैल्सियम हाइपोक्लोराइट

कैल्सियम हाइपोक्लोराइट एक अकार्बनिक यौगिक है। इसका रासायनिक सूत्र CaOCl2 है। यह एक सफेद बेरवेदार ठोस है। इससे क्लोरीन की तीव्र गन्ध निकलती रहती है। पीने के जल के शु्द्धिकरण में इसका उपयोग किया जाता है। क्लोरोफार्म तथा क्लोरीन गैस बनाने में भी इसका उपयोग किया जाता है।

इसे विरंजनचूर्ण (ब्लीचिंग पाउडर) भी कहते हैं। यह चूने का क्लोराइड होता है और देखने में चूने की तरह सफेद होता है पर इसमें क्लोरीन की गंध होती है। इसका निर्माण सर्वप्रथम ग्लैसगो के चार्ल्स टेनैंट ने सन् 1799 में किया था।

परिचय

विरंजन चूर्ण स्थायी नहीं होता। समय बीतने के साथ साथ इसमें क्लोरीन की मात्रा कम होती जाती है, जिससे इसके विरंजन गुण का ह्रास होता जाता है। व्यापारिक विरंजन चूर्ण में विरंजन की दृष्टि से पर्याप्त मात्रा में निष्क्रिय पदार्थ मिले रहते हैं। उच्च ताप पर यह विघटित हो जाता है। वायु की आर्द्रता और कार्बन डाइऑक्साइड से भी इसका विघटन धीरे धीरे होता है।

निर्माण

विरंजनचूर्ण का निर्माण चूने और क्लोरीन से होता है। बुझे चूने पर क्लोरीन की क्रिया से यह बनता है। चूने के दो से तीन इंच गहरे स्तर पर क्लोरीन गैस प्रवाहित की जाती है। चूने का यह स्तर 10 से लेकर 20 फुट चौड़े, 100 फुट लंबे और 6 से लेकर 7 फुट ऊँचे कक्ष में बना होता है और आवश्यकतानुसार समय-समय पर स्तर को उलटते रहने की व्यवस्था रहती है। क्लोरीन का अवशोषण पहले तीव्रता से होता है पर पीछे मंद पड़ जाता है। कक्ष के स्थान में अब नलों का व्यवहार होता है, जिनमें ऊपर से चूना गिरता है और नीचे से क्लोरीन प्रविष्ट करता है और दोनों नलों के मध्य चूने द्वारा क्लोरीन के अवशोषण से तत्काल चूर्ण प्राप्त होता है।

कैल्सियम प्रक्रम द्वारा निर्माण

2 साँचा:chem + 2 साँचा:chemसाँचा:chem + साँचा:chem + 2 साँचा:chem

सोडियम प्रक्रम द्वारा निर्माण

2 साँचा:chem + 3 साँचा:chem + 2 NaOH → साँचा:chem + साँचा:chem + 2 साँचा:chem + 2 NaCl

उपयोग

विरंजनचूर्ण का सूत्र [CaCl (OCl)] दिया गया है। इसमें कैल्सियम का एक बंध क्लोरीन से और दूसरा बंध हाइपोक्लोरस (OCl) मूलक से संबद्ध है। चूर्ण में कुछ असंयुक्त चूना भी मिला रहता है। अत: इसे संघटन का आभास [CaCl. (OCl). Ca (OH)2] सूत्र से बहुत कुछ लगता है। चूर्ण का समस्त क्लोरीन विरंजन के लिए उपलब्ध नहीं होता। अधिक से अधिक 40% क्लोरीन ही उपलब्ध होता है, पर सामान्य चूर्ण में उपलब्ध क्लोरीन की मात्रा सदा ही इससे कम रहती है और समय के बीतने के साथ घटती जाती है। विरंजन के लिए और कृमिनाशक रूप में इस चूर्ण का प्रयोग व्यापकता से होता है, पर चूर्ण के स्थान में अब अन्य कई पदार्थ, जैसे द्रव क्लोरीन, कैल्सियम हाइपोक्लोराइट, [Ca(OCl)22H2O] सोडियम क्लोराइट, [NaClO2], जिनमें उपलब्ध क्लोरीन की मात्रा विरंजनचूर्ण से कहीं अधिक है, अधिकाधिक उपयोग में आ रहे हैं।